नागरिकता संशोधन बिल के विरोध मे फिल्म निर्माता अरिबाम ने लौटाया पद्मश्री,कांग्रेस भी राज्यसभा मे करेगी विरोध

मिल्लत टाइम्स,मणिपुर:फिल्म निर्माता अरिबाम श्याम शर्मा (83) ने मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिया। केंद्र सरकार ने मणिपुरी सिनेमा में योगदान के लिए उन्हें 2006 में इस सम्मान से नवाजा था।

कांग्रेस राज्यसभा में बिल का विरोध करेगी
सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल 2016, इसी साल 8 जनवरी को लोकसभा में पास हुआ। माना जा रहा है कि मोदी सरकार इस बिल को बजट सत्र में ही राज्यसभा में पास कराने का प्रयास करेगी। हालांकि, पूर्वोत्तर में बिल का विरोध जारी है। कांग्रेस नेता हरीश रावत ने रविवार को कहा कि हम राज्यसभा में इसका विरोध करेंगे।

तीन देशों के गैर-मुस्लिमों को फायदा मिलेगा
मोदी सरकार ने 1955 के कानून को संशोधित किया है। इससे अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के गैर-मुस्लिमों (हिंदु, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी व इसाई) समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का रास्ता साफ होगा। नए कानून के तहत लोगों को 12 की बजाय 6 साल में भारतीय नागरिकता मिलेगी। वैध दस्तावेज नहीं होने पर भी गैर-मुस्लिमों को लाभ मिलेगा।

70 के दशक में मणिपुरी सिनेमा को बदला
अरिबाम श्याम ने 70 के दशक में मणिपुर के सिनेमा में क्रांतिकारी बदलाव किए थे। फिल्म निर्माण के साथ वे म्यूजिक कम्पोजर की भूमिका भी बखूबी निभाते रहे हैं। 40 साल के करियर में उन्होंने 14 फिल्में बनाईं। इसके अलावा अरिबाम ने 31 नॉन फीचर फिल्में भी बनाईं। इनमें मणिपुर की कला, संस्कृति और दैनिक जीवन को शामिल किया गया।

1982 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली
1974 में एक्टर के रूप में करियर शुरु करने वाले अरिबाम की फिल्म इमागी निंगथेम ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। 1982 में इस फिल्म ने “मोंटगोलफियरे द ओर’ अवॉर्ड जीता। 2013 में आई उनकी फिल्म “लेपाकलेई’ ने 60वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड समारोह में बेस्ट मणिपुरी फिल्म का अवॉर्ड जीता।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity