आतंकवादी खुदा के दुश्मन और शैतानी ताक़तों के प्रतीक हैं: मौलाना महमूद मदनी

धार्मिक स्थलों पर हमला कर कौमों के दरम्यान दूरी पैदा करने वाले कामयाब नहीं होगे।

23 अप्रैल 2019,कांस्टीट्यूशन क्लब,नई दिल्ली में सभी मुस्लिम तंजीमों और इसाई धार्मिक रहनुआमों की एक सांझी प्रेस काॅन्फ्रेंस आयोजित हुई जिसमें ईस्टर के अवसर पर श्रीलंका के चर्चों और होटलों में क्रूरता पूर्वक हमले की पुरजोर निंदा की गयी और एक सांझा ब्यान जारी किया गया जिसका मतन यह हैः

ईस्टर के अवसर पर श्रीलंका के चर्चों और होटलों में क्रूरता पूर्वक एक के बाद एक बम धमाकों ने दुनिया भर के सभ्य मानव समाज को गहरी चोट पहुंचाई है। हम सभी शांतिप्रिय लोग धर्म और कौम के भेदभाव से ऊपर उठकर एक आवाज से इन अमानवीय हमलों की कडे़ शब्दों में निंदा करते हैं। जो लोग इन विस्फोटों में लिप्त हैं, वे मानवता, सभ्यता और खुदा के दुश्मन हैं और धरती पर शैतानी ताक़तों के प्रतीक हैं। उन्हें किसी धर्म के साथ जोड़ना वास्तव में खुद धर्म अ ौर आस्था का अपमान है। इसलिए यह आवश्यक है कि सभी धर्मों से जुड़े लोग ऐसे वहशी लोगों और समूहों से अपनी असहमति व बेज़ारी प्रकट करें। ऐसे तत्वों को बेनक़ाब करना और उनसे किसी भी प्रकार का सरोकार न रखना हमारी जिम्मेदारी है

इस अवसर पर यह कहना चाहते हैं किः
(१) आतंकी दुष्ट कर्म उस समय और भयानक हो जाते हैं जब उनको किसी धर्म या उच्च मिशन के साथ जोड कर पेश किया जाता है। इस तरह की अमानवीय हरकतों के चलते, आम नागरिकों के जान और माल के नुक़सान के अलावा अमन व शांति में भी ख़लल पडता है। इसलिए सभी धर्मों के नेतृत्व का पहला कर्तव्य है कि वे अपने सभी संसाधनों को काम में लाते हुए समाज को इस मनहूस शैतानी रोग से पाक करें।

(२) हम मानते हैं कि धार्मिक त्योहारों के अवसरों पर धार्मिक स्थलों पर आतंकवादी हमले, जैसा कि इस्टर के अवसर पर श्रीलंका में किए गए, उनका लक्ष्य विभिन्न धर्मों के मानने वालों और विभिन्न क़ौमों के बीच दूरी और शत्रुता पैदा करना है। इसलिए, यह जरूरी है कि हम अपने ईसाई भाइयों के साथ खड़े हों और और उन पर ढ़ाई गई पीडा और कष्ट अवसर पर उनके साथ एकजुटता का प्रदर्शन करें।
(3) हम दुनिया भर की सरकारों और कानून व व्यवस्था लागू करने वाली एजेंसियों से अपील करते हैं कि वे आतंकवादी समूहों की किसी भी कार्यवाही को असफल बनाने के लिए प्रभावी तरीक़े अपनाएं और पूरी तरह जागरूकता का प्रमाण दें।

(४) श्रीलंका हमारा पड़ोसी देश है। मानव धैर्य की परीक्षा की इस घड़ी में हम अपने सभी पीड़ित भाइयों के साथ खडे हैं और हर प्रकार के सहयोग के लिए तैयार हैं कि वे अपने जीवन की इस अत्यंत दर्दनाक संकट का धैर्यपूर्वक मुक़ाबला कर सकें। प्रभावित परिवारों से मिलकर हम सब की ओर से उन तक अपनी संवेदना पहुंचाने और उनकी सहायता की संभावनाओं की समीक्षा करने के लिए सभी धर्मों के रहनुमाओं का एक सामूहिक उच्च प्रतिनिधिमंडल श्रीलंका भेजने का कार्यक्रम बना रहे हैं। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि श्रीलंका की सरकार पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करेगी और मुजरिमों को उनके अंजाम तक पहुंचायेगी।
(5) हमें उम्मीद है कि आतंक के विरुद्ध हमारी इस लड़ाई में, मीडिया से संबंधित आप जैसे विवेकशील लोगों और सार्वजनिक जीवन के अन्य विभागों से जुडे लोगों का भरपूर सहयोग और समर्थन मिलेगा। हम अपना यह यह संकल्प दोहराना चाहते हैं कि आतंकवाद के विरुद्ध और पूरी दुनिया में अमन व शांति के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम धर्म और जाति के भेदभाव के बिना सभी मानवता प्रेमी लोगो, संगठनों व पार्टियों से अपील करते हैं कि वे सभी के लिए शांति और मानवता की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आगे आएं।

सांझी प्रेस कॉन्फ्रेंस के संबोधक:-
जनाब नुसरत अली साहब, पूर्व नायब अमीर, जमात-ए-इस्लामी हिंद
डा0 जफरूल इस्लाम खान, चैयरमैन, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग
फादर फैलिक्स, सैक्रेट्री, इंटरफैथ डायलोग, सीबीसीआई
फादर ए सी माईकल, पूर्व सदस्य, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग
फादर अब्राहम मैथियू, सैक्रेट्री, नेशनल कौंसिल आॅॅफ चर्चस एन इंडिया
डा0 जाॅन दयाल, पूर्व महासचिव, आॅल इंडिया क्रिश्चियन कौंसिल
जनाब नवेद हामिद, अध्यक्ष, आॅल इंडिया मुस्लिम मजलिस मुशावरत
जनाब कमाल फारूकी, सदस्य आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड
मौलाना मोहसिन तकवी, इमाम शिया जामा मस्जिद दिल्ली
जनाब खलिद सैफी, समाजसेवी
मौहम्मद अहमद, जमात-ए-इस्लामी हिंद
मौलाना महमूद मदनी, महासचिव, जमीयत उलमा-ए-हिन्द
मौलाना नियाज अहमद फारूकी, सचिव, जमीयत उलमा-ए-हिन्द
नदीम खान, युनाइटिड अगेंस्ट हेट
मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, सचिव, जमीयत उलमा-ए-हिन्द

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity