मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:नई दिल्ली:पश्चिम बंगाल में हिंसा के विरोध में हड़ताल पर गए डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक के बाद सप्ताहभर से चली आ रही अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने की बात कही है। इससे पहले प्रदेश के चिकित्सकों से बातचीत के बाद मुख्यमंत्री ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर अनुज शर्मा को हर अस्पताल में एक नोडल पुलिस अफसर की तैनाती के निर्देश दिए। इसके अलावा चिकित्सकों की मांग पर हर सरकारी अस्पताल में एक शिकायत निवारण सेल बनाने का निर्णय भी लिया गया है।
सोमवार को सीएम के साथ हुई इस बैठक में पश्चिम बंगाल के हर मेडिकल कॉलेज से दो प्रतिनिधि शामिल हुए।कोलकाता में राज्य सचिवालय से सटे एक सभागार में ममता बनर्जी और चिकित्सकों के बीच तमाम गतिरोधों के बाद हुई बैठक में कई बड़े फैसले हुए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल ने ममता को मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में उन्हें आ रही समस्याओं से अवगत कराया। पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य सचिव एमओएस चंद्रिमा भट्टाचार्य और राज्य के अन्य अधिकारियों के अलावा 31 जूनियर डॉक्टर इस बैठक में मौजूद थे।किसी भी डॉक्टर के खिलाफ केस नहीं:
ममतामुख्यमंत्री ने हड़ताली डॉक्टरों से कहा कि राज्य सरकार ने किसी भी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है। जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त मंच के प्रतिनिधियों ने 11 जून को एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टरों पर हुए हमले में शामिल लोगों को दंडित किए जाने की मांग की। CM ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्याप्त कदम उठाए हैं और एनआरएस घटना में शामिल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले रविवार को आंदोलन कर रहे डॉक्टरों ने कहा था कि वे प्रदर्शन खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत को तैयार हैं, लेकिन मुलाकात की जगह वे बाद में तय करेंगे।ममता सरकार ने मीडिया को भी इस बैठक की लाइव कवरेज की अनुमति दी थी। बंगाल में राज्य सचिवालय के बगल में स्थित एक सभागार में इस बैठक का कार्यक्रम निर्धारित किया गया था। पूर्व में डॉक्टरों ने ममता बनर्जी से बातचीत पर सहमति जताई थी, लेकिन उनका कहना था कि यह बात बंद कमरे में नहीं बल्कि मीडिया कैमरों के सामने होगी।
कई राज्यों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावितबता दें कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पिछले दिनों दो जूनियर डॉक्टरों की पिटाई के बाद शुरू हुई डॉक्टरों की हड़ताल ने अब देशव्यापी रूप अख्तियार कर लिया है। सोमवार को देश के 5 लाख डॉक्टर हड़ताल में शामिल हो गए, जिससे दिल्ली-एनसीआर, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं पर बहुत बुरा असर पड़ा है। डॉक्टरों की हड़ताल में दिल्ली मेडिकल असोसिएशन से जुड़े 18,000 डॉक्टर और एम्स भी शामिल हो गया है। हड़ताल के कारण दिल्ली के सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया जैसे बड़े अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं प्रभावित हैं। इन अस्पतालों में नए मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है।