पटना यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरी का मनाया गया शताब्दी समारोह । पी यू को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने को लेकर उप राष्ट्रपति को छात्रों ने दिखाए पोस्टर , नीतिश ने भी किया समर्थन

पटना यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरी का मनाया गया शताब्दी समारोह ।
पी यू को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने को लेकर उप राष्ट्रपति को छात्रों ने दिखाए पोस्टर , की नारे बाज़ी

नीतीश ने कहा- अगर उपराष्ट्रपति चाहें तो छात्रों की मांग पूरी हो सकती है

पटना / फजलुल मोबीन

पटना यूनिवर्सिटी के छात्रों ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के सामने पोस्टर लहराए और पीयू को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की मांग की। छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर तब हल्ला करना शुरू कर दिया जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। नीतीश ने भी छात्रों की मांग का समर्थन किया और कहा कि इस बारे में उपराष्ट्रपति से बात करेंगे। अगर उपराष्ट्रपति चाहें तो छात्रों की मांग पूरी हो सकती है। नीतीश ने कहा किहमने पटना विवि को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिए जाने की मांग की थी, लेकिन हमारी मांग को खारिज कर दिया गया।
लिहाजा, पटना विवि को आज तक केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा नहीं मिल सका है।वेंकैया नायडू के भाषण के दौरान भी छात्रों ने मांगों को लेकर पोस्टर लहराना शुरू कर दिया।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं दिल्ली जाकर शिक्षा मंत्री से इस विषय पर बात करूंगा और छात्रों के हित में जो भी उचित फैसले लिए जा सकते हैं, लिए जाएंगे। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू रविवार को पटना यूनिवर्सिटी के सेंट्रल लाइब्रेरी के 100 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।
इस मौके पर नायडू ने कहा कि लोग सरकार से कार्यक्रम शुरू करने की मांग करते हैं। मैं यह कहना चाहता हूं कि चाहे राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, कोई भी योजना तब तक सफल नहीं होगी जब तक उसमें जनता की भागीदारी नहीं हो। चाहे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना हो या पेड़ लगाने की योजना, जब तक ये योजनाएं जन आंदोलन का रूप नहीं लेगी तब तक देश आगे नहीं बढ़ सकता।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक समृद्ध पुस्तकालय ज्ञान का मंदिर होता है। जीवन में पुस्तकों का काफी महत्व है। एक प्रसिद्ध दार्शनिक ने कहा था कि बिना किताबों का कमरा बिना आत्मा के शरीर के समान होता है। ज्ञान के लिए पुस्तक और पुस्तकालय के प्रति आकर्षित होना स्वभाविक है। लोग बोलने से पहले सोचें और सोचने से पहले पढ़ें। पढ़ने से ही सोचने की क्षमता विकसित होती है। ये बातें हर उम्र के लोगों पर लागू होती है। हर उम्र के लोगों को पढ़ना चाहिए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा समेत कई मंत्री मौजूद रहे। कार्यक्रम में कई किताबों का भी विमोचन किया गया।

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