ढाका में धरने के तीसरे दिन भी महिलाओं ने दिखाया दम,अधिक संख्या में बच्चे बूढ़े भी शामिल।

मोतिहारी ( मिल्लत टाइम्स डेस्क/ फजलूल मोबीन )
जिले के ढाका में स्थित आज़ाद बाग में नागरिकता संशोधन कानून(CAA), प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पणजी (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या पणजी (NPR) के विरोध में एस सी, एस टी , ओबीसी और अल्पसंख्यकों द्वारा आयोजित अन्श्चित कालीन धरना का तीसरा दिन भी उत्साह पूर्वक रहा। तीसरे दिन के धरने का आरम्भ भी राष्ट्रगाण से हुआ, धरने में शामिल लोगों द्वारा सामुहिक रूप से राष्ट्रगाण पढ़ा गया। राजेश कुमार राम द्वारा संविधान की प्रस्तावनी पढ़ी गई। और चार-पांच लोगों ने सामुहिक रूप से क्रान्तिकारी नारे लगाए।

आज के दिन के धरने की अध्यक्षता बुद्धिष्ट इंटरनेशनल नेटवर्क के सदस्य हरे राम प्रसाद कुशवाहा और संचालन की राजेश कुमार राम सहसंयोजक संविधान बचाओ संघर्ष मोर्चा सिकरहना ने किया। धरना की अध्यक्ष्ता कर रहे हरे राम प्रसाद ने कहा कि बहुजन, और अल्पसंख्कों के साथ सरकार ने जो भेद भाव वाला कानून CAA पास किया है पूरी दुनिया में इसकी फजीहत हो रही है लेकिन सरकार इस गलती पर हट धर्म बनी हुई है। इसे लागू करना संविधान के अनुच्छेद के साथ खुला मज़ाक है। भीम आर्मी प्रदेश अध्यक्ष चंदन पासवान ने कहा कि आज भारत के शोषित समाज पर जो CAA जैसा काला कानून थोपा गया है यदि सरकार उसे वापस नहीं लेती तो भीम आर्मी देशव्यापी हड़ताल और बंदी करेगी। बहुजन समाज और अल्पसंख्यक समाज को घर-घर जाकर इस कानून के बारे में जागरूक किया जाएगा और उन्हें इस कानून की गलतियों को बताया जाएगा ताकि पुरजोर अंदाज में देशव्यापी आंदोलन जो इस काले कानून के खिलाफ चल रहा है उसे गति दी जाए और सरकार को विवश किया जाए कि वह इस काले कानून को वापस ले। बहुजन और अल्पसंख्यक समाज के लोग सरकार के इस गलत मंसूबे को कतई कामयाब नहीं होने देंगे। संतोष मोहन देव जिला अध्यक्ष भीम आर्मी ने कहा कि सरकार में बैठे उच्च जाति के लोग सदा से ही भारत के बहुजन ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के दुश्मन रहे हैं उन्होंने कभी भी इन समाज के लोगों की कद्र नहीं कि हमेशा इन समाज को नीचा दिखाने का कार्य किया है लेकिन आज वक्त बदल गया है, लोगों की सोच बदल गई हैं, गुलामी की जंजीरे तोड़ी जा चुकी हैं अब अगर उनकी यह सोच है तो वह अपनी सोच में कामयाब नहीं होंगे।

सरकार को सीएए और एनपीआर जैसा काला कानून वापस लेना ही होगा। संघ पाल बहुजन समाज के सदस्य नाथू रवि ने कहा कि सरकार के पास हिंदू मुस्लिम और पाकिस्तान के अलावा कोई मुद्दा ही नहीं है जिस पर वह बात करें महंगाई अपने चरम सीमा पर है, देशवासियों के हुकूक दबाए जा रहे हैं, देश की आर्थिक स्थिति कमजोर से कमजोर हो गई है लेकिन यह सरकार है कि लोगों को हिंदू मुस्लिम के जाल में फंसा कर उनका हक छीनने और अब तो हद ही कर दिया है सरकार ने कि उन्हें देश से बाहर करने की सोच रखने लगे हैं, जिन समुदाय का खून इस देश की बुनियाद में पड़ा है आज उन्हें देश से बाहर करने पर तुले हैं उनका यह मंसूबा हम कामयाब नहीं होने देंगे। भीम आर्मी के सदस्य अरविंद कुमार राम ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि बहुजन समाज के साथ खिलवाड़ करना बंद करें। पूर्व जिला पार्षद जैनब नबी ने महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि महिलाएं अगर पूरी तरह से जाग गई तो सरकार में बैठे इन तानाशाह को भागने का रास्ता तक नहीं मिलेगा। आज लगभग देश की सारी महिलाएं संविधान बचाओ के संघर्ष को सफल बनाने के लिए सड़कों पर उतर गई हैं। और वह आखरी दम तक इस काले कानून के खिलाफ लड़ेंगी। भीम आर्मी के प्रदेश सचिव मोहम्मद शरफुद्दीन कासमी ने कहा कि सरकार उस कौम को डराने की कोशिश कर रही है जो कौम हक के लिए सरकार के आंखों में आंखें डालने का पूरा जज्बा रखती है, जिसे जुल्म के खिलाफ लड़ते रहना ही पसंद है जो हारने का नाम नहीं लेती वैसे कौम के खिलाफ सरकार गलत मंसूबा रखती है और चाहती है कि हम उन्हें धमकाकर इस देश से अलग कर दें वह कभी भी इस समाज के लोगों को डरा नहीं सकते, सरकार को हर हाल में अपना यह काला कानून वापस लेना ही होगा।

धरना में शामिल बालिका फरजाना खातून फरहाना खातून और मुसर्रत जहां ने भी CAA और NPR जैसे काले कानून पर पुरजोर अंदाज में सरकार की मुखालफत की। और महिलाओं को बताया कि किस तरह यह दोनों कानून संविधान के खिलाफ है। विद्यानंद राम ने भी इस काले कानून के विरुद्ध अपने समाज को जागरूक करने की मुहिम चलाने का संकल्प लिया उन्होंने कहा कि सरकार मात्र अल्पसंख्यकों के खिलाफ यह काला कानून नहीं ला रही बल्कि भारत के मूलनिवासी बहुजन ओबीसी और एससी एसटी समाज के लोग भी इस घेरे में आएंगे। इतिहास गवाह है कि RSS ने अपने स्थापना के प्रथम दिन से ही भारत को बांटने का काम किया है। इसके अलावा अन्य वक्ताओं ने भी इस काले कानून के विरोध में धरने को संबोधित किया। वहीं धरने में शामिल महिलाओं ने एक स्वर में यह कहा कि हम तब तक धरने पर बैठे रहेंगे जब तक सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेती। धरने में भारी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल हैं।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity