घोसी( मऊ )स्थानीय नगर के क़ाज़ी पूरा स्थिति मदरसा उस्मानिया में देश में मुसलमानों पर ज़ुल्म व वह माब लिंचिंग के खिलाफ और विशेष रूप से कश्मीरियों को उत्पीड़न से मुक्त करने के लिए दुआओं का आयोजन किया गया।
समारोह की अध्यक्षता मौलाना इरशाद नोमानी व संचालन हाफिज़ मोनिरुल इस्लाम ने की
हाफ़िज़ मुज़फ़्फ़रूल इस्लाम ने सम्बोधित करते हुए छात्रों से कहा कि हमें आज हर जगह अपमानित किया जा रहा है। यह कुरान और धर्म से दूरी का नतीजा है।
वही देखा जाये तो आज देश में हर जगह अराजकता का माहौल बना हुआ है
कश्मीर को मानव जेल में तब्दील होते हुए लगभग डेढ़ महीना बीत चुका है, और अब कश्मीर दुनिया में मानव कैदियों के लिए सबसे बड़ी जेल है।
जिसमें उन्हें बुनियादी जीवन सुविधाओं से वंचित किया गया है और पूरी दुनिया के साथ उनका संपर्क काट दिया गया है।
यह तो वह और उनके भगवान जानते हैं कि उनपर क्या बीत रही है।
और बाद में मौलाना अज़ीमुर्राहमान कासमी ने अपने संबोधन में कहा कि हम कश्मीरी मुसलमानों के उत्पीड़न की निंदा करते हैं।
मानव संसार खुले तौर पर घोर मानवाधिकारों के उल्लंघन का तमाशा देख रहा है ,और लोगों के कानों पर एक जूं तक नहीं रेंग रही है यह बहुत चिंता का विषय है।
कश्मीरी मुसलमानों के लिए मुसीबत के समय में भारत के मुसलमानों को अपनी तरफ से सच्चे दिल से प्रार्थना करनी चाहिए। मस्जिदों के विद्वानों और इमामों से भी अनुरोध किया जाता है कि वे कश्मीरी मुसलमानों के लिए विशेष प्रार्थना का आयोजन करें और मुसलमानों से भी ऐसा करने का आग्रह करें। क्योंकि प्रार्थना का बड़ा महत्व है। नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया:
तुम्हारा रब सबसे दयालु और दयावान है। जब बंदा बेचैन हो कर प्रार्थना के लिए अपना हाथ उठाता है, तो उसे खाली हाथ वापस करने में शर्म आती है।
इस अवसर पर मदरसा नाज़िम काज़ी फ़ैज़ुल्लाह, मौलाना अज़ीमुर्राहमान क़ासमी, हाफ़िज़ मुज़फ़्फ़रूल इस्लाम, हाफ़िज़ मुनीर-उल-इस्लाम, मौलाना इरशाद नोमानी, नाज़िमा खातून फातिमा खातून, अमाना खातून, फातिमा खातून और बहुत से लूग मौजूद रहे।