मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट राफेल विवाद में अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए 26 फरवरी से सुनवाई शुरू करेगा। शीर्ष अदालत गुरुवार को इस मामले से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए राजी हुआ था। वकील प्रशांत भूषण की याचिका पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि फैसले पर विचार करने के लिए स्पेशल बेंच गठित की जाएगी।
कई नए तथ्य उजागर हुए: भूषण
गुरुवार को प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि राफेल मामले में बहुत से नए तथ्य सामने आए हैं। कोर्ट को इन पर ध्यान देना चाहिए। उनकी मांग है कि राफेल मामले की सुनवाई ओपन कोर्ट में की जाए।
भूषण ने यह भी कहा कि पिछले साल कोर्ट ने जब सुनवाई की थी तब सरकार की तरफ से पेश हुए अफसरों ने कोर्ट के सामने गलत तथ्य रखे थे। इन लोगों ने कोर्ट को गुमराह किया। कोर्ट इस पर गौर करे।
पिछले साल सरकार को मिली थी क्लीन चिट
सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2018 में अदालत की निगरानी में राफेल डील की जांच की मांग से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं। तब कोर्ट ने कहा था- राफेल की खरीद प्रक्रिया में कोई खामी नहीं है। इसमें कारोबारी पक्षपातों जैसी कोई बात सामने नहीं आई।
कोर्ट ने कहा था कि ऐसे मामले में न्यायिक समीक्षा का नियम तय नहीं है। राफेल सौदे की प्रक्रिया में कोई कमी नहीं है। 36 विमान खरीदने के फैसले पर सवाल उठाना गलत है।
कोर्ट ने कहा था कि रिलायंस को ऑफसेट पार्टनर चुनने में कमर्शियल फेवर के कोई सबूत नहीं हैं। देश फाइटर एयरक्राफ्ट की तैयारियों में कमी को नहीं झेल सकता। कुछ लोगों की धारणा के आधार पर कोर्ट कोई आदेश नहीं दे सकता।