अशफाक कायमखानी।सीकर।
राजस्थान मे अनेक दफा जनहित के मुद्दों को लेकर सरकार व प्रशासन को छकाकर सफल आंदोलन चलाकर अपनी मांग मनवाने के माहिर पूर्व विधायक अमरा राम को सीकर की पुलिस ने छात्र-छात्राओं पर बीना वजह बरबरता पूर्वक लाठीचार्ज करके अनेक छात्र-छात्राओं को गम्भीर रुप से घायल करने के साथ अनेक छात्रो व माकपा नेताओं की गिरफ्तारी करने के अतिरिक्त छात्राओं को पुरुष पुलिसकर्मियों व अधिकारियों द्वारा सरेआम पीटने व पकड़कर घसीटने के वीडियो वायरल होने के बाद से माकपा को जनता की काफी हद तक हमदर्दी व पुलिस के खिलाफ नकारात्मक छवि बनती जा रही है।
28-अगस्त को सीकर गलर्स कालेज छात्रसंघ चुनाव की मतगणना फिर से करवाने की मांग को लेकर ज्ञापन देने जा रहे वामपंथी छात्र शाखा एसएफआई के छात्र-छात्राओं पर पहले कल्याण सर्किल पर पुलिस लाठीचार्ज करने के बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने माकपा कार्यलय पर धावा बोलकर वहां बेठे माकपा नेताओं व छात्रो को पीटते हुये बाहर लाकर गिरफ्तार करने को आमजन के पुलिस ज्यादती मानने के बाद जनता से आ रही सकारात्मक प्रतिक्रिया को भांपकर अगले ही दिन अमरा राम ने कलेक्ट्रेट के सामने सभा मे विशाल भीड़ जमा करके सरकार के सामने मुश्किल हालात पैदा कर दिये है।
हालांकि कोमरेड अमरा राम के सक्रीय होते ही पुलिस ने गिरफ्तार छात्रो को देर रात रिहा कर दिया था। पूर्व विधायक कामरेड पेमाराम सहित कुछ नेताओं को गिरफ्तार करके न्यायालय मे पेश करके न्यायालय के आदेश पर जैल भेज दिया था। जिन नेताओं की अगले दिन जमानत पर रिहाई के आदेश न्यायालय द्वारा होने पर वो नेता रिहा हो गये। पुलिस ने आंदोलन की लगी आग मे पानी डालने की कोशिश करते हुये छात्रा के साथ मारपीट करते विडीयों मे नजर आ रहे सब इंस्पेक्टर व सिपाही को लाईन हाजिर करने के आदेश भी जारी किये थे।
सफल लम्बा आंदोलन चलाकर सरकार व प्रशासन को थकाकर अपनी मांग मनवाने के माहिर कामरेड अमरा आराम ने छात्र जीवन से लेकर सरपंच काल को पार करते हुये विधायक व अब माकपा राज्य सचिव के पद पर रहते हुये अनेक आंदोलन चलाये है। जिनमे 1987 मे किसान छात्रवास गोलीकांड (छात्र कानाराम का शहीद होना) के अलावा जयपुर मे किसान पड़ाव के बाद करीब दो सप्ताह सीकर सहित प्रदेश के अधिकांश जिलो मे महापड़ाव सहित अनेक आंदोलन चला कर सफल आंदोलन कर्ता के तौर पर पहचान बना चुके है।
तीस अगस्त को कामरेड अमरा राम द्वारा जनता व अनेक दलो द्वारा मिली सहानुभूति का ठीक ठीक इस्तेमाल करते हुये माकपा के विधायकों व नेताओं की मोजूदगी मे सीकर कलेक्ट्रेट पर विशाल सभा करके पुलिस अधीक्षक व उप पुलिस अधीक्षक सौरव तिवारी सहित दोषी पुलिस अधिकारियों व कर्मियो के खिलाफ निलम्बन की कार्यवाही करने की मांग उठाने के बाद अगले दस दिन का समय देते हुये आठ सितंबर को आंदोलन का बडा रुप देखने का संकेत दिया है। माकपा की आज की सभा मे मुस्लिम समाज के भी बडी तादाद मे लोग कामरेड अमरा राम को समर्थन देने सभा स्थल पहुंचे ओर जुमा की विशेष नमाज भी वही सभा स्थल पर अदा की गई।
