शाहनवाज नाजमी
सोशल मीडिया एक ऐसा मीडिया है जो बाकी सारी मीडिया जैसे प्रिंट मीडिया, एलेक्ट्रोनिक मीडिया, डिजिटल मीडिया, स्ट्रीम मीडिया से अलग है।
ये नेट दुआरा उपयोग किया जाता है ।गोया की यह एक वर्चवल वर्ल्ड है। आज के दौर में यह एक दूसरे तक पहुंच बनाने में अहम भूमिका अदा कर रहा है चाहे वो फेस बुक के जरिए हो या ट्विटर ,व्हाट्सएप या इंस्टाग्राम के ज़रिए , हर कोई इसे यूज़ कर रहा है । यह पूरी दुनिया को एक साथ जोड़ कर एक प्लेटफार्म पर जमा कर दिया है ।
लोग इसे अपनी पब्लिसिटी के लिय या किसी उत्पाद की प्रसिद्ध करने के लिए इस का उपयोग कर रहे हैं।चाहे वह फिल्मी कलाकार हों या TV पर दिखने वाले न्यूज़ ऐंकर, हर कोई सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर के खुद की पहचान बनाने में लगा हुआ है।आज के समय में तो सोशल मीडिया पर ही फ़िल्म का प्रमोशन भी हो जाता है ।
मतलब यह है कि सोशल मीडिया आज की अहम जरूरत है लेकिन इस मैं छुपी कुछ सकारात्मक और नकारात्मक बातें भी जिस पर प्रकाश डालना बेहद ज़रूरी है
सब से पहले हम सकारात्मक पहलु पर नज़र करते हैं तो पाते हैं कि सोशल मीडिया के माध्यम से बहुत ही तीव्र गति से सूचना का आदान प्रदान हो जाता है लोगों तक सही जानकारी पहुंच जाती है ।देश में चल रहे भरस्टाचार पर लगाम कसने के लिये सोशल मीडिया का बहुत ज़ियादा उपयोग हो रहा है जिससे हमारे लोकतंत्र को और मजबूती मिल रही है । या किसी मज़लूम की आवाज़ को सरकार दबाना चाहती है तो सोशल मीडिया उस का हथियार बन कर सामने खड़ा हो जाता है ।ऐसी बहुत सी उद्धरण है जिस में सोशल मीडिया ने अहम भूमिका निभाई है ।
उद्धरण के तौर पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये कठुआ गैंग रेप के 3 मुख्य आरोपी को उम्र कैद और 3 को 5-5 साल कैद की सज़ा उस की ज़िंदा मिसाल है ये सोशल मीडिया का ही नतीजा था कि एक मासूम को इनासफ़ दिलाने के लिये समूचा देश खड़ा होगया था ।इसी तरह एक अदना पत्रकार प्रशांत कनोजिया को भी सोशल मीडिया ही के माध्यम से इनासफ़ मिला कि सुप्रीम कोर्ट योगी सरकार को फटकार लगते हुए उसे रिहा कर ने का आदेश दिया और वह रिहा भी होगये ।
तो वहीं सोशल मिडिया का राजनीति दलों ने भी जम कर फायदा उठाया राजनीतिक पार्टियों ने सोशल मीडिया के ज़रिये खूब प्रचार प्रसार किया जिसे से लोगों में जागरूकता आई और वोट डालने का उमंग पैदा हुआ ।जिस के कारण हालिया लोकसभा चुनाव में वोटों की प्रतिशत में विर्द्धि हुई। इस के और भी बहुत से फायदे है लेकिन अब हम इस के नकारात्मक पहलू पर एक सरसरी निगाह डालने की कोशी करते है।
जहाँ हमें इस से लाभ मिलता है तो वहीं इस के नुकसान भी हैं आज के समय में कुछ लोग आपतजनक खबरों को साझा कर के देश में नफरत की बीज बोने की कोशिश इस सोशल मीडिया के माध्यम से कर रहे हैं। जिसे लेकर कई दफा सरकार को सख्त रुख अपनाने पर मजबूर होना पड़ता है उद्धरण के तौर पर मध्यप्रदेश की किसान की जन सैलाब रैली में सरकार ने इंटरनेट सुविधा को आस्थगित कर दिया था ताकि कोई बड़ी घटना पेश न आजाये ।इसी तरह कुछ लोग अपने फ्लावर्स में बढ़ोतरी के लिये किसी प्रसिद्ध वयक्ति के साथ वह बात जोड़ देते हैं जो उस ने अपने खाब व ख्याल में नहीं सोचा था ।लेकिन वह पोस्ट वायरल हो जाता है और आम जनता के पास गलत संदेश पहुंच जाता है । तो वही इस के ज़ियाद उपयोग से हमारी शारीरिक जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ता है ।जैसे आँख का खराब होना ।सेहत का डाउन हो जाना वैगेरह वैगेराह,
इस के सब से बड़ा नुकसान का अंदाज़ तो इस बात से लगाया जा सकता है कि एक फेसबुक पोस्ट के चलते श्रीलंका में जो सांप्रदायिकता की आग लगी वह इतिहास के पन्ने पर खून की सियाही से लिखा जाएगा ।
तो अब हम कह सकते हैं कि जिस तरह सिक्के के दो रुख होते हैं ठीक इसी सोशल मीडिया के भी दो रुख हैं अब हमारे ऊपर है कि हम उस का किस प्रकार उपयोग करते हैं।