अशफाक कायमखानी।जयपुर।
सूरत की कोचिंग मे आग लगने के कारण बीस के करीब भारत के बेटे-बेटियों की मौत हो जाने के बाद पूरा भारत शौक की लहर मे डूबने के साथ हर कोई सहमा हुवा नजर आ रहा है। इसी के मध्य खबर आ रही है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल अपनी मां से मिलने गुजरात जा रहे है। प्रधानमंत्री का मां से मिलना अच्छी बात है। लेकिन जिन बच्चों ने सूरत कोचिंग आग हादसे मे जान गवाई है, उन बच्चों के भी मां होगी, उन माओ से मिलने कोन जायेगा। यह सवाल भी रुक रुक कर उन माओ की आंखो से निकलने वाले अश्क मे अक्स की तरह नजर आ रहे है।
चाहे किसी भी स्तर की लापरवाही व नाकामियां रही हो। जांच कमेटी जांच करेगी। सरकारी स्तर पर थोड़ा-बहुत मुवाजा देने का ऐहलान होगा। ओर फिर आम जीवन उसी तरह चलने लगेगा।अनियमित तौर पर बने भवनो व भवन मालिको के खिलाफ कुछ दिन चर्चा होने के बावजूद कुछ नही होगा। लेकिन उन माओ की आंखो से निकलने वाले आंसू शायद कभी सूख नही पायेगे। हरदम उनकी आंखो से बच्चों को खोने का दर्द झलकता रहेगा।
बताते है कि हादसे से समय सड़क पर इकठ्ठा भीड़ बच्चों को बचाने की बजाय वीडियो बनाती रही। ओर प्रशासन काफी मौत होने के बाद आधे अधूरे साधन लेकर पहुंचा। खैर जिन माओ के लाल इस हादसे मे जान गवां चुके है उनके दर्द को वोही अधिक समझ सकते है। पर इस हादसे ने अनेक सवाल जरुर खड़े कर दिये है। जिनका निपटारा करने की तरफ अलग अलग सरकारों को अपने अपने प्रदेशों मे आगे बढना चाहिए।
अनेक लोग बताते है कि विदेशों मे बच्चों की पढाई की शूरुआत के समय स्टूडेंट्स को स्कील लाईफ यानि आग, बाढ, तूफान व अचानक आने वाली विपदा से बचने के उपायो के लेकर अच्छे से शिक्षा दी जाती है। अगर इन बच्चों को भी स्कील लाईफ की शिक्षा मिली होती तो इनमे से काफी की जान बच सकती थी। ओर कुछ भी नही तो बच्चों ने जींस की पेंटे पहनी हुई थी। उन पेंटो को निकाल कर रस्सी नुमा बनाकर उसको लटका कर दो चार मिनट मे बच्चे निचे उतर सकते थे।
कुल मिलाकर यह है कि भारत मे एक तरफा जीत की खुशी मे भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी मां से मिलने गुजरात जाने वाले है। पर जिन बच्चों की कोचिंग आग हादसे मे मौत हुई है, उनके भी माऐ होगी। देखते है कि उन माओ से मिलने कोन व कब जाता है।