सूत्र बताते है कि पूर्व विधायक अमरा राम आंदोलन को हमेशा लम्बा चलाते है। मध्य मे मिलने वाले समय मे वो आम जनता को आंदोलन के प्रति भावूक व सजग करते है। ताकि आंदोलन मे जरूरत के मुताबिक लोग हर तरह की आहुति देने को तत्पर रहे। आज की सीकर सभा मे प्रशासन व सरकार को दस दिन का समय देने के पीछे भी यही राज छुपा हुवा बताते है कि वामपंथी कार्यकर्ता गावं-गांव, ढाणी-ढाणी व घर घर जाकर आमजन को पुलिस ज्यादती की ठीक से तस्वीर सामने रखकर आंदोलन के लिये अधिकाधिक समर्थन जुटायेगे।
हालांकि सीकर जिले मे माकपा के एक एक दफा कामरेड त्रिलोक सिंह व पेमाराम विधायक रहे एवं चार दफा कामरेड अमरा राम विधायक रह चुके है। कामरेड त्रिलोक सिंह माकपा के फाऊंडर थे वही अमरा राम ने माकपा को विस्तार दिया है। वैचारिक तौर पर भाजपा की माकपा सख्त विरोधी है। लेकिन चुनाव मे मतो के हिसाब से जिले मे माकपा का मुकाबला कांग्रेस से होता आया है। अक्सर माकपा को हराने भाजपा व कांग्रेस एक साथ छात्र यूनियन व विधानसभा चुनाव मे नजर आते है। तभी कांग्रेस व भाजपा जैसी दोनो पार्टियों की सरकार मे पुलिस माकपा के सीकर दफ्तर पर धावा बोलती रहती है। 28-अगस्त को तो पुलिस से वरिष्ठ अधिकारी भी माकपा दफ्तर पर धावा बोलने पुलिस कर्मियों के साथ पहुंच जाने की चर्चा आमजन की जबान पर आ चुकी है।
कुल मिलाकर यह है कि विधानसभा व लोकसभा चुनाव मे हार जाने के बाद से माकपा नेता शांत नजर आ रहे थे। लेकिन 28-अगस्त को पुलिस द्वारा कल्याण सर्किल पर छात्र-छात्राओं पर बरबरता पूर्वक बीना वजह लाठीचार्ज करके पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष नवदीप शेखावत के हाथ पैर तोड़ने के अलावा अनेको को घायल करने के बाद पुलिस के सीनियर अधिकारियों द्वारा फोर्स के साथ माकपा दफ्तर पर धावा बोलने के वीडियो वायरल होने के बाद माकपा के प्रति जनता मे हमदर्दी पैदा होना देखा जा रहा है। छात्रा के साथ पुरुष पुलिस अधीकारी व सिपाही द्वारा पकड़ कर मारपीट करने की तस्वीरे अखबारात मे छपने व सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लगता है कि पुलिस कार्यवाही ने पंचायत व स्थानीय निकाय चुनाव के पहले कामरेड अमरा राम को आंदोलन के लिये एक बढिया मुद्दा हाथ मे थमा दिया है। पुलिस कार्यवाही पर कांग्रेस विधायकों की चुप्पी की भी आमजन की जबान पर खासी चर्चा है। दूसरी तरफ माकपा तहसील सचिव राम रतन बगड़ीया ने अनेक पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोतवाली मे रपट दर्ज कराने अर्जी भी पेश की है।