कर्नाटक:सरकार के गठन पर येदियुरप्पा ने कहा-दिल्ली से आदेश मिलने का इंतजार

मिल्लत टाइम्स,बेंगलुरु:कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार मंगलवार शाम को गिर गई। इसके बाद मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने राज्यपाल वजुभाई वाला को इस्तीफा सौंपा दिया। बुधवार को भाजपा ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। प्रदेश के पार्टी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। इसके लिए उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखा है। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि यह कर्नाटक के लोगों की हार और लालची-स्वार्थी नेताओं की जीत है।

बीएस येदियुरप्पा बुधवार को बेंगलुरु के चमराजपेट स्थित संघ कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कहा- मैं यहां संघ परिवार के वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद लेने आया था। मैं दिल्ली से निर्देश का इंतजार है। इसके बाद हम पार्टी मीटिंग बुलाएंगे और राजभवन जाएंगे।

दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट में बागी विधायकों की याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि दो निर्दलीय विधायक ने तत्काल फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग संबंधित याचिका वापस लेने की मांग की। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस मामले में मुकुल रोहतगी (बागी विधायकों के वकील) और अभिषेक मनु सिंघवी (कांग्रेस वकील) की मौजूदगी में गुरुवार को फैसला देंगे।

मंगलवार शाम को हुआ फ्लोर टेस्ट
चार दिन चली चर्चा के बाद मंगलवार शाम को आखिरकार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट हुआ। इस दौरान स्पीकर को हटाकर सदन में विधायकों की संख्या 204 थी और बहुमत के लिए 103 का आंकड़ा जरूरी था। कांग्रेस-जेडीएस के पक्ष में 99 वोट पड़े, जबकि विरोध में 105 वोट पड़े। कुमारस्वामी 14 महीने से 116 विधायकों के साथ सरकार चला रहे थे, लेकिन इसी महीने 15 विधायक बागी हो गए। राज्यपाल ने एचडी कुमारस्वामी के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया। अब यदि भाजपा सरकार बनती है, तो येदियुरप्पा चौथी बार मुख्यमंत्री हो सकते हैं।

येदियुरप्पा मोदी-शाह से चर्चा करेंगे
येदियुरप्पा ने कहा- मैं प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह जी से चर्चा करूंगा। इसके बाद मैं राज्यपाल से मिलने जाऊंगा। यह लोकतंत्र की जीत है। जनता कुमारस्वामी सरकार से त्रस्त थी। मैं कर्नाटक के लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि अब विकास का नया युग शुरू होगा। हम किसानों को भरोसा दिलाते हैं कि उन्हें ज्यादा तवज्जो दी जाएगी। हम जल्द ही वाजिब कदम उठाएंगे।

भाजपा नेता जगदीश शेट्टार ने कहा- अभी बागी विधायकों के इस्तीफे स्पीकर ने स्वीकार नहीं किए हैं। उन्हें तय करना है कि वे भाजपा में शामिल होंगे, या नहीं। मौजूदा परिस्थिति में हमारे पास 105 विधायक हैं, बहुमत हमारा है। हम स्थिर सरकार बनाएंगे।

इस्तीफा जेब में रखकर आया था- कुमारस्वामी
वोटिंग से पहले चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव का नतीजा आने के बाद मैं राजनीति छोड़ने को तैयार था। मेरा राजनीति में आना भी अपेक्षित नहीं था। लोग चर्चा कर रहे हैं कि मैं कुर्सी से क्यों चिपका हुआ हूं। मैं खुशी से यह पद छोड़ने को तैयार हूं। मेरी सरकार बेशर्म नहीं है। मैं भाषण के बाद भागूंगा नहीं। इसके बाद वोट डाले जाएंगे और उनकी गिनती होगी।

