ज्ञान की संपत्ति को दारुल उलूम देवबंद ने ही संभाल रखा है: मेजर जनरल सुभाष शरण

मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:एशिया के सबसे बड़े दीनी मदरसे और अपनी शिक्षा के लिए दुनियाभर में खास पहचान रखने वाले दारुल उलूम देवबन्द में भारतीय सेना में भर्ती प्रमुख मेजर जनरल सुभाष शरण ने दारुल उलूम पहुँचे जहां मोहतमिम मुफ़्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी से मुलाक़ात हुई ।

मुफ़्ती अबुल कासिम बनारसी ने मेजर जर्नल का स्वागत करते हुए उन्हें दारुल उलूम देवबंद की शिक्षा प्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी दी,इस अवसर पर कई और बड़े सेना के ज़िम्मेदार भी मौजूद रहे जिनमें मेरठ ज़ोन के कर्नल कुलदीप का भी स्वागत किया गया,इस दौरान मेजर जर्नल की तरफ से दारुल उलूम के मोहमतिम सेना की तरफ से सम्मान चिन्ह भेंट किया है।

मेजर जर्नल सुभाष शरण ने दारूल उलूम के मोहतमिम से कहा कि आपके यहाँ पढ़ने वाले छात्रों को सेना में इमाम और मोअज़्ज़िन की पद पर भर्ती करवाएं,जो कि सेना में बड़े ही प्रतिष्ठित पद होते हैं,दारूल उलूम के छात्र इस पद पर भर्ती होकर देश और सेना की सेवा कर सकते हैं।

मेजर जर्नल सुभाष शरण ने दारुल उलूम देवबंद की दुनियाभर में लोकप्रियता की प्रशंसा की और पूछा कि संस्था के 150 वर्षों के इतिहास में कैसे बदलाव आया है। इस सवाल पर, महात्मा मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि धर्म नहीं बदलता है, लेकिन समाज में बहुत बदलाव आया है। बाद में, मेजर जनरल ने संस्था के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया, और प्रसिद्ध मस्जिद रशीद और दारुल उलूम के पुराने और प्रसिद्ध पुस्तकालयों का विस्तार किया।

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