धर्म के नाम पर कोई भी राजनीतिक आंदोलन कामयाब नहीं हो सकती

संविधान को रौंदकर के सावरकर के सिद्धांत को प्राथमिकता देना देश के लिए संगीन खतरा
पीएम मोदी दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन से भी बड़े अदाकार हैं
मौलाना नोमानी की किताब”सावरकर फिक्र व तहरीक एक मुतआला”और नर मलंदो की किताब” सपनों का सौदागर की रस्म इजरा समारोह से बुद्धिजीवियों का खिताब

नई दिल्ली-26 अप्रैल (प्रेस रिलीज):धर्म के नाम पर कोई भी राजनीतिक आंदोलन कामयाब नहीं हो पाती है लोकतंत्र में स्थायीकरण और प्रस्तुतीकरण होता है किसी भी देश की तरक्की इसकी अस्तित्व और लोगों के कल्याण में लोकतंत्र प्रणाली का सबसे अच्छा रोल होता है इस विचार को अभिव्यक्त आज ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के जनरल सेक्रेटरी डॉ मोहम्मद मंजूर आलम ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में रस्म इजरा के समारोह से खिताब करते हुए कहा प्रेस क्लब में आज मौलाना अब्दुल हमीद मुमानी की किताब सावरकर फिक्र व तहरीक मुताला”और मशहूर पत्रकार नर मलंदो की किताब “सपनों का सौदागर” का इजरा अमल में आया जिसे इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जेक्टिव स्टडीज और जीनीयन पब्लिकेशन एंड मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने प्रकाशित किया है इस मौके पर डॉ मोहम्मद मंजूर आलम ने कहा कि यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण है? कि आई ओ एस ने दोनों किताबों को आज एक साथ रिलीज क्यों किया है? दरअसल संविधान के। मामलों और समीकरण आजादी भाईचारा और सुरक्षा को रौंदने की कोशिश हो रही है दस्तूर की रूह पर हमला हो रहा है और उन सब के साथ सावरकर की सोंच को महत्वपूर्णता दी जा रही है जिससे संविधान संकट में आ गया है जो देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के सदर आनंद बगैत कर ने अपने शुरूआती भाषण में कहा कि मोदी सरकार का 5 साल का काम काज झूठ पर आधारित है इन्होंने हिंदुत्व और नफरत की राजनीति की है जिसका विस्तृत समीक्षा नर्मलंदो ने अपनी किताब में पेश किया
सपनों के सौदागर के लेखक नर्मलंदो ने अपनी किताब का परिचय करते हुए कहा कि इन्होंने मोदी सरकार के 5 साल का समीक्षा पेश किया अन्य योजनाओं की तहकीक की पेश किया है और बताया है कि मोदी सरकार ने 5 सालों में लोगों के लिए क्या काम किया है इन योजनाओं से लोगों को कितना फायदा पहुंचा है इन्होंने आगे कहा कि मोदी दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा बड़े अदाकार हैं
साबर

सावरकर फिक्र व तहरीक के लेखक मौलाना अब्दुल हमीद नोमानी ने किताब का कुछ परिचय पेश करते हुए कहा कि जून 2014 के बाद जिस हिंदुत्व का चर्चा जोरों पर है इसकी बुनियाद मे वर्तमान भूतकाल के बहुत से लोगों का हाथ है लगभग वह लोग हैं जो अपने विभिन्न किसी और की आस्था तथा अमल को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं या मजबूरी में अंगेज करते हैं वह अपनी तरह के एक जैसा रंग तथा अहंग के हामी होते हैं जो हिंदुस्तान की कदम व आधुनिक इतिहास के खिलाफ है और ऐसे ही लोगों में से एक सावरकर है जिनकी सोच का किताब में विस्तृत रूप से समीक्षा किया गया है और बताया गया है कि यह देश के लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए संगीन खतरा है

ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस माशारात के सदर नावेद हामिद ने दोनों किताब के लेखकों को मुबारकबाद पेश करते हुए आई ओ एस का चर्चा किया और कहा के आई ए एस ने रिसर्च और तहकीक के मैदान में बहुत महत्वपूर्ण काम को अंजाम दिया है दोनों किताबों की प्रकाशन भी एक अहम कोशिश है वर्तमान हालात को जानने और लोगों को सच्चाई बताने में बहुत मदद मिलेगी

प्रेस क्लब आफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष गौतम लहरी ने अपने भाषण में कहा के सपनों का सौदागर में एक अध्ययन मीडिया के लिए भी होना चाहिए क्योंकि इस सरकार में मीडिया की आजादी पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश हुई है और कई पत्रकारों का कत्ल भी किया गया है इसके साथ उन्होंने इस बात का भी चर्चा किया सरकार की योजनाओं का जमीनी स्तर पर समीक्षा लिया जाना चाहिए था कि सरकार ने जो योजनाएं पास की है लोग इससे फायदा उठा रहे हैं या नहीं

एक सवाल का जवाब देते हुए डॉ मोहम्मद मंजूर आलम ने कहा कि देश के अधिकतर मीडिया हाउसेस पिछले 5 सालों से पीआर का किरदार अदा कर रहे हैं
बुक रिलीज किया समारोह ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल, इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जेक्टिव स्टडीज और जीनियन पब्लिकेशन एंड मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने साझा तौर पर आयोजन किया था मिल्लत टाइम्स के एडिटर शम्स तबरेज कासमी ने संचालन का कर्तव्य अदा किया

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity