मिल्लत काॅलेज के प्राचार्य विजय मिश्रा ने सर सैयद के प्रोग्राम को साजिश के तहत घंटों किया बाधितः बेदारी कारवाँ
दरभंगा- हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आॅल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ ने 17 अक्टूबर, 2019 को मिल्लत काॅलेज के काॅन्फ्रेंस हाॅल में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया था। काॅन्फ्रेंस हाॅल की अनुमति भी बेदारी कारवाँ ने प्राचार्य से लिखित में ले रखी थी। उसके बावजूद प्राचार्य ने साजिश के तहत अपना संघी चेहरा उस वक्त दिखाया जब राजद के राज्यसभा सांसद प्रो0 मनोज कुमार झा, पूर्व मंत्री जनाब अब्दुल बारी सिद्दीकी और पूर्व केंद्रीय मंत्री डा0 शकील अहमद सभागार में पहुँचे। तभी अचानक काॅन्फ्रेंस हाॅल की बिजली कट गई। जब 5-10 मिनट इंतेजार के बाद भी बिजली नहीं आई तो कारवाँ के जिम्मेदारों ने पता किया तो काॅलेज से सभी स्टाफ फरार पाए गए।
यहाँ तक कि मिल्लत काॅलेज के प्राचार्य भी फरार मिले, जब प्राचार्य के मोबाईल पर संपर्क किया गया तो वह फोन पर कारवाँ के जिम्मेदारों को धमकी दे बैठे और कहा कि बिजली का ठेका नहीं ले रखा है और ना ही प्रोग्राम का जब कि दुनिया जानती है कि सर सैयद अहमद खाँ का व्यक्तित्व किया है। ऐसे में प्राचार्य द्वारा इस तरह से सर सैयद के प्रोग्राम को बाधित करना प्राचार्य के संघी चेहरा को उजागर करता है। करीब एक घंटे तक बिजली गायब रही सभी सम्मानित अतिथि खुद को अपमानित महसूस कर रहे थे। अर्थात काॅलेज के सभागार को छोड़ कर पूरे काॅलेज की बिल्डिंग में बिजली थी। जब कारवाँ के जिम्मेदारों ने बिजली मिस्त्री को बुलाया तो पता चला कि सभागार की बिजली का तार काट दिया गया था।
घंटों सम्मानित अतिथि और श्रोता बिना बिजली के कार्यक्रम में मौजूद काॅलेज के प्राचार्य की घटिया और संघी हरकत से परेशान दिखे। कारवाँ के अध्यक्ष नजरे आलम ने प्राचार्य के इस हरकत की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि जब से मिल्लत काॅलेज में विजय मिश्रा को प्राचार्य की जिम्मेदारी दी गई है तब से मिल्लत काॅलेज में सम्प्रदायिकत का माहौल बना दिया है। चूँकि हमारे सभी अतिथि सेक्यूलर छवि के थे इसलिए प्राचार्य मिश्रा को यह बर्दाश्त नहीं हो सका कि उसके रहते यहाँ कोई सम्प्रदायिक चेहरा को क्यूं नहीं बुलाया गया।
पूरे मिल्लत काॅलेज को कबाड़खाना बना कर रख दिया है, शिक्षा व्यवस्था पूर्णतः चैपट होकर रह गई है, किसी भी कार्यक्रम को शांति के साथ होने नहीं देता है। यही कारण है कि यह प्राचार्य साजिश के तहत सर सैयद अहमद खाँ के कार्यक्रम को घंटों बाधित किया और कारवाँ के साथ साथ सभी सम्मनित अतिथि एवं श्रोता को अपमानित करने का काम किया है। श्री नजरे आलम ने कहा कि प्राचार्य को कुलपति 24 घंटे के अन्दर हटाए और किसी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मिल्लत काॅलेज का प्राचार्य बनाए। अगर कुलपति महोदय ने विजय मिश्रा पर अविलंब कार्रवाई नहीं कि तो माननीय न्यायालय में विजय मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जायगा।