गरीबों की मदद का खास ख्याल रखें,मुफ़्ती फजलुर्रहमान क़ासमी इलाहाबादी

1जून 2019 ,मऊआइमा ,प्रयागराज ,

ईद का पर्व क़रीब है ,हमारी यह जिम्मेदारी है कि पास पड़ोस में गरीब परिवार के लोगों की हर मुमकिन मदद करें ताकि वह लोग भी अच्छे से ईद का पर्व मना सकें उक्त बातें युवा आलिम मुफ़्ती फजलुर्रहमान क़ासमी इलाहाबादी ने
मऊआइमा क़स्बा स्थित मोहल्ला अबुहालीम पट्टी में मस्जिद चूड़ी हार वाली में तरावीह में क़ुरान के एक दौर मुकम्मल होने पर कहीँ ,उन्होंने कहा इस पवित्र महीने रमज़ान में गरीबों की मदद करने का बहुत ज़्यादा सवाब है ,मुफ़्ती फजलुर्रहमान ने कहा अल्लाह ने मालदारों पर ज़कात को फ़र्ज़ किया है ,मालदारों से लेकर गरीबों को दिया जाता है ताकि गरीब परिवार के लोग भी खुशहाल रहें ,उन्होंने कहा ज़कात का निसाब साढ़े बावन तोला चाँदी या साढ़े सात तोला सोना या उसकी कीमत का मालिक हो और उस पर एक साल गुजर जाये तो ज़कात वाजिब होगी ,मुफ़्ती फजलुर्रहमान ने कहा फ़िलहाल साढ़े 52 तोला चाँदी की कीमत साढ़े 24 हज़ार है जिसके पास साढ़े 24 हज़ार हो और उस मॉल पर साल गुजर गया हो तो ज़कात वाजिब होगी

,उन्होंने कहा ज़कात की रकम क़रीबी रिश्तेदार जैसे भाई बहन इन रिस्तेदारों को देना ज़्यादा सवाब है ,उन्होंने कहा उसूल यानि माँ बाप दादा दादी ऊपर तक ऐसे ही फुरू व यानि बेटा बेटी पोता पोती को ज़कात की रकम नही दे दी जा सकती ,उन्होंने पास पड़ोस के परिवार के लोगों की मदद का अगिरह किया ,मुफ़्ती फजलुर्रहमान ने कहा जो लोग ईद के दिन निसाब के मालिक हों यानि जिनके पास साढ़े 24 हज़ार हो तो उसके लिए खुद अपनी तरफ से और अपने छोटे छोटे बच्चों की तरफ से फ़ित्रा निकालना वाजिब है

,उन्होंने कहा पौने 2 किलो गेहूं की कीमत 30 रुपया है इसलिए मऊआइमा और आस पास के इलाक़ों के लोग 30 रूपया प्रति नफर फ़ित्रा अदा करें,हाफिज अख़लाक़ ने तिलावत किया ,मोहम्मद अफ़ज़ल ने नात पढ़ी ,इस अवसर पर हाफिज मोहम्मद शादाब ,हाफिज ज़ुबैर ,सैय्यद सुज़ैन ,मास्टर तारिक़ महमूद ,अब्दुर्रहमान ,हाफिज मोहम्मद आलम ,और भारी संख्या में लोग मौजूद रहे ,मुल्क की खुशहाली तरक़्क़ी ,आपसी चारा ,के लिए खास तौर से दुआएं की गयी

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity