मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी नेगुरुवार रात राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर, एक परिवार के तौर पर आपने, हमने पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। एक ऐसी व्यवस्था जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे। जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी, वो हम सबके प्रयासों से अब दूर हो गई है।
उन्होंने कहा- 370 और 35ए ने जम्मू-कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवार, भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया।इन दोनों अनुच्छेद का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तान द्वारा एक शस्त्र के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था। इसकी वजह से पिछले तीन दशक में लगभग 42 हजार निर्दोष लोग मारे गए। ये आंकड़ा किसी की भी आंख में आंसू ला देता है।
मोदी ने कहा- जो सपना पटेल का था, अंबेडकर का था, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, अटलजी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो सपना अब पूरा हुआ है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक नए युग की शुरुआत हुई है। देश में सभी नागरिकों के हक और दायित्व समान हैं। मैं कश्मीर, लद्दाख के लोगों और हर देशवासी को हृदय से बधाई देता हूं।
उन्होंने कहा- कुछ बातें समय के साथ इतनी घुल-मिल जाती हैं कि कई बार उन चीजों का मन में स्थायी भाव बन जाता है। भाव आ जाता है कि कुछ बचेगा ही नहीं। अनुच्छेद 370 के साथ भी ऐसा ही हुआ। उसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जो हानि हो रही थी, उसकी चर्चा ही नहीं होती थी। हैरानी की बात ये है कि आप किसी से भी बात करें तो कोई ये भी नहीं बता पाता था कि 370 से जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन में क्या लाभ हुआ।
मोदी ने कहा- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का विकास उस गति से नहीं हो पाया जिसका वह हकदार था। व्यवस्था की यह कमी दूर होने से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों का वर्तमान तो सुधरेगा ही, उनका भविष्य भी सुधरेगा।सरकार देश की भलाई के लिए काम करती है। कोई भी दल हो या कोई भी गठबंधन, ये काम हमेशा चलता रहता है। बहस और चिंतन-मनन होता है।
मोदी ने कहा- इस प्रक्रिया से गुजरकर जो कानून बनता है, वो पूरे देश के लोगों का भला करता है। लेकिन, कोई कल्पना नहीं कर सकता कि संसद इतनी बड़ी संख्या में कानून बनाए और वो कानून देश के हिस्से में लागू ही ना हो। यहां तक कि पहले की जो सरकारें एक कानून बनाकर वाहवाही लूटती थीं, वे भी यह दावा नहीं कर पाती थीं कि उनका बनाया कानून जम्मू-कश्मीर में भी लागू होगा। जो कानून देश की पूरी आबादी के लिए बनता था, उसके लाभ से जम्मू-कश्मीर के डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग वंचित रह जाते थे।
उन्होंने कहा- देश के अन्य राज्यों में बच्चों को शिक्षा का अधिकार है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के बच्चे इनसे वंचित थे। क्या गुनाह है उन बच्चों का। बेटियों को जो सारे हक मिलते हैं, वो सारे हक जम्मू-कश्मीर में नहीं मिलते। देश के अन्य राज्यों में सफाई कर्मचारियों के लिए सफाई कर्मचारी लागू है, लेकिन वहां के कर्मचारी इससे वंचित थे। दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए देशभर में सख्त कानून हैं, लेकिन कश्मीर में ऐसा नहीं था। अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए देशभर में माइनॉरिटी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं था। मजदूरों के लिए मिनिमम वेजेज एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में काम करने वालों को केवल कागजों में ही लटका मिलता था। चुनाव के वक्त एससी-एसटी को आरक्षण का लाभ मिलता था, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं था।
