क्या झूठ बोलने पर स्मृति ईरानी पर होगा एक्शन?कभी BA,कभी BCom,लास्ट में 12वीं पास!

मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:स्मृति ईरानी की शैक्षणिक योग्यता का तिलिस्म अब लगभग उजागर होता नज़र आ रहा है। 2004 से लेकर 2019 तक के चुनावी हलफमानों में शैक्षणिक योग्यता में अंतर पाए जाने के बाद उन पर झूठ बोलने के आरोप लग रहे हैं। ऐसे में सवाल यह भी उठाए जा रहे हैं कि क्या ईरानी के खिलाफ कोई एक्शन भी लिया जाएगा? शुक्रवार को (12 अप्रैल) को कांग्रेस की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने आरोप लगाए कि स्मृति ईरानी ने अपनी वास्तविक शैक्षणिक जानकारियों को छिपाया और झूठ बोला। कांग्रेस प्रवक्ता ने मांग की कि ईरानी को मंत्री पद से हटाया जाए और उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाए।

दरअसल, गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी लोकसभा सीट से अपने नामांकन के दौरान स्मृति ईरानी ने पहली बार अपने हलफनामे में माना कि वह ग्रैजुएट नही हैं। 2004 के बाद उनके द्वारा दी गई जानकारियों कोई बड़ा अंतर नहीं देखने को मिला है। इस बार हलफनामें में ईरानी ने बताया कि उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से 1994 में बैचल ऑफ कॉमर्स पार्ट-1 की स्टूडेंट रही हैं और तीन साल के डिग्री कोर्स को पूरा नहीं किया। मगर, 2004 से लेकर 2019 तक उनके बीए, बीकॉम और 12वीं पास का मसला जरूर अटका रहा है।

इससे पहले 2004 में चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से नामांकन भरने के दौरान दौरान उन्होंने बताया था कि 1996 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ करेस्पॉन्डेंस से बैचलर ऑफ आर्ट किया है। जबकि, 2014 लोकसभा चुनाव में स्मृति ने बताया था कि उन्होंने 1994 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से बैचलर ऑफ कामर्स पार्ट-1 किया है। अब यहां कन्फ्यूजन की स्थिति हो गई थी कि ईरानी बैचलर ऑफ आर्ट्स की स्टूडेंट थी या बैचल ऑफ कॉमर्स की। जब ईरानी 2011 में राज्यसभा सदस्य के तौर पर संसद पहुंच रहीं थीं, तब उन्होंने अपनी प्रोफाइल में बताया था कि उन्होंने दिल्ली के होली चाइल्ड एक्ज़िलियम स्कूल से शिक्षा हासिल की है और डीयू से करेस्पॉन्डेंस की शिक्षा ले रही हैं।

हालांकि, स्कूलिंग को लेकर उनकी तारीख और साल एक समान ही है। वर्तमान चुनावी हलफनामे में ईरानी ने जानकारी दी है कि उन्होंने 1991 में हाईस्कूल और 1993 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की है। स्मृति ईरानी के 2004 के अलावा बाकी हलफनामों में लगभग एक ही जानकारी दी गई है। चुनावों में शैक्षणिक योग्यता को लेकर गलत जानकारी देने के मामले में पहली बार कांग्रेस ने उन्हें कटघरे में खड़ा किया था। उस दौरान 2014 में मोदी सरकार ने उन्हें शिक्षा मंत्रालय जैसा बड़ा और अहम पोर्टफोलियो सौंपा था। इस दौरान कांग्रेस नेता अजय माकन ने ट्वीट करके कहा था कि स्मृति ईरानी ग्रैजुएट तक नहीं हैं। ईरानी का इस मसले पर कभी भी संतोषजनक जवाब नहीं रहा है।

(इनपुट भास्कर)

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity