।अशफाक कायमखानी।जयपुर।
अलवर की अपर जिला अदालत द्वारा पहलू खान हत्या मामले में सभी आरोपियों को अदालत ने संदेह का लाभ देते हुये सभी आरोपीयो को दोषी नहीं मानते हुये बरी करने का फैसला सूनाया है। जिसको अनेक संगठन बहुत ही अफसोस जनक बता रहे है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व गृहमंत्री गुलाब चन्द कटारिया के नेतृत्व मे राजस्थान पुलिस ने 31 मई 2017 व दूसरा 28 अक्टूबर 2017 को दो चालान अदालत मे पैश किये वह बहुत ही कमजोर थे। पीयूसीएल का मानना है कि जांच अधिकारी, अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक कोटपुतली राम स्वरूप शर्मा ने सही जांच न कर व राजनैतिक दबाव में आकर कमजोर चालान दायर किया जिसमें उच्च पुलिस अधिकारी भी पूर्णरूप से शामिल थें।
पीयूसीएल के कार्यकर्ता ने बताया कि मिसाल के तौर पर, जो चालान दायर किया गया उसमें राजस्थान पुलिस ने जान बूझ कर जो मुख्य साक्ष्य दो विडियों थे, जिसमे पहलू खान को बेहरमी से पटक पटक कर मारा जा रहा था, उन विडियों को एफ.एस.एल. की जांच नहीं करवाई, मोबाईल बनाने वाले को साक्ष्य के रूप में पेश नही किया और तो और ना ही मुल्जीमों की पहचान परैड करवाई गई। फैसले ने स्पष्ट कर दिया हैं कि इस देश में गाय के नाम पर जो मारा जायेगा उसको न्याय नहीं मिलेगा। एक तरिके से अदालत के इस फैसले से गौरक्षा के नाम पर कानून को हाथ में लेकर मुसलमानों को निशाना बना कर मार रहे गौ गुण्डो के हौसले ही बढेगें हैं। यह बहुत अफसोस जनक हैं कि जिस पहलू खान की हत्या को लेकर देशभर से लोग खडे हुये थे, व विडियो मे साक्ष्य भी उपलब्ध थे, उस मसले में सभी आरोपी बरी हो जाये तो आम व्यक्ति न्याय के लिए कहां जायेगा अगर इसी तरह से न्याय पर आघात होने लगे।
मानवाधिकार संगठन पी.यू.सी.एल. राजस्थान अभियोजन को राय देगा कि वह राजस्थान उच्च न्यायालय में जल्द से जल्द अपील दायर करे व उच्च न्यायालय के माॅनीटरिंग में पूनः जांच व ट्रायल करवाया जाये। PUCL पहलु खान के परिवार वालों व साथियों से अपील करना चाहता है, की वे निराश नहीं हों, न्याय ज़रूर मिलेगा I
ज्ञात हो कि पहलू खान को 1 अप्रैल 2017 को बहरोड़ में गाय के नाम पर गुण्डागर्दी कर रहे अनेक लोगों ने पकड़ कर बूरी तरह पीटा जब वह हटवाड़ा रामगढ़, जयपुर जिला से 45 हजार रूपये में दो गाय खरीदकर अपने बेटे व अन्य साथियांे के साथ गांव जयसिंहपुर, तहसील नूह, जिला मेवात, हरियाणा लौट रहे थे। उनके साथ अजमत जिसने 70 हजार में दो गाय खरीदी थी सभी को रोका गया था। पांचो को मारा था, पहलू खान, अजमत, रफीक, इर्शाद व आरिफ व पहलू खान को बहुत गंभीर चोटे आई थी, 11 पसलियां टूटी थी जो फैफडों में घुसी थी। अजमत के रीढ की हडी व दोनो आंख व सीर पर चोट आई थी और रफीक के कान व नाक में गंभीर चोटे आई थी। पहलू खान की मौत 4 अप्रैल 2017 को कैलाश अस्पताल में हुई थी, राजस्थान पुलिस ने उन्हें जयपुर तक रैफर नहीं किया। जो नाम पहलू खान ने अपने पर्चा बयान में दिये थे उन्हें पुलिस ने जांच के बाहर ही कर दिया था। ट्रायल, सुनवाई अलवर की अपर जिला अदालत में सिर्फ 6 वयस्क मुल्जीमों की हुई अन्य 3 नाबालिग की सुनवाई बाल अपराध न्यायालय अलवर में हो रही हैं।