मोदी ने कहा- आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद उसके नकारात्मक परिणामों से भी जम्मू-कश्मीर जल्द बाहर निकलेगा। नई सरकार में यह प्राथमिकता रहेगी कि कर्मचारियों को सभी सुविधाएं मिलें, जो केंद्र शासित प्रदेशों में मिलती हैं। हेल्थ स्कीम, रेंट अलाउंस, बच्चों की शिक्षा के लिए अलाउंस यह सब मिले। यह अभी तक कश्मीर के कर्मचारियों को नहीं मिलती हैं। ऐसी सुविधाओं का तत्काल रिव्यू कराकर पुलिस और कर्मचारियों और उनके परिजनों को ये सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। जल्दी ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सभी केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। स्थानीय नौजवानों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
उन्होंने कहा-सेना और अर्ध सैनिक बलों द्वारा स्थानीय युवकों की भर्ती के लिए रैलियों का आयोजन किया जाएगा। प्रधानमंत्री स्कॉलरशिप योजना का भी विस्तार किया जाएगा, ताकि ज्यादातर युवकों को इसका लाभ मिल सके। राजस्व घाटा भी बहुत ज्यादा है। केंद्र निश्चित करेगा कि इसके प्रभाव को कम किया जाए। केंद्र अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही कुछ कालखंड के लिए जम्मू-कश्मीर को सीधे केंद्र सरकार के शासन में रखने का फैसला बहुत सोच-समझकर लिया है। इसके पीछे की वजह समझना जरूरी है। गवर्नर रूल लगने के साथ ही वहां का प्रशासन केंद्र सरकार के संपर्क में है। इसी वजह से वहां गुड गवर्नेंस और डेवलपमेंट का बेहतर प्रभाव जमीन पर दिखाई देने लगा है। जो योजनाएं पहले सिर्फ कागजों में रह गई थीं, उन्हें अब जमीन पर उतारा जा रहा है।
मोदी ने कहा- दशकों से लटके हुए प्रोजेक्ट को नई गति मिल रही है। प्रशासन में नई कार्य शैली और पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है। आईआईटी, आईआईएम, एम्स, इरीगेशन प्रोजेक्ट, पावर प्रोजेक्ट, एंटी करप्शन ब्यूरो सब कामों में तेजी आई है। कनेक्टिविटी से जुड़े प्रोजेक्ट, सड़क और नई रेल लाइन का काम, एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण सभी को तेज गति से आगे बढ़ाया जा रहा है। हमारा लोकतंत्र इतना मजबूत है, लेकिन आप जानकर चौंक जाएंगे कि जम्मू-कश्मीर में दशकों से हजारों-लाखों की संख्या में ऐसे भाई-बहन रहते हैं, जिन्हें लोकसभा के चुनाव में वोट डालते थे।
लेकिन, पंचायत, नगरपालिका, महा-नगरपालिका में मतदान नहीं कर सकते थे और ना चुनाव लड़ सकते थे। ये बंटवारे में पाकिस्तान से भारत आए थे। अन्य राज्यों में उन्हें सारे अधिकार हैं, केवल जम्मू-कश्मीर में नहीं है। क्या ये ऐसा ही चलता रहता। कश्मीर के भाइयों-बहनों को एक महत्वपूर्ण बात स्पष्ट करना चाहता हूं। आपका जनप्रतिनिधि आपके द्वारा चुनाव जाएगा, आपके बीच से ही आएगा। जैसे पहले एमएलए होते थे, वैसे भी आएगे ही होंगे। जैसी मंत्रिपरिषद और सीएम होते थे, वैसे ही आगे भी होंगे। पूरा विश्वास है कि इस नई व्यवस्था के तहत हम सब मिलकर आतंकवाद, अलगाववाद से जम्मू-कश्मीर को मुक्त कराएंगे।
उन्होंने कहा- धरती के स्वर्ग कश्मीर में हर हक मिलेगा। जब ऐसा वक्त आएगा, तो मैं नहीं मानता कि केंद्र शासित व्यवस्था जम्मू-कश्मीर के अंदर चलाए रखने की जरूरत पड़ेगी। हां, लद्दाख में वह बनी रहेगी। जम्मू-कश्मीर की सरकार बने, नए तेजस्वी विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री बनें। मैं भरोसा दिलाता हूं कि बहुत ही ईमानदारी और पारदर्शी वातावरण में आपको अपना प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा। जैसे पंचायत चुनाव संपन्न कराए गए, वैसे ही जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी पारदर्शिता के साथ ही होंगे। ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के गठन का काम जल्द करने के लिए भी मैं गवर्नर से आग्रह करूंगा।
