6 अक्टूबर लखनऊ
आज़मगढ़ से पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने अभी प्रदेश मुख्यालय में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आज़्मी की अगुवाई में समाजवादी पार्टी जॉइन की
बताते चलें कि सपा महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आज़्मी लगभग साल भर से रमाकांत यादव कल सपा में शामिल करवाने के लिये प्रयास कर रहे थे और लोकसभा चुनाव से पहले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और रमाकांत यादव के बीच मीटिंग भी करवा चुके हैं लेकिन अखिलेश यादव ने हरी झंडी नहीं दी थी जिसकी वजह से अब तक सफल नहीं हो सके थे लेकिन बताया जारहा की 29 सितम्बर को अबू आसिम ने फिर रमाकांत के सिलसिले में सपा सुप्रीमो से मुलाकात की थी तो अखिलेश यादव ने 29 को ही हरी झंडी दे दी थी
बता दें कि वर्ष 2019 में बीजेपी से टिकट न मिलने से नाराज रमाकांत ने कांग्रेस का हाथ पकड़ा था. कांग्रेस ने उन्हें भदोही से मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें बीजेपी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. इतना ही नहीं उनकी जमानत भी जब्त हो गई थी. निर्दलीय राजनीति की शुरुआत करने वाले रमाकांत यादव मुलायम सिंह के करीबी हुआ करते थे।
लाश भी सपा में न जाने की कही थी बात
समाजवादी पार्टी में जाने का ऐलान करने वाले रमाकांत ने अब यू-टर्न ले लिया है. हालांकि, बीजेपी उनके इस फैसले को राजनीतिक स्वार्थ बता रही है. बता दें आजमगढ़ में बाहुबली छवि वाले रमाकांत ने वर्ष 2004 में सपा से बाहर होने के बाद कहा था कि अब वे तो क्या उनकी लाश भी सपा में नहीं जाएगी. लेकिन, अब उनका कहना है कि अभी वह जीवित हैं. उधर, बीजेपी ने रमाकांत को राजनीति में मृतक बताया है।
निरहुआ को टिकट मिलने पर छोड़ी थी पार्टी
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने आजमगढ़ सीट से भोजपुरी स्टार निरहुआ को टिकट दे दिया. इससे नाराज होकर रमाकांत ने कांग्रेस का दामन थम लिया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी हमला बोला था. पूर्व सांसद ने कहा था कि आजमगढ़ में गठबंधन के चलते उनके समर्थक अखिलेश यादव को वोट करेंगे. वहीं, जनता तय करेगी कि नाचने-गाने वाले को जिताना है या अखिलेश को. बता दें साल 2014 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर आजमगढ़ से सपा के मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था. हालांकि, उन्हें करीब 30 हजार मतों से हार का सामना करना पड़ा था. इस बार रमाकांत को उम्मीद थी कि उन्हें फिर से टिकट मिलेगा, लेकिन बीजेपी ने भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ़ निरहुआ को दे दिया. इसी वजह से वे नाराज हो गए।
चार बार विधायक व सांसद रह चुके हैं रमाकांत
गौरतलब है कि रमाकांत यादव वर्ष 1985 में आजमगढ़ से पहली बार निर्दलीय विधायक चुने गए थे. इसके बाद 1989 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, फिर 1991 में समाजवादी जनता पार्टी और 1993 में सपा के टिकट से विधायक बने. 1996 और 1999 में वे आजमगढ़ से सपा के टिकट पर लोकसभा पहुंचे. इसके बाद 2004 में बसपा और 2009 में फिर सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा का सफ़र तय किया. रमाकांत यादव चार बार विधायक और चार बार सांसद रह चुके हैं।