*नया मोटर वाहन अधिनियम आतंक का पर्याय बन गया है,अविलंब वापस ले सरकार:माले*
◆ *माले व आॅटो चालक संघ के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल परिवहन मंत्री से मिला.*
◆ *परिवहन मंत्री ने उच्चस्तरीय कमिटी गठित कर मामले पर विचार का आश्वासन दिया.*
◆ *चेकिंग के दहशत के कारण पटना शहर में 75 प्रतिशत आॅटो बंद.*
◆ *प्रतिनिधिमंडल ने 10 सूत्री ज्ञापन मंत्री को सौंपा.*
प्रेस रिलीज़,पटना 10 सितंबर 2019:भाकपा-माले विधायक सुदामा प्रसाद, बिहार राज्य आॅटो रिक्शा (टेम्पु) चालक संघ – एक्टू के महासचिव मुर्तजा अली तथा उपाध्यक्ष नवीन मिश्रा के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के परिवहन मंत्री से मुलाकात करके अपने 10 सूत्री मांगों का ज्ञापन उन्हें सौंपा. माले विधायक सुदामा प्रसाद ने मंत्री से मुलाकात के बाद कहा है कि नया मोटर वाहन अधिनियम आॅटो चालकों व अन्य वाहन चालकों के लिए आतंक का पर्याप्त बन गया है. इसकी आड़ में आॅटो चालकों से अवैध वसूली की जा रही है. मंत्री महोदय ने इस मामले में एक उच्चस्तरीय कमिटी बनाकर हमारी मांगों पर विचार करने व त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
उन्होंने कहा कि नए मोटर वाहन अधिनियम 2019 ने आॅटो चालकों के लिए भारी मुसीबत खड़ी कर रखी है. सभी वैध कागजात होने के बावजूद गाड़ियों को जब्त किया जा रहा है और उनसे भारी जुर्माना वसूला जा रहा है. जूता नहीं पहनने के दंड स्वरूप 1000 रु. से अधिक का फाईन कर दिया जा रहा है. इतना ही नहीं परिवहन पदाधिकारी द्वारा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए जारी परमिट आॅटो पर नहीं लिखे होने की स्थिति में दो-दो हजार रु. तक का जुर्माना लगाया जा रहा है. यह स्थिति आॅटो चालकों के लिए बेहद ही गंभीर है और इस कारण आज पटना शहर में 75 प्रतिशत आॅटो चालकों ने अपना वाहन चलाना बंद कर दिया है. उनके परिवार के सामने कई प्रकार की समस्याएं उठ खड़ी हुई हैं.
*ज्ञापन की 10 सूत्री मांगें-*
1. पहले जारी किए गए सभी लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाए.
2. पटना शहर में पूर्व में जारी सभी शहरी क्षेत्र परमिट का नवीनीकरण किया जाए.
3. सरकार ने आॅटो-रिक्शा चालकों से 15 साल का रोड टैक्स व 5 साल के परमिट का पैसा वसूला है लेकिन अब कह रही है कि सभी डीजल वाहनों के परमिट रद्द कर दिए जाएंगे और सीएनजी सेवा चलाई जाएगी. सरकार प्रदूषण बढ़ने का तर्क दे रही है. यदि सरकार सचमुच सीएनजी वाहनों को चलाना चाहती है तो इस बात की गारंटी करे कि पुराने वाहन चालक के वाहन की कीमत लगाकर सीएनजी वाहन खरीदने के लिए उन्हें 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करने की गारंटी करे.
4. प्रदूषण केंद्र सरकार के परिवहन विभाग द्वारा ही स्थापित किए गए थे, लेकिन अब नए कानून के तहत प्रदूषण के वे सारे सर्टिफिकेट रद्द कर दिए जाएंगे. इस पर अविलंब रोक लगाई जाए.
5. सभी कागजात के रहने पर आॅटो का जब्त नहीं किया जाए क्योंकि सभी गाड़ी बैंक द्वारा पर लिए गए हैं और कर्ज को समय रहते चुकता करना है.
6. प्रशासन आॅटो चालकों से आॅन द स्पाॅट जुर्माना नहीं वसूलती. बाद में कई तरह के अन्य फर्जी चार्ज भी जोड़ दिए जाते हैं. इसलिए स्पाॅर्ट फाइन की ही व्यवस्था होनी चाहिए.
7. आॅटो रिक्शा के लिए यात्री को चढ़ाने व उतारने का स्थान नियत किया जाए. बिहार सरकार तत्काल टाटा पार्क में स्टैैंड बनाकर आॅटो चालकों के लिए जगह की व्यवस्था करे. हमारी पार्टी इन मसलों पर बिहार सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग करती है.
टाटा पार्क के साथ-साथ जीपीओ ओवर ब्रिज के नीचे तथा कारगिल चैक, गांधी मैदान में स्थायी आॅटो सुविधा युक्त आॅटो स्टैंड की भी स्थापना की जाए.
8. पूर्व में मौखिक समझौते के अनुरूप चालक सीट पर बाईं ओर एक यात्री बैठाने पर जुर्माना नहीं लिया जाए.
9. शहर में चैक चैराहों के पास प्री पेड आॅटो बुकिंग काउंटर स्थापना की जाए ताकि यात्री सुरक्षित रिजर्व यात्रा कर सकें.
10. हम बिहार सरकार से इस मोटर अधिनियम 2019 को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालने की भी मांग करते हैं.
प््रतिनिधिमंडल में उक्त नेताओं के अलावा रविन्द्र तिवारी, मो. बदरूद्दीन व नवल किशोर शामिल थे.