बागियों की राजनीतिक समाधि बनेगी- सिद्धारमैया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने मंगलवार को भाजपा पर विधायकों का होलसेल व्यापार करने और रिश्वत देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- भाजपा सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को अस्थिर करना चाहती है। होलसेल व्यापार एक समस्या है। अगर वहां पर रिटेल ट्रेड से एक या दो विधायकों को खरीदा जाता तो समस्या नहीं थी। 25 करोड़, 30 करोड़, 50 करोड़.. पैसे कहां से आ रहे हैं। बागियों को अयोग्य कर दिया जाएगा। उनकी राजनीतिक समाधि बनेगी।

कुमारस्वामी का इस्तीफा

सत्ता पक्ष के विधायकों की गैर-मौजूदगी पर स्पीकर नाराज
सदन में जब बहस शुरू हुई तो सत्ता पक्ष (ट्रेजरी बेंच) में ज्यादातर विधायक गैर-हाजिर थे। इस पर स्पीकर रमेश कुमार ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने पूछा कि गठबंधन सरकार के विधायक कहां हैं? इससे पहले इस्तीफा देने वाले बागी विधायकों ने स्पीकर को एक खत लिखा, इसमें उन्होंने मांग की कि उन्हें मुलाकात के लिए 4 हफ्तों का वक्त दिया जाए। इन बागियों को स्पीकर ने सोमवार को मिलने के लिए नोटिस भेजा था। सुप्रीम कोर्ट में बागी विधायकों की याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी।

1 जुलाई से शुरू हुआ कर्नाटक में राजनीतिक संकट

2 सांसदों के इस्तीफे से संकट शुरू हुआ: कुमारस्वामी ने 116 विधायकों के समर्थन से 14 महीने जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार चलाई। एक जुलाई को दो विधायकों ने इस्तीफा दिया। इसके बाद इस्तीफों की संख्या 15 हो गई। दो अन्य निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
इस्तीफों के बाद फ्लोर टेस्ट की तारीख तय हुई: विधायकों के इस्तीफे के बाद कर्नाटक में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हुआ। कांग्रेस-जेडीएस ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया। सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार को अस्थिर करने का काम ऑपरेशन लोटस के तहत किया जा रहा है। इस्तीफों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और अदालत ने स्पीकर को इन पर जल्द फैसला लेने के निर्देश दिए। हालांकि, स्पीकर ने विश्वास मत साबित करने के लिए 18 जुलाई की तारीख तय की।
4 दिन चर्चा, तीन डेडलाइन बीतने के बाद फ्लोर टेस्ट: गुरुवार, शुक्रवार, सोमवार और मंगलवार को विश्वास मत पर चर्चा हुई। भाजपा ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि वे लंबे-लंबे भाषण देकर फ्लोर टेस्ट को टालना चाहते हैं। राज्यपाल ने दो बार डेडलाइन दी लेकिन फ्लोर टेस्ट नहीं हो सका। इसके बाद स्पीकर ने भी मंगलवार शाम 6 बजे की डेडलाइन दी, तय समयसीमा के भीतर फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ। हालांकि, इसके करीब 2 घंटे बाद कुमारस्वामी फ्लोर टेस्ट में फेल हो गए।

कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों ने दिया इस्तीफा
उमेश कामतल्ली, बीसी पाटिल, रमेश जारकिहोली, शिवाराम हेब्बर, एच विश्वनाथ, गोपालैया, बी बस्वराज, नारायण गौड़ा, मुनिरत्ना, एसटी सोमाशेखरा, प्रताप गौड़ा पाटिल, मुनिरत्ना और आनंद सिंह इस्तीफा सौंप चुके हैं। वहीं, कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग ने भी इस्तीफा दे दिया। 10 जून को के सुधाकर, एमटीबी नागराज ने इस्तीफा दे दिया था। दो निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार से समर्थन वापस ले लिया।

बसपा विधायक पार्टी से निलंबित
बीएसपी प्रमुख मायावती ने विधायक एन.महेश को फ्लोर टेस्ट में हिस्सा न लेने की वजह से पार्टी से निलंबित कर दिया। दरअसल विधायक को पार्टी ने कुमारास्वामी के पक्ष में वोट करने के निर्देश दिए थे।(इनपुट भास्कर)

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity