अशफाक कायमखानी।जयपुर।
हालांकि भारत मे 2014 मे मोदी सरकार आने के बाद से गाय के नाम पर व मोबलिंचीग मे मुस्लिम युवको की हत्या होने के लगातार बढते आंकड़ो के साथ देश मे एक अलग तरह के बनते दुषित माहोल के बावजूद कांग्रेस की बीगड़ी साख के बाद 2014 के मुकाबले 2019 के आम लोकसभा चुनाव मे अधिक सीटे जीतकर भाजपा ने फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई मे सरकार बनाने के बाद भारत के अलग अलग हिस्सों मे कांग्रेस व अन्य दलो के नाराज दिग्गज मुस्लिम नेताओं के भाजपा मे शामिल होकर या करके भाजपा के भविष्य की राजनीति की तरफ इशारा किया है।
हालांकि लोकसभा चुनाव मे कश्मीर व लक्ष्दीप को छोड़कर भाजपा ने किसी भी जगह मुस्लिम को उम्मीदवार नही बनाकर बहुसंख्यक मतो को अपनी तरफ खींचने की सफल कोशिश करके सालो पूरानी कांग्रेस पार्टी को बूरी तरह पछाड़ कर कांग्रेस सहित अन्य सभी दलो की कथित धर्मनिरपेक्षता को धो डाला है। भाजपा सरकार के केंद्र मे मोदी सरकार के रुप मे फिर आने के बाद कुछ सीनियर मुस्लिम नेताओं ने भाजपा का दामन थामना शूरु करके मोजूदा राजनीति की एक अजीब शक्ल पैदा करदी है कि एक तरफ मुस्लिम सामाजिक, धार्मिक व सियासी नेता भाजपा सरकार से त्रस्त होने का रोजणा रो रहे है तो दूसरी तरफ मुस्लिम नेताओं के भाजपा जोईन करने का सीलसीला गति पकड़ रहा है।
दक्षिणी भारत के केरला प्रदेश मे माकपा से राजनीति शूरु करने वाले दो दफा 2009 व 2014 मे लोकसभा सांसद बनकर फिर कांग्रेस जोईन करने के बाद सिनीयर मुस्लिम लीडर एमपी अब्दुल्ला कुटी के दो दिन पहले भाजपा जोईन करके दक्षिणी भारत मे मुस्लिम समुदाय का बदलते रुप की तरफ इशारा किया है। कांग्रेस पार्टी के कामकाज पर सवाल उठाने के अलावा मोजूदा केरल कांग्रेस अध्यक्ष रामचन्द्र को लोकसभा चुनाव मे हराने वाले केरला के अब्दुल्ला कुटी की तरह ही दक्षिणी भारत के दूसरे प्रदेश कर्नाटक के सीनियर कांग्रेस नेता व विधायक रोशन बेग को पार्टी नेताओं के कार्य करने के तरीकों पर सवाल उठाने पर उन्हें भी कांग्रेस पार्टी से निलंबित कर दिया है। सरकार व संगठन मे विभिन पदो पर रह चुके कर्नाटक के सीनियर विधायक रोशन बेग ने भाजपा की जीत को उनकी रणनीति की जीत बताते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुये अब भाजपा का दामन थामने का साफ संकेत दे दिया है। कर्नाटक मे विधायक रोशन बेग को दबंग व असरकारक नेता के तौर पर देखा जाता है।
दक्षिणी भारत के अलावा हिन्दी भाषी क्षेत्र हरियाणा के मेवात क्षेत्र मे पीढी दर पीढी राजनीति करते आ रहे चोधरी यासीन व उसके पूत्र चौधरी तैयब हुसैन के बाद चौधरी यासीन के पोते व इनेलो विधायक चोधरी जाकीर हुसैन के दो दिन पहले भाजपा जोईन करने के बाद सियासत मे भूचाल आया हुवा है। चौधरी जाकीर हुसैन की बहन जाहिदा राजस्थान मे कांग्रेस की विधायक है एवं भाई फजल हुसैन जिला प्रमुख रहने के बाद तिजारा से हर दफा विधानसभा चुनाव लड़ता आ रहा है।
सिकन्दर बख्त से लेकर आरीफ बेग होते हुये शाहनवाज, मुख्तार अब्बास नकवी व नजमा हेपतुल्लाह के अलावा एम जे अकबर तक अनेक मुस्लिम राष्ट्रीय भाजपा नेताओं का इतिहास हमारे सबके सामने है। उनकी आवाज भाजपा मे कितनी सूनी जाती रही व सूनी जा रही है। या फिर भाजपा के ऐजेण्डे को उक्त नेता लागू करने मे कितने सफल हो रहे है। यह दिगर बात है। लेकिन भाजपा चाहे नाम के लिये ही सही पर सत्ता व संगठन मे उक्त नेताओं को ओहदा जरुर देती रही है। यही हाल कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं का है जिनकी आवाज हमेशा चिपकी नजर आती है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता व गम्भीर आरोपो के आरोपीत इंद्रेश कुमार के भारत मे सबसे बडे धार्मिक केंद्र देवबंद मे जाकर ओलमाऐ द्दीन से वार्तालाप करने के बाद भारतीय मुस्लिम समुदाय मे एक अलग तरह की बहस को जन्म दे दिया है।
कुल मिलाकर यह है कि एक तरफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सीधे तौर पर संचालित भाजपा व दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रशिक्षित नेताओं के बडे समुह द्वारा संचालित कांग्रेस पार्टी है। आजादी के समय मे शिक्षा व सरकारी नौकरियों मे भागीदारी का मोजूद मुस्लिम प्रतिनिधित्व का घटते घटते चिंताजनक स्थिति मे आज आना कांग्रेस सरकार का कारनामा माना जायेगा। जबकि भाजपा सरकार के 2014 मे आने के बाद भारतीय सिविल सेवा मे मुस्लिम प्रतिनिधित्व बढने के आंकड़े सबके सामने है। मोबलिंचीग व गाय के नाम पर मुस्लिम युवाओ के मोत के घाट उतारने का सीलसीला भाजपा सरकार मे बढता जा रहा है। जबकि मुस्लिम युवको के आतंकवाद के नाम पर जैलो मे ठूंसने व फिर बेगुनाही साबित होकर रिहा होने के आंकड़े कांग्रेस सरकार के समय अधिक रहे है। देखते है कि इन सब हालतो व घटित हो रहे घटनाक्रमों के मध्य मुस्लिम नेताओं का भाजपा जोईन करने का सीलसीला कहां तक जाता है।