शिवहर लोकसभा क्षेत्र के महागठबंधन प्रत्याशी फैसल अली का विरोध , नाराज कार्यकर्ताओं की तेजस्वी को हिदायत , टिकट वापस नहीं लेने पर देंगे सैकड़ों कार्यकर्ता पद से देंगे इस्तीफा

शिवहर लोकसभा क्षेत्र के महागठबंधन प्रत्याशी फैसल अली का विरोध जारी , नाराज कार्यकर्ताओं की तेजस्वी को सख्त हिदायत , टिकट वापस नहीं लेने पर देंगे सैकड़ों कार्यकर्ता पद से देंगे इस्तीफा , 

शिवहर ( फजलुल मोबीन )

बीते कुछ दिनों से ये खबर मिल रही थी के सैयद फैसल अली शिवहर लोकसभा क्षेत्र से महागठबंधन के उम्मीदवार हो सकते हैं । जिसकी पुष्टि कल शनिवार को राजद ने की । राजद प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे के अनुसार सैयद फैसल अली को ही शिवहर लोकसभा क्षेत्र से महागठबंधन का प्रत्याशी बनाया गया ।
जैसे ही यह खबर शिवहर के आम जनों तक पहुंची सोशल मीडिया से लेकर चौक चौराहा तक उनके विरुद्ध आवाज उठनी शुरू हो गई जहां एक तरफ लोग आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को उसका जिम्मेदार बता रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सैयद फैसल अली की दावेदारी पर भी लोगों ने प्रश्न चिन्ह लगाया है ??
इस से पूर्व ये चर्चा तेज थी के वैशाली के सांसद रमा सिंह या आंगेश कुमार सिंह अंग्राज या पूर्व सांसद लवली आनंद को महागठबंधन का प्रत्याशी बनाया जाएगा ।
लेकिन जैसे ही कल फैसल अली का नाम आया वैसे ही विरोध के स्वर उठने लगे जहां एक तरफ लोगों ने “शिवहर बचाओ – बाहरी भगाओ” का नारा दिया ….. वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के प्रतित्वबंदी रमा देवी को भी राजद समर्थकों ने बधाई देनी शुरू कर दी ।
नाराज राजद कार्यकर्ताओं ने पार्टी को चेतावनी दी है कि अगर स्थानीय को टिकट नहीं मिलता है तो वह पार्टी का विरोध कर आने वाले प्रत्याशी के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और उन्हें काले झंडे दिखाएंगे । समर्थकों का कहना है कि शिवहर लोकसभा सीट से स्थानीय को टिकट ना देकर पार्टी के आलाकमान ने यहां की जनता से भद्दा मजाक किया है जिसको वह कतई कुबूल नहीं करेंगे ।

   गौरतलब होगी सैयद फैसल अली का संबंध बिहार के गया जिला से है । वे सऊदी अरब के सुप्रसिद्ध दैनिक पत्रिका अरब न्यूज़ में 18 साल तक एडिटर इन चीफ के पद पर रह चुके हैं वहीं वे भारत के सबसे बड़े एवं सुप्रसिद्ध उर्दू न्यूज़ ग्रुप रोजनामा राष्ट्रीय सहारा के भी ग्रुप एडिटर रह चुके हैं और अब वे दैनिक उर्दू पत्रिका ” सच की आवाज़ ” के मालिक और संपादक हैं ।
…… शिवहर लोकसभा क्षेत्र जिसे चितौड़ गढ़ कहा जाता है यहां राजपूत समाज का वोट काफी निर्णायक होता है और अगर वो राजद समर्पित उम्मीदवार को अपना समर्थन करते हैं तो वो MY समीकरण के साथ राजद को आसानी से लक्ष्य की प्राप्ति हो जाती है । लेकिन उसके लिए किसी राजपूत उम्मीदवार का मैदान में उतरना ही परफेक्ट बैठता है । अब जब फैसल अली को प्रत्याशी बनाया गया है तो ऐसे में उनकी राह काफी मुश्किल होगी ऐसी परिस्थिति में my समीकरण उन्हें अपना नेता मान भी लेती है फिर भी उनके लिए दिल्ली दूर नजर आ रही है …. क्यूंकि यहां मुस्लिम प्रत्याशी को मुस्लिम वोट छोड़ कर किसी समाज का वोट कभी नहीं मिला है ….
…… शिवहर लोकसभा क्षेत्र से अब तक सिर्फ एक मुस्लिम सांसद अनवारूल हक के रूप में निर्वाचित हुए हैं जो कि यहां के हर दिल अजीज और स्थानीय नेता थे लेकिन वह भी 2014 में लगभग डेढ़ लाख वोटों से चुनाव हारे थे। 2009 से यहां से लगातार बीजेपी की नेत्री रामादेवी जीतती आई है । लोगों के अनुसार सैयद फैसल अली को वर्तमान परिस्थिति देख कर मैदान में नहीं उतरना चाहिए क्योंकि आमजन विशेषकर अल्पसंख्यक बिल्कुल ही नहीं चाहते यहां से कोई मुस्लिम प्रत्याशी हो क्योंकि जब जब मुस्लिम उम्मीदवार होता है तब तब हिंदू – मुस्लिम का रंग देकर बीजेपी अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लेती है ….. मुसलमानों के वोट बैंक पर राज करने वाली आरजेडी की हवा शिवहर लोकसभा क्षेत्र में अभी इतनी खराब हो चुकी है कि खुद यहां के पार्टी कार्यकर्ता राजद घोषित उम्मीदवार सैयद फैसल अली को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं कर रहे हैं । यहां तक कि लोगों ने राजद को वोट ना देकर किसी निर्दलीय को वोट देने का फैसला कर लिया है ।

बताते चलें कि ….. इसे पूर्व 2014 में साबिर अली को जदयू कोटे से उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन मुसलमानों का साथ न मिलने पर उन्होंने टिकट वापस कर दिया था ठीक वैसी ही परिस्थिति आज फैसल अली के साथ भी है । लोगों ने कई माध्यम से पार्टी को सूचित किया है कि वह किसी भी कीमत पर बाहरी प्रत्याशी को स्वीकार नहीं करेंगे तथा लोगों ने पार्टी के आला कमान विशेषकर तेजस्वी यादव को सख्त हिदायत दे डाली है कि इस पर विचार विमर्श कर अपने फैसले को बदलें ।

★ मिल्लत टाइम्स के लिए फजलुल मोबीन की खास रिपोर्ट ★

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