मिल्लत टाइम्स,दुर्ग:एक ओर जहां हिंदू-मुस्लिम के नाम पर दुनिया में लोगों को लड़ाने का काम किया जा रहा है। वहीं छत्तीसगढ़ के दुर्ग में सिख समुदाय ने एकता और अखंडता की मिसाल पेश की है। सेवाईयों के मीठे स्वाद की तरह मुस्लिम समुदाय के साथ ऐसे गले मिले की उनकी नमाज के लिए गुरुद्वारे के दरवाजे खोल दिए। ईद से एक दिन पहले मंगलवार शाम को गुरुद्वारे में रोजा इफ्तार कार्यक्रम रखा गया, इसके साथ ही मुस्लिम भाइयों ने वहां नमाज भी अता की।
सिख समुदाय के साथ रहा है मुस्लिमों को पुराना नाता
दरअसल, गुरुद्वारा गुरुसिंघ सभा की ओर से अनूठी शुरुआत की गई। सिख समाज की ओर से गुरुद्वारे में रखे गए रोजा इफ्तार कार्यक्रम में मुस्लिम समाज के प्रमुख लोगों ने शामिल होकर रोजा खोला। मुस्लिम समाज ने जहां इसके लिए सिख समुदाय को धन्यवाद दिया और आगे भी इस प्रयास को कायम रखने की बात कही, वहीं सिख समाज का कहना है कि भारत धर्म निरपेक्ष देश है और यहां सभी एक दूसरे का त्योहार खुशी पूर्वक मनाते हैं। दुर्ग में एकता की मिसाल पेश करने के लिए ये आयोजन किया गया था।
गुरु सिंघ सभा के पदाधिकारियों ने कहा कि गुरुनानक देव महाराज के साथ दो सेवादार भाई बालाजी और मर्दाना जी इस्लाम धर्म को मानते थे। फिर भी वे हमेशा गुरुनानक देव के साथ रहते थे। गुरुद्वारा हरमिंदर साहिब की नींव भी सूफी संत मियां मीर ने रखी थी। इस भाइचारे के संदेश को समाज आगे बढ़ा रहा है। कार्यक्रम में गुरु सिंघ सभा के महासचिव अरविंदर सिंह खुराना, अध्यक्ष तरसेम सिंग ढिल्लन ने कहा कि इससे दोनों समाजों के बीच आपसी प्रेम, सद्भावना और भाइचारे की भावना बढ़ेगी।