*सीएए, एनपीआर और एनआरसी से गरीबों को होगी सबसे ज्यादा परेशानी*
सीतामढ़ी (इश्तेयाक आलम)पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शकील अहमद ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा है कि भाजपा हिन्दू-मुस्लिम एकता की सबसे बड़ी दुश्मन है। केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार अंग्रेजों की तरह देश के आपसी सौहार्द को बिगाड़ना चाहती है। दिल्ली में हुआ दंगा इसी साज़िश का हिस्सा है। सीतामढ़ी के खेलाफ़त बाग़ में
सीएए, एनपीआर और एनआरसी
के खिलाफ जारी अनिश्चितकालीन धरना को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली को राजनीतिक षड्यंत्र के तहत दंगों में झोंक देने की कोशिश की गई, लेकिन दिल्ली के अमन पसंद लोगों ने हमारी सांझी विरासत को बचा लिया। इससे पूर्व डॉ. शकील अहमद ने आज़ाद चौक, हुसैना के अलावा परिहार के बसवरिया रैन और निसार बाजार सिसवा पर आयोजित धरना को भी संबोधित किया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शकील अहमद ने कहा कि अपने भ्रष्टाचार और निकम्मेपन से देशवासियों का ध्यान हटाने के लिए मोदी सरकार सीएए और एनआरसी के मसले में उलझा रही है। बेरोजगारी, आर्थिक मंदी और भ्रष्टाचार जैसे मामलों से देशवासी बेहाल हैं। लेकिन सरकार की जनता की समस्याओं के समाधान में कोई दिलचस्पी नहीं दिखती। बिहार विधानसभा में एनपीआर और एनआरसी संबंधी प्रस्ताव पारित होने को आंदोलनकारियों की जीत बताते हुए डॉ. शकील अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि अब जल्द से जल्द सीएए और एनआरसी को लेकर जनता की मांग को मान ले और इन काले क़ानूनों को वापस ले ले।
सीतामढ़ी जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष मो.शम्स शाहनवाज़ ने कहा कि देश और संविधान सर्वोपरि है। यह आंदोलन 135 करोड़ देशवासियों के नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए हो रहा है। निश्चित रूप से देश और संविधान की जीत होगी।
मौके पर राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष शफ़ीक़ खान, कांग्रेस जिलाध्यक्ष विमल शुक्ला, सीताराम झा, जुनैद आलम, अलाउद्दीन बिस्मिल, मो.मुर्तुज़ा, परवेज़ आलम, सतेन्द्र तिवारी, मो.शब्बीर, सैयद एजाज़ अनवर, मो.शमीम, नलिनी रंजन झा उर्फ रूपन झा, मो.दोआले, शिवचंद्र मिश्रा, सिकंदर हयात खान, सेराज अहमद, मो.अब्दुल्ला, अफ़रोज़ आलम, मो. कमर अख्तर, जमील अहमद मुन्ना आदि मुख्य रूप से मौजूद थे।