संकल्प रैली के मंच पर बिहार के लिए लिए हुए संकल्प भूल गयें नीतीश कुमार

मिल्लत टाइम्स,पटना:आज एतिहासिक दिन था| आज के दिन को इतिहास के किताब में मोटे-मोटे अक्षरों से लिखा जाना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी सिख पाय कि कैसे नेता जनता को मुर्ख बनाकर वोटों कि फसल उगाते हैं|
आज देश के प्रधानमंत्री पटना के एतिहासिक गाँधी मैदान में संकल्प रैली करने आये थे| मंच पर साथ में थे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार| जी, नीतीश कुमार जो कभी नरेन्द्र मोदी का नाम लेना पसंद नही करते थे, वो आज दस साल बाद किसी राजनितिक मंच पर साथ में थे| खैर, आज कि राजनीति में यह कोई बड़ी बात नहीं, क्योंकि लोग कहते हैं कि राजनीति संभावनाओं का खेल होता है और इस खेल में आज कल सब माहिर हैं| इसलिए सिर्फ नीतीश कुमार का बात करना गलत होगा|

चुकीं, नीतीश कुमार संकल्प रैली के मंच पर थे और भाषण दे रहें थें, वह भी देश के प्रधानमंत्री के साथ, तो एक बिहारी होने के नाते, मुझे लगा कि नीतीश कुमार को उनकी एक संकल्प याद दिला देना चाहिए| याद किजिए, वह दिन ४ नवंबर २०१२ था| नीतीश कुमार इसी गाँधी मैदान में एक रैली बुलाई थी| नाम था अधिकार रैली| जी हैं, विशेष राज्य का दर्जा के लिए बुलाई गयी अधिकार रैली| जिसमें पुरे बिहार से नीतीश कुमार के आवाहन पर लोग गाँधी मैदान में जमा हुए थे| उस जनसभा में नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने का संकल्प लिया था|
बिहार के हक के लड़ाई में बिहार के लोगों ने नीतीश कुमार का साथ दिया था| कांग्रेस सरकार ने बिहार का वह हक नहीं दिया| उसकी सरकार गिर गयी| उस समय और आज के उनके सहयोगी बीजेपी का केंद्र में सरकार है| आज प्रधानमंत्री जी मंच पर थे, मगर नीतीश कुमार अपने राजनीति फायदे के लिए बिहार के हक की आवाज़ को दबा दिया| आज नीतीश कुमार संकल्प रैली के मंच पर अपने संकल्प को भूल गयें| उसूल और सिधांत की राजनीति कि बात करने वाले नीतीश कुमार ने बिहार के हक का सौदा क्र लिया| जगह वही हैं, बस समय, हालात और किरेदार बदल गयें|(अपना बिहार)

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity