डीएमसीएच की लचर व्यवस्था को लेकर इंसाफ मंच ने बुलाई गणमान्य नागरिकों की बैठक।
29 जुलाई को क़िलाघाट में आयोजित होगा प्रतिरोध धरना।
भीगो(दरभंगा) 27 जुलाई
जमाल अतहर रूमी, प्रोo उमेश चंद्र और गंगा देवी की डीएमसीएच में लापरवाही से मौत मामले को लेकर दरभ़ंगा के पूर्व पार्षद नफिसुल हक रिंकु के निवास स्थान नफिसुल हक रिंकू, वार्ड पार्षद रुस्तम कुरैसी और एआईपीएफ के भूषण मंडल की तीन सदस्यीये अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुआ। बैठक में इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद, रियाज खान कादरी, उजैल अहमद अंसारी अकरम सिद्की, मो रेहान, मो तम्मने, मो जावेद, मो उमर, मो आफताब अलि, मकसूद आलम ” पप्पू ख़ाँ, मनोज पासवान, संतोष यादव, मो जमशेद, मो अशलम, मो आरजू आदि ने शिरकत किया। बैठक को सम्बोधित करते हुए इंसाफ मंच के नेयाज अहमद ने कहा कि डीएमसीएच में लापरवाही व लचर व्यवस्था से जमाल अतहर रूमी, प्रो उमेश चंद्र, और गंगा देवी को अपनी जान गवानी पड़ीं हैं। और डीएमसीएच अपनी गलती मानने के बदले उल्टे पीड़ित परिवारों पर मुक़दमा कर दिया। पूरे मामले का उच्चस्तरीय जांच व दोषियों पर कार्रवाई की मांग पर आंदोलन तेज किया जाएगा।
बैठक को सम्बोधित करते हुए अकरम सिद्दीकी ने कहा कि डीएमसीएच में हुई इन मौतों के दोषियों को सलाखों के पीछे भेजकर डीएमसीएच की गुंडागर्दी को खत्म करें और मृतक के परिजनों को न्याय दिलाने में अपना भरपूर सहयोग दे। पूर्व पार्षद नफिसुल हक”रिंकू ने कहा कि जिला पार्षद जमाल अतहर रूमी की डीएमसीएच मौत क़ई सवाल खड़े करते हैं। जब रूमी को कोरोना नेगेटिव होने के बाद भी कोरोना मरीज के रूप में उनका ट्रीटमेंट कैसे हुआ इसका जवाब डीएमसीएच को देना होगा। दरभंगा जिला मुहर्रम कमिटी के सचिव रूस्तम कुरैसी ने कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय देने के बदले उल्टे मुक़दमा करना इंसाफ की हत्या हैं।
बैठक से 29 जुलाई को क़िलाघाट में 12 बजे दिन से लॉकडॉन का पालन करते हुए प्रतिरोध धरना देने का निर्णय लिया गया।