बूरी तरह घायल थानाध्यक्ष मोतिहारी के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती
शरीर में भारी चोट, अनेक हड्डियों के टूटने की आशंका
बिहार/ मोतिहारी (फजलुल मोबीन)।पताही थानाध्यक्ष विकास तिवारी पर उस समय शराब कारोबारियों के संगठित गिरोह द्वारा जानलेवा हमला किया गया जब वे एक गुप्त सूचना के आधार पर शराब के कारोबार के ठिकाने पर छापा मारने गए थे। घटना थाना क्षेत्र के ढंगरटोली की बतायी जा रही है। घायल थानाध्यक्ष को मोतिहारी के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है जहाँ उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। घटना की सूचना के बाद घटनास्थल ढांगरटोली चौक पर पुलिस कैम्प कर अभियुक्तों की तलाश कर रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वहां महीनों से अवैध शराब का कारोबार चल रहा था। पताही थानाध्यक्ष शराब के खिलाफ जबरदस्त अभियान चला रखा है। इसके तहत वे अनेक बार छापामारी कर शराब के अवैध धंधे का नेटवर्क ध्वस्त किया है। बताते हैं कि शराब माफियाओं ने योजनाबद्ध तरीके से थानाध्यक्ष पर हमले का प्लानिंग बना रखा था और उन्हें सूचना देकर घटनास्थल पर बुलाया और जोरदार हमला किया। हमलावरों ने थानाध्यक्ष की हत्या की योजना बनाई थी जिसके कारण उन्हें बेरहमी से पीटने के बाद मरा समझ कर खेत में फेंक दिया। बताते हैं कि उन्हें दो किलोमीटर तक खदेड़ कर मारा गया है। संयोग से बगल के सिसवामंगल गांव के लोगों ने थानाध्यक्ष को पीटता देख दौड़ा और उनको उठाकर लाया। बताते चलें कि घटनास्थल पचपकडी ओपी थाना क्षेत्र की सीमा पर है। पचपकडी बाजार में कई धनाढ्य व्यापारी वर्षों से पुलिस के संरक्षण में देशी, विदेशी और नेपाली शराब का कारोबार कर रहे हैं।इन थोक कारोबारियों द्वारा अगल-बगल के गाँवों,चौक-चौराहों, छोटे-छोटे बाजारों में सक्रिय छोटे-छोटे कारोबारियों को शराब आपूर्ति की जाती है।ढांगरटोली में पाया गया शराब पचपकडी के ही किसी बडे़ कारोबारियों द्वारा आपूर्ति की गई बतायी जाती है। ज्ञात हो कि थानाध्यक्ष श्री तिवारी को गुप्त सूचना मिली थी कि ढांगरटोली में शराब की बड़ी खेप पहुंची है। वे एक आरक्षी, एक चौकीदार और अपने चालक के साथ मौके पर पहुंचे और छापेमारी कर बडी़ मात्रा में शराब बरामद किया।थानाध्यक्ष ने मौके पर हीं करीब दो हजार लीटर शराब जमीन पर गिरा कर नष्ट कर दिया। इस बीच शराब माफिया और वहाँ के खुदरा कारोबारियों का दल संगठित हो उन पर जानलेवा हमला बोल दिया।सभी पुलिस कर्मी जान बचाकर भागने लगे।भीड़ ने थानध्यक्ष को निशाना बनाकर खदेड़ने लगे और उन्हें दौड़ा-दौडा़कर लाठी-डंडे से पीट पीट कर बूरी तरह घायल कर दिया। वे बेहोश हो कर गिर पडे़ और शराब माफियाओं तथा उनके समर्थक ग्रामणों ने थानाध्यक्ष को मृत समझ भाग खड़े हो गए। बगल के सिसवा गाँव के नागरिकों ने इस घटना को देखा और बचाव में दौडे़। इन्ही ग्रामीणों ने थानाध्यक्ष को खटिया पर लादकर मुख्य पथ पर लाया जहाँ से उन्हें मोतिहारी के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया।
खबर पाते हीं पुलिस कप्तान उपेन्द्र शर्मा, जिलाधिकारी रमण कुमार, सदर के अनुमंडल पदाधिकारी, डीएसपी, इन्सपेकटर अजय कुमार, छतौनी थानाध्यक्ष आदि पहुँच उनका कुशल क्षेम पूछा। इधर चिकित्सकों ने उनकी हालत चिंता जनक बतायी है और कहा है कि उनके बचाव के लिए सभी संभव उपचार किए जा रहे हैं। दूसरी तरफ सिकरहना और पकडीदयाल डीएसपी के नेतृत्व में भारी संख्या में सशस्त्र पुलिस बल दण्डाधिकारियों के साथ तैनात हो अभियुक्तों की तलाश में जुटे हुए हैं। पुलिस लाइन से भी बडी़ संख्या में पुलिस बल वहाँ भेजे गए हैं। आश्चर्य तो यह है कि जब थानाध्यक्ष पर हमला हुआ तो साथ गयी पुलिस टीम और चालक वाहन लेकर अपने थानाध्यक्ष को मरते देख क्यों भाग खडे़ हो गये।
थानेदार के साथ हुई इस घटना के बाद भी शराब कारोबारियों पर पुलिस अंकुश लगाती है या नहीं यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल बुरी तरह घायल थानाध्यक्ष का मोतिहारी रहमानिया हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है जहां उनकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है।मौके पर मोतीहारी के अभियान एसपी हिमांशु गौरव,पकड़ीदयाल डीएसपी दिनेश कुमार पांडेय, सिकरहना डीएसपी शिवेंद्र कुमार अनुभवी,ढाका सर्किल इंस्पेक्टर राजीव कुमार,मधुबन सर्किल इंस्पेक्टर अशोक महतो पचपकडी ओपी अध्य्क्ष प्रमोद कुमार सहित कई थानों के पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है।