राजस्थान मे हार पर मंथन करने पर कांग्रेस किसी भी स्तर पर तैयार नही।

अशफाक कायमखानी।जयपुर।
राजस्थान मे कांग्रेस सरकार होने के बावजूद राज्य की सभी पच्चीस लोकसभा सीटो पर हार का मजा चखने वाली कांग्रेस किसी भी स्तर पर हार पर मंथन करने को अभी तक तैयार नही है। खानापूर्ति के लिये चुनाव परिणाम के बाद पीसीसी मुख्यालय मे एक बैठक बूलाई गई जिसमे किसी भी सहभागी को बोलने की इजाजत ना होकर केवल प्रभारी महामंत्री अविनाश पाण्डे ने एक लाईन का राहुल गांधी के प्रति विश्वास जताने का प्रस्ताव रखा। जिसका पीसीसी चीफ व मुख्यमंत्री के समर्थन करने के साथ साथ उपस्थित लोगो का प्रस्ताव के समर्थन मे हाथ उठवाकर मीटिंग को समाप्त कर दिया।

हार के कारणो पर मंथन करने के लिये किसी भी जिला व ब्लाक स्तरीय कमेटियों ने अभी तक बैठक नही की है। ओर नाही किसी एक भी विधायक ने अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ इस मुद्दे पर बैठक करने का अभी तक साहस जूटा पाये है। इसके विपरीत विधायक व मंत्री तो अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के सवालों के जवाब देने से कतराते हुये उनसे मिलने की बजाय गुमनामी की चादर ओढे घूम रहे है। सभी पच्चीस लोकसभा उम्मीदवार भी चुनाव सम्बंधित अनेक दर्द दिल मे लिये घूम रहे है। लेकिन उन दर्द को सूनने के लिये प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अभी तक उम्मीदवारों की बैठक तक नही बूलाई है। कांग्रेस के अनेक विधायक-मंत्री व नेताओं ने स्वयं कांग्रेस उम्मीदवार की खाट खड़ी करने मे जी जान लगाई है। उस दर्द को लोकसभा उम्मीदवार पार्टी मंच पर रखना चाहते है पर ऐसा अभी तक नही हो पाया है।

कुल मिलाकर यह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के विधानसभा क्षेत्रो मे कांग्रेस उम्मीदवार के पीछे रहने के कारण दोनो ही अब इस मुद्दे पर मंथन करने की बजाय चालाकी के साथ इस हार के बहाने एक दूसरे पर राजनीतिक वार करने मे लगे हुये है। चुनाव के समय राजस्थान के प्रभारी महामंत्री अविनाश पाण्डेय ने एक ब्यान मे कहा था कि जिन मंत्रियों के क्षेत्र मे कांग्रेस पीछे रहगी उनको परिणाम भूगतने होगे एवं जिन मंत्रियों व विधायकों के क्षेत्रो मे कांग्रेस आगे रहेगी उन मंत्री-विधायको को नवाजा जायेगा। पर अब दोसो विधानसभा क्षेत्रो मे से 185 विधानसभा क्षेत्रो मे कांग्रेस के पीछड़ने से सब कुछ गूड़-गोबर होकर रह गया है। मुख्यमंत्री व प्रदेशाध्यक्ष हार पर मंथन करने के बजाय एक दूसरे को राजनीतिक रुप से घेरने मे अधिक दिलचस्पी दिखा रहे है। सचिन पायलट प्रदेशाध्यक्ष के साथ साथ सरकार मे उपमुख्यमंत्री पद का दोहरा लाभ लेते आ रहे है

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity