मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने शनिवार को न्यूज एजेंसी से 11 जुलाई को उन्नाव में हुई घटना को लेकर बातचीत की। उन्होंने दावा किया कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले समाज के कमजोर तबके के लोग डर के साये में जी रहे हैं। यह हर भारतीय की जिम्मेदारी है कि ऐसे लोगों के दर्द को समझें।
क्रिकेट मैच के दौरान दो पक्षों में विवाद था- पुलिस
दरअसल, रिपोर्ट के मुताबिक यहां मदरसे के छात्रों को कथित तौर पर ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया गया। इनके साथ बैट से मारपीट भी की गई। उन पर पत्थर भी फेंके गए।
खुर्शीद ने बताया- जो लोग दिल्ली या इसके आसपास के इलाके में रहते हैं, उनके लिए तो कोई खतरे वाली बात नहीं है। मगर दूर-दराज इलाकों में रहने वाले लोगों की सुनवाई नहीं हो रही। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी बात सुनें। यह केवल भारतीय मुस्लिमों की ही बात नहीं बल्कि हर भारतीय को यह महसूस करना चाहिए।
खुर्शीद ने कहा- आप इस घटना को साजिश या छोटी मानसिकता कह सकते हैं, जिसके चलते इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं। कई लोगों के दिमाग में यह बात कैसे आती है? यदि कोई मास्टरमाइंड है तो इस मामले में गहराई तक जांच की जानी चाहिए।
उन्नाव की जामा मस्जिद के मौलाना नईम मिस्बाही ने न्यूज एजेंसी से कहा- तीन बच्चों को क्रिकेट खेलने के दौरान पीटा गया। इसकी वजह यह थी कि उन्होंने जय श्री राम का नारा लगाने से इनकार किया था। उन्होंने बच्चों पर पत्थर भी फेंके। जब हमने उन लड़कों की फेसबुक प्रोफाइल चैक की, तो सभी बजरंग दल के थे।
हालांकि आईजी लॉ एंड ऑर्डर प्रवीण कुमार ने दावा किया कि विवाद के दौरान किसी तरह के धार्मिक नारे की बात नहीं उठी। यह लड़ाई केवल क्रिकेट मैच के दौरान हुए दो लोगों के बीच के विवाद की थी। उन्होंने बताया- स्थानीय पुलिस ने मामले पर आवश्यक कदम उठाए हैं। कुछ लोग इस विवाद को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश में हैं। पुलिस उनके खिलाफ एक्शन लेगी।