मोदी ने कहा- ये मेरा अनुभव है कि 4-5 महीने पहले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पंचायत चुनाव में जो लोग चुनकर आए, वे बहुत बेहतरीन काम कर रहे हैं। वे अभिनंदन के अधिकारी हैं। कुछ महीने पहले जब मैं श्रीनगर गया था, तब मेरी उनसे लंबी मुलाकात हुई थी। जब वे दिल्ली आए, तब भी मैंने पंचायत के इन साथियों से लंबी बात की। इनकी वजह से जम्मू-कश्मीर में बीते दिनों ग्रामीण स्तर पर बहुत तेजी के काम हुआ। बिजली, ओपन डेफिकेशन फ्री व्यवस्था हो, इसमें पंचायत के प्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका है। महिला पंचों ने तो कमाल कर दिया है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद जब इन पंचायत सदस्यों को नई व्यवस्था में काम करने का मौका मिलेगा तो वे कमाल कर देंगे।
उन्होंने कहा- मुझे विश्वास है कि अलगाववाद को खत्म करके हम नई आशा, ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। जम्मू-कश्मीर की जनता गुडगवर्नेंस के वातावरण में नए मुकाम हासिल करेगी। दशकों के अलगाववाद ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को नेतृत्व का अवसर ही नहीं दिया। अब युवा विकास का नेतृत्व करेंंगे और उसे नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। बहन-बेटियों से आग्रह करूंगा कि अपने क्षेत्र के विकास की कमान संभालने के लिए आगे आइए। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में दुनिया का सबसे बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनने की क्षमता है।
मोदी ने कहा- इसके लिए वातावरण और शासन-प्रशासन में बदलाव किए जा रहे हैं। लेकिन, इसमें मुझे हर हिंदुस्तानी कासाथ चाहिए। एक जमाना था कि जब फिल्मों की शूटिंग के लिए कश्मीर पसंदीदा जगह थी। उस दौरान शायद ही कोई फिल्म बनती हो, जिसकी कश्मीर में शूटिंग ना हो। अब स्थिितयां सामान्य होंगी तो दुनियाभर के लोग फिल्मों की शूटिंग करने आएंगे। हर फिल्म रोजगार के लिए अवसर लेकर आएगी। मैं हिंदी, तमिल, तेलुगु और इससे जुड़े हर आदमी से कहूंगा कि जम्मू-कश्मीर को प्राथमिकता दे।
उन्होंने कहा- जो टेक्नोलॉजी की दुनिया से जुड़े लोग हैं, उनसे भी आग्रह है कि अपनी नीतियों और फैसलों में इस बात को प्राथमिकता दें कि जम्मू-कश्मीर को तकनीक से जोड़ा जाए। जितना ज्यादा टेक्नोलॉजी का विस्तार होगा, उतना ही कश्मीर के लोगों का जीवन आसान होगा। आजीविका के अवसर बढेंगे। सरकार ने जो फैसला लिया है, वो उन नौजवानों को भी मदद करेगा, जो स्पोर्ट्स से जुड़े हैं। कश्मीर का बच्चा खेल के मैदान में दुनिया के अंदर हिंदुस्तान का नाम रोशन करेगा ये ताकत वहां भरी है। कहवा हो या केसर, सेब हो या खुबानी, हर्बल मेडिसिन हो या ऑर्गेनिक फसल इसका प्रसार दुनिया में किए जाने की जरूरत है।
मोदी ने कहा- लद्दाख में सोलू नाम का पौधा पाया जाता है। जानकारों का कहना है कि हाई एल्टीट्यूड पर रहने वालों के लिए संजीवनी का काम करता है। ऐसी अद्भुत चीज दुनियाभर में बिकनी चाहिए कि नहीं। कौन हिंदुस्तानी नहीं चाहेगा। मैंने एक ही नाम लिया है। ऐसे अनगिनत पौधे और हर्बल प्रोडक्ट जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बिखरे पड़े हैं। इसका लाभ वहां के लोगों और किसानों को मिलेगा। मैं देश के उद्यमियों, एक्सपोर्ट, फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र से जुड़े लोगों से आग्रह करूंगा कि कश्मीर के प्रोडक्ट को दुनिया में पहुंचाने के लिए आगे आएं।
उन्होंने कहा- लद्दाख में स्पिरिचुअल, एडवेंचर और इको टूरिज्म का सबसे बड़ा केंद्र बनने की क्षमता है। सोलर पावर में भी लद्दाख सबसे बड़ा केंद्र बन सकता है। वहां के सामर्थ्य का उचित इस्तेमाल होगा। बिना भेदभाव विकास के नए अवसर बनेंगे। लद्दाख को इनोवेशन, शिक्षा, अस्पताल, इन्फ्रास्ट्रक्चर मिलेगा। लोकतंत्र में यह भी स्वाभाविक है कि कुछ लोग इस फैसले के पक्ष में हैं और कुछ को मतभेद हैं। मैं मतभेद और आपत्तियों का सम्मान करता हूं। केंद्र समाधान का प्रयास भी कर रही है। मेरा उनसे आग्रह है कि वे देशहित को सर्वोपरि रखते हुए व्यवहार करें। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को नई दिशा देने में सरकार की मदद करेंगे। संसद में किसने मतदान किया, किसने नहीं किया… इससे आगे बढ़कर अब हमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हित में मिलकर और एकजुट होकर काम करना है।
