शिवसेना का BJP पर निशाना,कहा-राष्ट्रपति आपकी जेब में हैं क्या?

नई दिल्ली, महाराष्ट्र में 24 अक्तूबर को चुनाव परिणाम आए थे लेकिन आठ दिन बाद भी सरकार गठन को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। भाजपा और शिवसेना अपनी-अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं। दोनों ही पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर बयानों के तीर छोड़ रहे हैं। इसी बीच शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता से मुलाकात की। जिसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से सरकार बनाने की कोशिश कर रही है। वहीं सामना के जरिए शिवसेना ने भाजपा पर फिर हमला बोलते हुए पूछा है कि क्या राष्ट्रपति आपकी जेब में हैं कांग्रेस नेता व महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद हुसैन दलवई ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि यदि शिवसेना राज्य में अगली सरकार बनाने का प्रस्ताव लेकर आती है तो उसे समर्थन दिया जाए। उन्होंने पत्र में लिखा, ‘शिवसेना और भाजपा अलग हैं। सेना ने प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन दिया था। शिवसेना भाजपा के मुकाबले अतिवादी पार्टी नहीं हैं। भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए हमें सेना का समर्थन करना चाहिए।’

वहीं भाजपा नेता ने जल्द सरकार गठन न होने की सूरत में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कही। जिसपर शनिवार को शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘सत्ताधारी पार्टी के एक नेता कह रहे हैं कि यदि सरकार गठन में देरी होगी तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है। क्या यह चुने हुए विधायकों के लिए धमकी है?’ शरद पवार से मुलाकात को लेकर राउत ने कहा कि भाजपा शिवसेना को छोड़कर सब एक-दूसरे से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र में जिस तरह की परिस्थिति पैदा हो गई है उसमें सभी राजनातिक पार्टियां एक-दूसरे से बात कर रही हैं। केवल शिवसेना-भाजपा बात नहीं कर रही हैं।’

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए भाजपा नेता के राष्ट्रपति शासन लगाने संबंधी बयान को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। पार्टी ने सामना में लिखा, राष्ट्रपति आपकी जेब में हैं क्या? वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार की राष्ट्रपति शासन की दी गई धमकी लोकतंत्र विरोधी है। महाराष्ट्र की जनता द्वारा दिए गए जनादेश का अपमान है। जन्म के बाद सिर्फ हम ही सरकार में रहेंगे। भले ही खुद के पास बहुमत न हो, लेकिन इसके बावजूद किसी दूसरी पार्टी को राज करने नहीं देंगे, यह सोच घातक है। भाजपा का शासन नहीं आया तो क्या राष्ट्रपति की मुहरवाला रबर स्टैंप आप थोप नहीं सकते। राष्ट्रपति शासन की धमकी देना कानून और संविधान का मखौल उड़ाना है। देश किसी की जेब में नहीं।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity