मिल्लत टाइम्स,गुवाहाटी: जदयू और भाजपा के सहयोगी दलों सहित पूर्वोत्तर की 10 पार्टियों ने नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करने का मंगलवार को सर्वसम्मति से फैसला किया। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने यहां संवाददाताओं को यह जानकारी दी। संगमा और असम गण परिषद (एजीपी) द्वारा बुलाई गई राजनीतिक पार्टियों की एक बैठक में इस बारे में फैसला किया गया।
संगमा ने कहा, विधेयक के खिलाफ पूर्वोत्तर के राज्यों के विरोध पर विचार करने के लिए बैठक एक स्वाभाविक प्रक्रिया थी और यह राजनीति से प्रेरित नहीं थी। उन्होंने कहा, क्षेत्र की ज्यादातर पार्टियां अपने – अपने राज्यों में विधेयक का विरोध कर रही हैं और इसलिए हमने एकजुट होने का फैसला किया तथा अपने लोगों और क्षेत्र को बचाने के उपायों पर चर्चा की।
बैठक में मौजूद रहे मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगमा ने कहा कि उस विधेयक का विरोध करने के लिए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव लाया गया, जो पूर्वोत्तर के लोगों के लिए खतरनाक और नुकसानदेह है। अगप प्रमुख अतुल बोरा ने कहा कि बैठक ऐतिहासिक है क्योंकि पार्टियों ने विधेयक का विरोध करने और इसे राज्यसभा में पारित नहीं होने देने का सर्वसम्मति से फैसला किया।
विरोध करने वालों में ये पार्टियां शामिल
बैठक में भाग लेने वाले 10 राजनीतिक दलों में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी), असम गण परिषद (एजीपी), नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी), हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ), इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) और केएचएनएएम शामिल हैं। बैठक में जदयू का प्रतिनिधित्व इसके पूर्वोत्तर प्रभारी एनएसएन लोथा ने किया।(इनपुट अमर उजाला)