ओला-उबर वाले बयान पर नितिन गडकरी ने किया सीतारमण का बचाव, सार्वजनिक परिवहन को बताया मंदी इसकी वजह

ऑटो सेक्टर में मंदी को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा था कि ओला और उबर जैसी टैक्सी सेवाओं में युवाओं की बढ़ती दिलचस्पी इसकी एक बड़ी वजह है। इस बयान को लेकर वित्त मंत्री की काफी आलोचना भी हुई थी। वहीं, सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज सीतारमण का बचाव किया। गडकरी ने कहा कि वित्त मंत्री के बयान को गलत समझा गया। उन्होंने कहा था कि मंदी के पीछे कई वजहें हैं, ओला और उबर उन वजहों में से एक है।

गडकरी ने सार्वजनिक परिवहन को भी इसका बड़ा कारण बताते हुए कहा कि पूरे देश में सार्वजनिक परिवहन बेहतर होना भी मंदी की एक वजह है। एक ऑटोमोबाइल कंपनी के कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि पिछले कुछ महीने में ऑटो सेक्टर में आ रही लगातार के गिरावट के पीछे कई कारण रहे हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि जैसे ई-रिक्शा की बिक्री बढ़ने से सामान्य ऑटो रिक्शा की बिक्री प्रभावित हुई है।

मंदी से उबरने के लिए ऑटो सेक्टर की ओर से सरकार से मदद की मांग भी की गई थी। इसमें जीएसटी को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने की मांग की गई थी। इसे लेकर गडकरी ने कहा कि जीएसटी पर कोई भी निर्णय जीएसटी काउंसिल ही लेगी। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि वित्त मंत्री जीएसटी घटाने के लिए राज्यों से बात करेंगी।

इससे पहले भी गडकरी ने नए मोटर वाहन नियम के तहत सड़क के नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना बढ़ाए जाने को सही बताते हुए कहा था कि इससे पारदर्शिता आएगी। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने से व्यवस्था पारदर्शी होगी, इससे भ्रष्टाचार नहीं होगा।

ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए संशोधित मोटर वाहन एक्ट के अनुसार बढ़ी जुर्माने की रकम में गुजरात सरकार ने मंगलवार को कटौती कर दी। कई जुर्माने को तो लगभग आधा ही घटा दिया गया। इस मामले पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि हमने राज्यों इस बात की जानकारी ली है। कोई भी राज्य इस एक्ट से बाहर नहीं जा सकता।

(अमर उजाला,इनपुट)

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