चार सप्ताह के अन्दर सरकार नोटिस का जवाब दे :- सुप्रीम कोर्ट
मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:असम नागरिकता मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस दीपकगुप्ता की दो सदस्यीय बेंच ने भारत सरकार और असम सरकार को नोटिस देते हुए कहा कि “क्यो ना जमीयतउलेमा हिन्द NRC मुद्दे पर दी गयी दलीले स्वीकार कर लिया जाए और नोटिस का जवाब चार सप्ताह भीतरसरकारे दे”
जमीयत उलेमा हिन्द ने जिन तीन बिन्दुओ को असंवैधानिक बताते हुए आपत्ति दर्ज की हैं वो निम्नलिखित हैं
1:- NRC की अंतिम सूची आने के बाद जिन लोगो का नाम NRC में नही हैं उन्हें कानून द्वारा निर्धारित 60 दिनप्रमाणित कॉपी मिलने के बाद दिया जाए जिससे कि प्रभावित अपनी अपील दाखिल कर सके
2:- अगर कोई व्यक्ति फॉरेन ट्रिब्यूनल में अपनी अपील दाखिल करता हैं और अगर व्यक्ति के रिकॉर्ड में कुछगलतियां पायी जाती हैं तो अपीलकर्ता को अपनी बात रखने का पूरा समय दिया जाए
3:- अगर अपील की सुनवाई के दौरान डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को ये लगे कि अपीलकर्ता विदेशी है तो उसको सिर्फशक के आधार तुरंत गिरफ्तार करने के बजाय उसको पूरी बात रखने का मौका दिया जाए
जमीयत उलेमा हिंद तरफ से दिए गए उपरोक्त बिन्दुओ पर विस्तार से बहस के बाद अदालत ने सरकार कोनोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा हैं
जमीयत उलेमा हिन्द के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कोर्ट के आदेश पर अपनी बात रखते हुए कहा किजिनके नाम NRC लिस्ट में किसी कारणवश नही शामिल हो सका उन्हें भी अपनी नागरिकता साबित करने कापूरा समय दिया जाए क्योंकि हिन्दुस्तान एक लोकतांत्रिक और न्यायपसंद देश हैं और यहाँ सभी को अपनी बातरखने का पूरा समय दिया जाना चाहिए.