मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:चुनाव आयोग नेलोकसभा और चार राज्योंआंध्र, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभाचुनावके लिए रविवार कोतारीखों काऐलान कर दिया। इस बार लोकसभा चुनाव7 चरणों में होंगे। 11 अप्रैल, 18 अप्रैल, 23 अप्रैल, 29 अप्रैल, 6 मई, 12 मई और 19 मई को वोटिंग होगी। 23 मई को नतीजे आएंगे। तीन जून तक नई लोकसभा का गठन हो जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि इस बार लोकसभा चुनाव में कुल 90 करोड़ वोटर होंगे। इनमें 8.4 करोड़ नए मतदाता शामिल हैं। कुल वोटर में से 99.3 के पास वोटर आईडी है। 1.5 करोड़ वोटर 18-19 साल की उम्र के हैं। लोकसभा चुनाव के लिए आज से देशभर में आचार संहिता लागू हो गई है।
चुनाव आयुक्त ने बताया, पिछली बार 9 लाख मतदान केंद्र थे, इस बार 10 लाख पोलिंग बूथहोंगे। पहली बार पूरे देश केसभी बूथों पर वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल होगा।लोकसभा चुनाव के लिए हेल्पलाइन नंबर-1950 होगा। सभी चुनाव अधिकारियों की गाड़ी में जीपीएस होगा। मोबाइल पर ऐप के जरिए भी आयोग को आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी दी जा सकती है और 100 मिनट के भीतर हमारे अधिकारी को इस पर एक्शन लेना ही होगा। शिकायतकर्ता की निजता का ख्याल रखा जाएगा।
अरोड़ा ने बताया, अगर प्रत्याशी अगर फॉर्म 26 में सभी जानकारियां नहीं भरता तो उसका नामांकन रद्द हो जाएगा।साथ ही बिना पैनकार्ड वाले उम्मीदवारों का नामांकन रद्द होगा। इस बार चुनाव में सोशल मीडिया एक्सपर्ट मीडिया सर्टिफिकेशन और मॉनिटरिंग कमेटी का हिस्सा होंगे। प्रत्याशियों को सोशल मीडिया अकाउंट और उसपर होने वाले प्रचार में खर्च राशि की जानकारी देनी होगी। चुनावी खर्च में सोशल मीडिया पर होने वाली राशिको भी जोड़ा जाएगा। वोटरों को नाम को लेकर भ्रम न हो इसलिए इस बार ईवीएम में प्रत्याशियों की फोटो भी दिखेगी।
किन राज्यों में कितने चरण में होगी वोटिंग?
एक चरण में:आंध्र, अरुणाचल, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल, केरल, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, सिक्किम, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, अंडमान-निकोबार, दादरा नगर हवेली, दमन एंड दीव, लक्षद्वीप, दिल्ली, पुडुचेरी, चंडीगढ़। दो चरण में :कर्नाटक, मणिपुर, राजस्थान, त्रिपुरा। तीनचरण में :असम, छत्तीसगढ़। चार चरण में :झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा। पांच चरण में : जम्मू-कश्मीर। सात चरण में :बिहार, उत्तर प्रदेश, प. बंगाल।
जम्मू-कश्मीर में अभी विधानसभा चुनाव नहीं
चुनाव आयोग नेजम्मू-कश्मीर में मौजूदा स्थिति को देखते हुएअभी विधानसभा चुनाव न कराने का फैसला किया। वहांआयोग ने3 पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। इसके अलावाआंध्र, सिक्किम और अरुणाचल में लोकसभा के साथविधानसभा चुनाव के लिए एक चरण में 11 अप्रैल कोमतदान होगा। वहीं, ओडिशा में चार चरणों 11, 18, 23 और29 अप्रैल कोवोटिंग होगी।
चार राज्यों में विधानसभा चुनाव
राज्य सीटें वोटिंग 2014 में किसकी सरकार बनी
आंध्रप्रदेश 175 11 अप्रैल तेदेपा
अरुणाचल 60 11 अप्रैल कांग्रेस
सिक्किम 32 11 अप्रैल एसडीएफ
ओडिशा 147 11, 18, 23 और29 अप्रैल बीजद
मोदी ने कहा- लोकतंत्र का उत्सव शुरू, फर्स्ट टाइम वोटर्स रिकॉर्ड वोटिंग करें
मोदी ने ट्वीट किया, ”लोकतंत्र का त्योहार चुनाव आ गए। मैं अपने साथी हिंदुस्तानियों से अपील करता हूं कि 2019 के लोकसभा चुनाव को अपनी सक्रिय सहभागिता से सफल बनाएं। मैं उम्मीद करता हूं कि ये चुनाव ऐतिहासिक नतीजे देंगे। मैं पहली बार वोट डालने वालों से रिकॉर्ड संख्या में मतदान की अपील करता हूं।”
छह बड़े चेहरे
नरेंद्र मोदी : भाजपा ने 2013 में माेदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था, तब से लोकसभा चुनाव समेत 32 चुनाव हो चुके हैं। हर चुनाव में मोदी ही भाजपा के लिए प्रचार का प्रमुख चेहरा रहे हैं।
अमित शाह : पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के प्रभारी रहे अमित शाह ने राज्य में एनडीए को 80 में से 73 सीटें दिलवाई थीं। जुलाई 2014 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। शाह के अध्यक्ष बनने के बाद अब तक 27 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। इनमें से 14 चुनावों में भाजपा को जीत और 13 में हार मिली।
राहुल गांधी : दिसंबर 2017 में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी को 2018 के आखिर में कामयाबी मिली जब मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया। 20 साल में यह पहला मौका है, जब लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी कांग्रेस का नेतृत्व नहीं करेंगी। राहुल के नेतृत्व में पार्टी का यह पहला लोकसभा चुनाव होगा।