मोदी ने कहा-मैं हर देशवासी को यह भी कहना चाहता हूं कि कश्मीर और लद्दाख के लोगों की चिंता सबकी चिंता है। यह 130 करोड़ नागरिकों की चिंता है। उनके सुख-दुख उनकी तकलीफ से हम अलग नहीं है, अलग नहीं हो सकते। 370 से मुक्ति एक सच्चाई है। लेकिन, सच्चाई ये भी है कि इस समय ऐहतियात के तौर पर कुछ कदम उठाने की जरूरत थी। उनके कारण जो भी परेशानी हो रही है, उसका मुकाबला भी वहीं के लोग कर रहे हैं, वे भी सहयोग दे रहे हैं। कुछ मुट्ठीभर लोग जो हालात बिगाड़ना चाहते हैं, उन्हें धैर्यपूर्वक जवाब भी वहीं के भाई-बहन दे रहे हैं।
उन्होंने कहा- आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने की पाकिस्तानी साजिश के विरोध में जम्मू-कश्मीर के ही देशभक्त लोग डटकर खड़े हैं। ये सभी भाई-बहन अच्छा जीवन जीने के अधिकारी हैं, सपने साकार करने का उन्हें मौका मिले ये उनका हक है। मैं इन साथियों को भरोसा देता हूं कि धीरे-धीरे हालात सामान्य हो जाएंगे और उनकी परेशानी भी कम होती चली जाएगी। ईद का मुबारक त्योहार भी नजदीक ही है। ईद के लिए मेरी ओर से आप सभी को बहुत शुभकामनाएं। सरकार इस बात का ध्यान रख रही है कि वहां ईद मनाने में कोई परेशानी ना हो। जो साथी कश्मीर से बाहर रहते हैं और ईद पर वापस जाना चाहते हैं, उन्हें भी सरकार मदद कर रही है। इस अवसर पर मैं कश्मीर की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाबलों, प्रशासन, कर्मचारियों, पुलिस का धन्यवाद करता हूं।
मोदी ने कहा-आप सभी के परिश्रम ने मेरा विश्वास बढ़ाया है कि बदलाव हो सकता है, लोगों का भला हो सकता है। जम्मू-कश्मीर देश का मुकुट है। इसकी रक्षा के लिए वीर बेटे-बेटियों ने अपना बलिदान दिया है। पुंछ के मौलवी गुलामदीन, जिन्होंने 65 की लड़ाई में पाकिस्तानी घुसपैठियों के बारे में सेना को बताया था। उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। कारगिल में दुश्मनों को धूल चटाने वाले सोनम वांगचुक को वीर चक्र दिया। आतंकी को मारने वाली रुखसाना को कीर्ति चक्र दिया गया। पुंछ के शहीद औरंगजेब की आतंकियों ने हत्या कर दी थी, उनके दोनों भाई सेना में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा-आतंकियों से लड़ते हुए अफसर शहीद हुए, नागरिक मारे गए, देश के अन्य हिस्सों से हजारों लोगों की जान गई। इन सभी का सपना रहा है शांत, सुरक्षित, समृद्ध जम्मू-कश्मीर बनाने का। उनके सपनों को हमें मिलकर पूरा करना है। ये फैसला जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के साथ ही पूरे भारत की आर्थिक प्रगति में सहयोग करेगा। जब दुनिया के इस अहम भूभाग में शांति और खुशहाली आएगी तो स्वाभाविक रूप से विश्व शांति के प्रयासों को भी मजबूती मिलेगी।आइए हम मिलकर दिखा दें कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों का सामर्थ्य, जज्बा और हौसला कितना ज्यादा है। हम मिलकर नए जम्मू-कश्मीर और नए लद्दाख का निर्माण करें।
ए-सैट मिसाइल टेस्ट के बाद राष्ट्र के नाम संदेश दिया था
नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को राष्ट्रध्वज फहराने के बाद लालकिले की प्राचीर से भी देशवासियों को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री ने आखिरी बार 27 मार्च को लोकसभा चुनाव के वक्त देश के नाम संबोधन दिया था। तब भारत ने अंतरिक्ष तक मार करने वाली ए-सैट मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। इस दौरान पृथ्वी से छोड़ी गई मिसाइल ने एक उपग्रह को निशाना बनाया था।