मिल्लत टाइम्स,पटना:जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) प्रवक्ता केसी त्यागी ने रविवार को कहा कि केंद्रीय कैबिनेट में जेडीयू के शामिल होने का वक्त खत्म हो गया है. अब भविष्य में भी जेडीयू मोदी सरकार में शामिल नहीं होगी. अभी हाल में मोदी कैबिनेट का गठन हुआ है. इसमें नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू शामिल नहीं हुई और बाहर से समर्थन देने का फैसला किया. इसके बारे में नीतीश कुमार ने कहा था कि ‘अमित शाह के बुलाने पर मैं उनसे मिलने दिल्ली गया था. शाह ने कहा कि हम एनडीए के घटक दलों को एक-एक मंत्री पद दे रहे हैं. इस पर मैंने कहा कि मंत्रिमंडल में सांकेतिक प्रतिनिधित्व की जरूरत नहीं है. बाद में जेडीयू के सभी सांसदों ने इस पर सहमति जताई.’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल नहीं होने के फैसले ने बिहार में नई सियासी संभावनाओं को लेकर बहस की शुरुआत कर दी है. जेडीयू ने बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग भी तेज कर दी है. इसे लोग दबाव की राजनीति से भी जोड़कर देखते हैं. संविधान की धारा 370 हटाने की बात हो या अयोध्या में राम मंदिर निर्माण या तीन तलाक और समान नागरिक कानून हो, इन सभी मामलों में जेडीयू का रुख बीजेपी से अलग रहा है. जेडीयू इन मामलों को लेकर कई बार स्पष्ट राय भी दे चुकी है. मोदी कैबिनेट में जेडीयू का शामिल न होना या बिहार में नीतीश कैबिनेट के विस्तार में बीजेपी को जगह न मिलना, बीजेपी-जेडीयू के बदले संबंध के तौर पर देखा जा रहा है.
मंत्री पद की राजनीति के बीच जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि ‘वे (बीजेपी) हमें एक मंत्री पद दे रहे थे जो हमें मंजूर नहीं था. यूनिफॉर्म सिविल कोड और 35ए को लेकर हमारा रुख साफ है. समाज में पहले से काफी मतभेद हैं, इसलिए हम इसे और बढ़ाना नहीं चाहते. बिहार में चुनाव से पहले बीजेपी के साथ अब कोई समझौता नहीं होगा और न ही हमारी पार्टी मोदी सरकार में शामिल होगी.’
इससे पहले भी जेडीयू प्रवक्ता और प्रधान महासचिव केसी त्यागी कह चुके हैं कि बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है, ऐसे में सांकेतिक मंत्रिमंडल में शामिल होना बिहार के लोगों के साथ इंसाफ नहीं होगा. उन्होंने हालांकि यह भी कहा, “जेडीयू न नाराज है और न ही असंतुष्ट है. जेडीयू ने बीजेपी को अपनी स्थिति के बारे में बता दिया है.” आने वाले समय में मंत्रिमंडल में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आगे जो बात होगी, वह होगी लेकिन सांकेतिक रूप में शामिल नहीं हुआ जा सकता. उन्होंने यह भी कहा कि दो सीटों वाली पार्टी और 16 सीटों वाली पार्टी में कुछ तो अंतर होना चाहिए. बहरहाल, मौजूदा समय में जेडीयू के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने के फैसले को लेकर विपक्ष ने प्रश्न उठाने शुरू कर दिए हैं. ऐसे में देखना होगा कि बीजेपी जेडीयू को किस ‘संकेत’ के जरिए मनाने में सफल होती है.