गाड़ी रोकने पर भड़के कृषि अधिकारी,उठक बैठक के बाद पैर छूकर पुलिस से मंगवाया माफ़ी

शहनवाज हुसैन,अररिया / बिहार पुलिस के 55 वर्षीय सिपाही को उस समय दिल से खून का आंसू निकल गया होगा जब वो एक नौजवान जिला कृषि अधिकारी के सामने बेधरक उठक बैठक किया .सिपाही गोनू तत्मा आज अपने ड्यूटी के चलते रो रहे होंगे चूँकि आम तौर पर कर्तव्यनिष्ठ होने वाले कर्मी को सरकार ,विभाग सहित पूरा समाज सलाम करता है लेकिन इस सिपाही को कर्तव्यनिष्ठता से ड्यूटी करना भारी पड़ गया.लॉक डाउन के दौरान बैरगाछी में तैनात गोनू तत्मा ने जब अनजाने में जिला कृषि पदाधिकारी को रोक दिया तो साहब भड़क गये और पैर छूकर माफ़ी मंगवाया ,फिर भी दिल न भरा तो उठक बैठक भी करवाया .

मामला बिहार के अररिया का है.जिला कृषि पदाधिकारी अररिया मनोज कुमार बैरगाछी से गुजर रहे थे जहाँ पुलिस विभाग के वरीय अधिकारी के निर्देशानुसार गोनू तत्मा अपने ड्यूटी पर तैनात थे.उसने सामने से गुजर रहे गाडी को रोकवा के पास माँगा तो गाड़ी में सवार अररिया जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार भड़क गये. अपने वरीय पद का हनक दिखाते हुए कृषि अधिकारी ने उन्हें न केवल डांटा बल्कि खूब सुनाया.वहीँ पुलिस विभाग के एक दारोगा जो वहीँ तैनात थे अपने सिपाही द्वारा जिला कृषि अधिकारी के रोकने को बर्दाश्त नही कर पाए .उसने तुरंत आदेश दिया कि तुमने वरीय अधिकारी का गाड़ी रोका इससे हमारी बेइज्जती हुई है तुरंत पैर छूकर माफ़ी मांगो ,आदेश का पालन करते हुए सिपाही गोनू तत्मा तुरंत पैर छूकर माफ़ी मांगा ,इससे भी दारोगा जी का दिल न भरा तो उसने उठक बैठक का फरमान दिया उसे भी उस बुजुर्ग पुलिस बल ने पूरा किया.

अब बड़ा सवाल है कि पुलिस के जवान कैसे ड्यूटी करे.कई बार ये होता है कि कनीय अधिकारी कई वरीय अधिकारी को नही पहचान पाते है .इसी कड़ी में आज अररिया के इस सिपाही ने इन्हें नही पहचान पाया तो क्या इसे जो सजा मिली वो जायज है ?डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय खुद चौकीदार ,सिपाही ,दारोगा को फोन कर मुस्तैदी से ड्यूटी करने का निर्देश देते है और प्रोत्साहित करते है लेकिन इस कृषि अधिकारी और दारोगा ने बिहार पुलिस के टोपी को जुत्ती के नीचे दबा दिया.उस दारोगा ने तो पुलिस के इस वर्दी को कृषि अधिकारी के चमचई करने में नत मस्तक कर दिया.

बड़ा सवाल है कि अगर ऐसे मामले में पुलिस के जवान को इस तरह झेलना पड़े तो क्या वो डीजीपी के आदेश का पालन कर पायेंगे,क्या बिहार को सुशासन युक्त कायम कर पाएंगे ? अब देखना दिलचस्प होगा कि इस खबर के बाद उस दारोगा और कृषि अधिकारी मनोज कुमार पर क्या कार्रवाई होती है.

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity