अशफाक कायमखानी।जयपुर।
राजस्थान मे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की तैनाती मे मुस्लिम अधिकारियों की सहभागिता हमेशा से ऊंट के मुहं मे जीरा समान रहती है। जिसमे मे सीधे तौर पर भारतीय सीवील सेवा परीक्षा मे चयनित अधिकारियों की संख्या तो एक हाथ की पांच उगंलियो के समान गिनती करने समान आज तक के इतिहास मे दर्ज है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा मे चयनीत होकर सीधे तौर पर राजस्थान केडर मे आने वाले आईएएस अधिकारियों मे सबसे पहले 1975-76 मे यूपी के गाजीपुर के रहने वाले सलाऊद्दीन अहमद आये, जो बाद मे राजस्थान के मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हुये है। सलाऊद्दीन अहमद साहब के आने के बाद काफी बडा अर्शा गुजर जाने के बाद कशमीर से पहले कमरुल जमा चोधरी व फिर अतर आमीर नामक दो आईएएस अधिकारी राजस्थान केडर मे आये है। इनके बाद 2018 मे केरल के रहने वाले मुहम्मद जुनैद पीपी बतौर आईएएस राजस्थान मे आये है। जिनकी अभी मसूरी मे ट्रेनिंग चल रही है। इनके अलावा मोजुदा समय मे राजस्थान प्रशासनिक सेवा व अन्य सेवा से तरक्की पाकर भारतीय प्रशासनिक सेवा केडर मे शामिल हुये उमरदीन खान व जाकीर हुसैन भी राजस्थान मे कार्यरत है। जिनमे से जाकीर हुसैन हनुमानगढ़ के फरवरी माह से जिला कलेक्टर पद पर पदस्थापित है।
रियासतो के विलय के बाद बने राजस्थान प्रदेश मे छ मुस्लिम अधिकारी भी आगे चलकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बनकर अनेक जगह जिला कलेक्टर भी रहे। जिनमे बूंदी रियासत से आये अलाऊद्दीन खिलजी प्रमुख थे। जो अनेक जगह जिला कलेक्टर के पद पर भी पदस्थापित रहे है। रियासतो से आये छ अधिकारियों के अलावा जे.एम खान, ऐ.आर खान, एम. एस खान, शफी मोहम्मद , अशफाक हुसैन व मोहम्मद हनीफ खान भी राजस्थान प्रशासनिक व अन्य सेवा से तरक्की पाकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बन चुके है। जिनमे जे.एम खान, ऐ.आर खान, एम.एस खान व अशफाक हुसैन जिला कलेक्टर पद पर पदस्थापित रह कर सेवानिवृत्त हो चुके है। इनमे शफी मोहम्मद राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहते प्रतापगढ़ के जिला कलेक्टर रहे है। जबकि उनका भारतीय प्रशासनिक सेवा मे तरक्की बाद मे हुई बताते है।
कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान के कुछ युवा भारतीय सीवील सेवा परीक्षा पास करके भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जरुर बने है। लेकिन उन्हे राजस्थान केडर नही मिल पाया। बल्कि पीछले एक दशक मे कमरुल जमा चोधरी, अतर आमीर व मुहम्मद जुनैद पीपी का भारतीय प्रशासनिक सेवा मे चयनित होने के बाद उन्हें राजस्थान केडर अलाट जरुर हुवा है।
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