मुजफ्फरूल इस्लाम,मिल्लत टाइम्स:घोसी(मऊ)। गत सोमवार को जनपद के दौरे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन को लेकर जनपद सहित किसान सहकारी चीनी मिल घोसी के कर्मचारियों एवं मजदूरों को आस जगी की माननीय मुख्यमंत्री का आगमन घोसी चीनी मिल के परिसर में हो रहा है। लोगो का मानना था कि मुख्यमंत्री के चीनी मिल आगमन पर मुख्यमंत्री द्वारा घाटे में चल रही चीनी मिल को भी विकसित करने के लिए कुछ न कुछ अनुदान जरूर देंगे। लेकिन माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लोगो की मंशा पर पानी फेर दिया। जिस परिसर में आये उस चीनी मिल के विकास के लिये कुछ भी न देते हुए अरबों की लागत से 95 योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। जो कि एक घोर निदनीय है।
जब वही हमारे संवाददाता ने किसान सहकारी चीनी मिल यूनियन के महामंत्री शिवाकांत मिश्रा से बात की तो उन्होंने बताया कि जब हम लोगो को पता चला कि माननीय मुख्यमंत्री का आगमन 16 सितंबर को चीनी मिल के मैदान में होना है तो हम लोगो कि आस जगी की कई महीनों से वेतन न मिलने की वजह से कर्मचारी व मजदूर भुखमरी के कागार पर पहुंच गए है। उनका कुछ न कुछ निदान हो सकेगा लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा अरबो की लागत से 95 योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया तो वही चीनी मिल को इस योजना में शामिल न करने से कर्मचारियों व मजदूरों में काफी मायूसी छा गयी।
तो वहीं ज़मानत अब्बास ने बताया कि 16 सितंबर को मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर 3 दिन पूर्व से प्रशासन जनसभा स्थल से लेकर चीनी मिल गेट तक साफ सफाई व सड़क को दुरुस्त कराने में लगी थी तो हम लोगो ने समझा कि कम से कम मुख्यमंत्री के आगमन से चीनी मिल की सड़कें पहले की तरह सही हो जाएंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ
। जिला प्रशासन ने सड़क मरम्मत के नाम पर केवल लीपापोती कर अपना पल्ला झाड़ लिया। इसी क्रम में चीनी मिल में कार्यरत मनोज कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जब योगी जी गरीब मजदूरों की बात करते है तो वहीं इस चीनी मिल में लगभग 6 महीने से वेतन न मिलने की वजह से कर्मचारी व मजदूर के बच्चों का भविष्य अंधेरे में है तो वही उनका परिवार भी भूखमरी के कगार पर पहुँच चुका है। तो वही किसान सहकारी चीनी मिल घोसी भी जर्जर स्थिति में है।
विगत 16 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ को एक विश्वविद्यालय एवं हवाई पट्टी बनाने की बात कही लेकिन मऊ जनपद को देने वाली किसी भी सौगात की घोषणा नहीं की। लेकिन विगत कई माह से वेतन न मिलने से भुखमरी के कगार पर पहुंचे उन चीनी मिल कर्मचारियों की कोई सुधि नहीं ली और ना ही मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुकी ज़िले की एकमात्र चीनी मिल को उबारने की कोई चर्चा की।इस तरह इस चीनी मिल परिसर में मुख्यमंत्री का आगमन “चिराग तले अंधेरा” वाली कहावत को चरितार्थ करता है।