अशफाक कायमखानी।जयपुर।
राजस्थान के मुस्लिम समुदाय मे अपने प्रतिष्ठानो के उद्घाटन के लिये सियासी लिडरो के हाथो कराने की परम्परा को तिलांजलि देते हुये कुछ लोग अपने अपने प्रतिष्ठानो का उद्घाटन अपने परिवार की बडी महिलाओं के हाथो करवाकर कारोबार के फलने फूलने के दुवाऐ करवाने का नया रुप सामने आने से समुदाय मे एक नया व पाक संदेश जाना माना जा रहा है।
राजस्थान के नागोर जिले के डीडवाना उपखंड के चोलूखां गावं मे अनवर मलवाण ने आधुनिक तरिके से बडे व असाधारण कपड़े, गलीचे, दरी , रजाई व गद्दो को मशीनो द्वारा धोने की लोऊण्डरी का उद्घाटन किसी भी राजनेता के हाथो करवाने की परम्परा को तोड़ते हुये सात जुलाई को अपने परिवार की सबसे बूजुर्ग महिला के हाथो सेंकड़ो लोगो की मोजूदगी मे करवाकर एक नया रुप पेश किया था। इसी तरह राजस्थान के सीकर शहर के सबसे व्यस्ततम तबेला बाजार मे इम्तियाज सोलंकी ने विमल कम्पनी के कपड़ो के भव्य शोरुम का उद्घाटन किसी भी राजनेता के हाथो करवाने के बजाय अपनी वालदा के हाथो आज 15-जुलाई को करवाकर समाज को एक नई दिशा दिखाई है कि वालदेन से बढकर इंसान के पास दूसरा इंसान कोई अवल नही हो सकता।
कुल मिलाकर यह है कि इस्लामी मान्यताओं अनुसार मां के कदमो के निचे जन्नत व वालिद को जन्नत का दरवाजा बताने के बाद किसी के भी अपने कारोबार को शूरु करने के लिये उसके उद्घाटन की रस्म निभाने के लिये वालदेन से बढकर अन्य कोई विकल्प नही हो सकता है।