प्रियंका गांधी : राहुल गांधी ने प्रियंका को इसी साल 23 जनवरी को कांग्रेस महासचिव बनाया और पूर्वी उत्तर प्रदेश की 41 लाेकसभा सीटों की जिम्मेदारी सौंपी। नेहरू-गांधी परिवार से कांग्रेस में यह 11वीं एंट्री है। इससे पहले प्रियंका सिर्फ अमेठी-रायबरेली में ही प्रचार करती थीं।
ममता बनर्जी : मोदी विरोधी महागठबंधन को आकार देने की कोशिशों में ममता बनर्जी सबसे प्रमुख चेहरा हैं। 2014 में मोदी लहर के बावजूद बंगाल में ममता की तृणमूल कांग्रेस ने 42 में से 34 सीटें जीती थीं। ममता ने हाल ही में कोलकाता में विपक्ष की बड़ी रैली की थी। इसमें 15 से ज्यादा दलों के नेता शामिल हुए थे। हालांकि, ममता बंगाल में कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार कर चुकी हैं।
मायावती-अखिलेश : 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा सिर्फ 5 सीटों पर जीत पाई थी। वहीं, बसपा का खाता भी नहीं खुला था। लेकिन दोनों पार्टियों का उत्तर प्रदेश में वोट शेयर 20% के आसपास था। 25 साल बाद दोनों दल भाजपा को रोकने के लिए साथ आए हैं। 2014 में भाजपा का उत्तर प्रदेश में वोट शेयर 43% था। ऐसे में मायावती-अखिलेश का साथ आना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
इन 4 राज्यों के नतीजे चौंका सकते हैं
आंध्र प्रदेश : पिछली बार तेदेपा ने यहां भाजपा के साथ गठबंधन किया था। दोनों दलों ने राज्य की 25 में से 17 सीटें जीती थीं। तेदेपा अब एनडीए से बाहर हो चुकी है। वहीं, जगनमोहन रेड्डी पिछले पांच साल से राज्य में लगातार यात्राएं कर राज्य में अपनी पार्टी वाईएसआरसीपी की पकड़ मजबूत करने की कोशिश में हैं।
केरल : सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला राज्य में सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। कोर्ट के आदेशानुसार सत्ताधारी वाम दल हर उम्र की महिला को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश देने के पक्ष में था, वहीं भाजपा-कांग्रेस ने फैसले का खुलकर विरोध किया था। राज्य में बड़े स्तर पर विरोध-प्रदर्शन भी हुए। ऐसे में माना जा रहा है कि 20 लोकसभा सीटों वाले इस राज्य में भाजपा पहली बार मुकाबले में दिख रही है।
तमिलनाडु : राज्य की राजनीति के दो सबसे बड़े चेहरों एम करुणानिधि और जे. जयललिता के निधन के बाद यह पहला लोकसभा चुनाव है। द्रमुक ने इस बार कांग्रेस और अन्नाद्रमुक ने भाजपा-पीएमके के साथ गठबंधन किया है। पिछली बार राज्य की 39 में से 37 लोकसभा सीटें जीतने वाली अन्नाद्रमुक इस बार सिर्फ 27 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, द्रमुक ने भी 9 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ी हैं।
ओडिशा : 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद यहां भाजपा सिर्फ एक सीट जीत पाई थी। तीन बार से मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजद ने 21 में से 20 सीटें जीती थीं। मोदी ने यहां दिसंबर और जनवरी में कई दौरे किए हैं।
पांच बड़े मुद्दे
राष्ट्रवाद : पुलवामा हमले के बाद भाजपा ने राष्ट्रवाद को मुख्य मुद्दा बनाया है। पाकिस्तान : वायुसेना ने पुलवामा हमले के बाद पाक में आतंकी शिविर पर हमला किया। इस हमले के सबूतों को लेकर भाजपा और विपक्ष आमने-सामने हैं। राफेल : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि राफेल डील में मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार किया है। वहीं, सरकार राफेल को देश की जरूरत बता रही है। किसान : केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट में छोटे किसानों के खाते में हर साल 6000 रुपए ट्रांसफर करने का ऐलान किया था। मोदी अपनी रैलियों में इसे क्रांतिकारी कदम बता रहे हैं। वहीं, कांग्रेस मप्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किसानों की कर्ज माफी का मॉडल देशभर में लागू करने का वादा कर रही है। राम मंदिर : भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस के अड़ंगों की वजह से अयोध्या विवाद पर जल्द फैसला नहीं आ पा रहा। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सिर्फ चुनाव के समय यह मुद्दा उठाती है।
2014 में 5 राज्यों में विधानसभा की स्थिति
आंध्रप्रदेश (तेलंगाना समेत)
पार्टी सीटें
तेदेपा 102
वाईएसआर कांग्रेस 67
भाजपा 4
एनपीटी । 1
निर्दलीय 1
कुल 175
जम्मू-कश्मीर
पार्टी सीटें
पीडीपी 28
भाजपा । 25
नेशनल कॉन्फ्रेंस । 15
कांग्रेस 12
अन्य । 7
कुल 87
सिक्किम
पार्टी सीटें
एसडीएफ 22
एसकेएम 10
कुल 32
अरुणाचल प्रदेश
पार्टी सीटें
कांग्रेस 42
भाजपा 11
पीपीए 5
निर्दलीय 2
कुल । 60
ओडिशा
पार्टी सीटें
बीजद 117
कांग्रेस 16
भाजपा 10
एसकेडी 1
अन्य 3
कुल 147
(इंपुइ भास्कर)