रुबी अंसार व फारुक खान एवं इमरान पठान ने जरा लाज रखली वरना?

दिल्ली की तरह राजस्थान मे भी उठी जकात फाऊंडेशन कायम करने की मांग।

अशफाक कायमखानी।जयपुर।
जयपुर से दो दिन पहले दिल को शूकून देने वाली खबर निकलकर आई कि करीब एक हजार राजस्थान प्रशासनिक सेवा अधिकारी (RAS) केडर वाले संगठन का जयपुर मे सम्मेलन हुवा जिसमे तत्तकालीन अध्यक्ष पवन अरोड़ा ने राजस्थान आरऐएस ऐसोसिएशन के नये अध्यक्ष के तौर पर काबलियत व उचित नेतृत्व देने की क्षमता के आधार पर शाहीन अली खान का नाम प्रस्तावित करने पर सभी मोजूद अधिकारियों ने एक राय से प्रस्ताव का समर्थन करते हुये शाहीन अली खान RAS को ऐसोसिएशन का अध्यक्ष चुन लिया।

ऐसोसिएशन की खबर के बाद कई दिनो से अटकी पड़ी राजस्थान सिविल सेवा मे करीब सात सो बानवे चयनित अधिकारियों को पद स्थापित करने की खबर आने पर देखा तो पाया की राजस्थान प्रशासनिक सेवा मे सवाईमाधोपुर की रुबी अंसार व राजस्थान तहसीलदार सेवा मे चूरु जिले के राणासर गावं के फारुक खान व सीकर जिले के खीरवा गावं के इमरान पठान ने चयनित होकर लाज रखनी वरना मुस्लिम समुदाय के भरोसे तो यह भैंस पानी मे जाती नजर आती।

मुस्लिम समुदाय के धार्मिक लीडरो के मुद्दों को धार्मिक भावना से जोड़ने के बाद किये ईशारो पर तीन तलाक के मुद्दे पर महिलाओं के बडी तादाद मे जगह जगह सड़क पर आने के बाद झारंखड मे तबरेज अंसारी के कत्ल पर लोगो के सड़क पर आकर अहतेजाज किया व कर रहे है। लेकिन आज तक उक्त धार्मिक लीडरो ने मुस्लिम समुदाय मे जदीद तालीम को बढावा देने के अलावा जगह जगह अधिकारी बनने के पहले कोचिंग सेंटर कायम करने के लिये चाहे सड़क पर ना सही पर समाजी स्तर पर भी मुहीम चलाने की कोशिशें नही करने पर अब समाज मे चर्चा होने लगी है।

भला हो दिल्ली मे मोजूद भारतीय रेवेन्यू सेवा के अधिकारी रहे जफर महमूद खान का जिन्होंने जकात फाऊंडेशन बनाकर भारतीय सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराने की शुरुआत करके जकात का दूसरी तरफ खर्च करने का रास्ता भी खोला। वरना अकेले राजस्थान से अरबो रुपये वो लोग जकात जमा करके ले जाते है जिनके बारे मे व जिनके काम का जकात देने वालो को खैर खबर तक भी नही होती है। राजस्थान के लोगो की बैचारगी के कारण कुछ बैरुनी लोग बैरुनी बच्चो को लेकर नाजरा कुरान-ऐ-पाक पढाने के नाम पर राजस्थान मे धड़ाधड़ मदरसे कायम करके जकात जमा करने मे लगे है। मदरसे कायम होने चाहिये लेकिन वो जदीद तालीम के साथ हो तो तब कामयाबी मिलना आसान होगा।

कुल मिलाकर यह है कि अगर राजस्थान के मुस्लिम समुदाय को कुछ आगे बढकर समाज व वतन के साथ साथ खिदमत ऐ खल्क मे काम करना है तो जफर महमूद खान की तरह राजस्थान मे जकात फाऊंडेशन कायम करके सिविल सेवा के साथ साथ अन्य मुकाबलाती परिक्षाओ की तैयारी कराने के लिये सुव्यवस्थित आवासीय सेंटर खोलने पर विचार करना चाहिए। अन्यथा हम ना तीन मे रहेगे ओर ना तेराह मे शुमार किये जायेगे।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity