गुजरात दंगा:सुप्रीम कोर्ट का राज्य सरकार को निर्देश-बिलकिस बानो को नौकरी,घर और 50 लाख रु.मुआवजा दें

मार्च, 2002 को गोधरा दंगों के वक्त अहमदाबाद के रंधिकपुर में 17 लोगों ने बिलकिस के परिवार पर हमला किया था
इस दौरान उनके परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी, बिलकिस के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था
इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने 4 मई 2019 को 12 दोषियों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी थी

मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए है कि 2002 गुजरात दंगों में दुष्कर्म पीड़ित बिलकिस बानो को 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। अदालत ने मंगलवार को गुजरात सरकार से कहा कि वह नियमों के मुताबिक बिलकिस बानो को एक सरकारी नौकरी और आवास भी मुहैया कराए।

3 मार्च, 2002 को गोधरा दंगों के वक्त अहमदाबाद के रंधिकपुर में 17 लोगों ने बिलकिस के परिवार पर हमला किया था। इस दौरान 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी। बिलकिस के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। उस वक्त वे 5 महीने की गर्भवती थीं।

गलत जांच करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करे सरकार- कोर्ट

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 29 मार्च को बिलकिस बानो मामले में गलत जांच करने वाले 6 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने को कहा था। अपने फैसले में कोर्ट ने ये कहा था कि उन्हें सेवा में नहीं रखा जा सकता।

मामले में12 दोषियों को उम्रकैद की सजा

21 जनवरी, 2008 को मुंबई की कोर्ट ने 12लोगों को मर्डर और गैंगरेप का आरोपी माना था। इसके बाद ट्रायल कोर्ट की ओर से सभी को उम्रकैद की सजा दी गई थी। सभी आरोपियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील की थी।बॉम्बे हाईकोर्ट ने 4 मई 2019 के फैसले में सामूहिक बलात्कार के इस मामले में 12 दोषियों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी थी। कोर्ट ने पुलिसकर्मियों और चिकित्सकों सहित सात व्यक्तियों को बरी करने का निचली अदालत का आदेश निरस्त कर दिया था।

(इनपुट भास्कर)

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity