बाएं से दाएं- बदरुद्दीन अजमल, अभिषेक मनु सिंघवी, हार्दिक पटेल, हेमंत सोरेन, शत्रुघ्न सिन्हा, यशवंत सिन्हा, एमके स्टालिन, सतीश मिश्रा, अखिलेश यादव, जयंत चौधरी, कुमारस्वामी, चंद्रबाबू नायडू, फारूक अब्दुल्ला, एच डी देवेगौड़ा, ममता बनर्जी, मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार अरविंद केजरीवाल, शरद यादव, अजीत सिंह, गेगांग अपांग और अन्य।
मिल्लत टाइम्स,कोलकाता:पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों की एकजुटता दिखाने के लिए शनिवार को कोलकाता में महारैली की। इसमें कांग्रेस, बसपा, राकांपा, राजद समेत 15 पार्टियों के नेताओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा- अखिलेश यादव, आप उप्र से भाजपा को जीरो कर दो, हम बंगाल से कर देंगे। मोदी सरकार का समय एक्सपायरी दवा की तरह पूरा हो गया। यह जनता का फैसला है। उन्होंने कहा कि कौन प्रधानमंत्री बनेगा इससे मतलब नहीं, बस भाजपा को जाना चाहिए।
इससे पहले अखिलेश ने कहा- जो बात बंगाल से चलेगी वो देश में दिखाई देगी। ये अच्छा हुआ कि 12 तारीख को सपा-बसपा और सहयोगी दलों का गठबंधन हो गया। देश में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। इस रैली के बाद भी देश की जनता में एक खुशी की लहर दौड़ जाएगी।
यशवंत सिन्हा ने कहा- मोदी को मुद्दा न बनाएं
यशवंत सिन्हा ने कहा कि हमारे लिए मोदी मुद्दा नहीं है, हमारे लिए देश के लोगों के मुद्दे ही मुद्दा हैं। वो चाहते हैं कि हम मोदी को मुद्दा बनाएं, लेकिन हमें इससे बचना होगा। यह पहली सरकार है जो आंकड़ों से छेड़छाड़ करती है। भाजपा ने देश की हर संस्था को बर्बाद किया। सिन्हा ने कहा कि मंच पर मौजूद बैठे सभी ताकतवर नेताओं से आग्रह करता हूं कि मैं तो फकीरी की ओर हूं, मुझे कुछ नहीं चाहिए। बस मेरा एक ही लक्ष्य है कि इस सरकार को बाहर करें। इसके लिए जरूरी है कि सभी तय करें बीजेपी के प्रत्याशी के सामने हमारा एक ही उम्मीदवार खड़ा हो।
विपक्ष ने कहा- हमें भाजपा को हराना होगा
गुजरात से कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि विपक्ष के एकजुट होने का बड़ा संदेश है। 2019 में भाजपा और संघ को सत्ता से हटाने की चुनौती है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को क्षेत्रीय दल जवाब देंगे। ममता इस रैली को भाजपा के लिए आम चुनाव में ‘मौत की दस्तक’ बता चुकी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ममता को चिट्ठी लिखकर रैली का समर्थन किया है। राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी ने कहा कि हम साथ खड़े होंगे, साथ लड़ेंगे और भाजपा के शासन को उखाड़ फेकेंगे। अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग ने कहा कि देश के लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है। मैं यहां पर ममता दीदी के हाथों को मजबूत करने आया हूं। हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा की इस सरकार में दलितों और आदिवासियों का शोषण हो रहा है। इसलिए क्षेत्रीय दलों को इन सांप्रदायिक ताकतों को जवाब देना पड़ेगा। हार्दिक पटेल ने कहा कि मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि यह जनसैलाब एक ऐसी क्रांति लेकर आएगा, जिसकी कल्पना नहीं की गई होगी। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम एक होकर एक नया भारत बनाएंगे। इसके लिए भाजपा को सत्ता से हटाना होगा। जनता भी यही चाहती है। वह कह रही है कि अब मोदी सरकार नहीं चाहिए। हमें जनता के इस सपने को पूरा करना है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने कहा कि भाजपा को रोकने के लिए हमें अर्जुन की तरह सिर्फ एक ही लक्ष्य रखना होगा और वह यह कि भाजपा को किसी भी हालत में सत्ता में हटाना है। नेशनल कॉन्फ्रेंस फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इस साल नई हुकूमत बनेगी, जो सबको साथ लेकर चलेगी। वह सभी संस्थाओं का सम्मान करेगी। आज देश के हर हिस्से में आग लगाई जा रही है। इस आग को बुझाने के लिए हमें इकट्ठे होना होगा। लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, “देश संकट में है। किसान तबाह है। नौजवान बर्बादी की कगार पर है। दुकानदारों का कारोबार जीएसटी की वजह से खत्म हो गया। आज इतिहास का बहुत बड़ा मौका है। हमें इसे छोड़ना नहीं चाहिए। मोदी सरकार को हटाना हमारा ध्येय होना चाहिए।” दिल्ली के अरविंद केजरीवाल ने कहा, ”कुछ भी करो, मोदी-शाह की जोड़ी को सत्ता में न आने दो। 2019 का चुनाव प्रधानमंत्री बनाने का नहीं, मोदी-शाह को भगाने का चुनाव है। इस देश में सच्चा देशभक्त है, जो इस देश के बारे में सोचता है, एक बात ठान लो, कुछ भी करना पड़े, इन्हें भगाओ।”
द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा- लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान दूसरा स्वतंत्रता युद्ध होगा। मोदी को पता कि वे दोबारा प्रधानमंत्री नहीं चुने जाएंगे। मोदी जहां भी जाते हैं, विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं, वे विपक्ष से डर रहे हैं। इसलिए हमें अपशब्द बोल रहे हैं। वे हमारी एकता से डरे हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा- मोदी के नोटबंदी के फैसले के चलते हजारों लोगों को अपने पैसे निकालने के लिए लाइन में लगना पड़ा। कई लोगों को दिल का दौरा पड़ गया। नोटबंदी के असर से जनता उबरी ही नहीं थी कि सरकार जटिल टैक्स व्यवस्था जीएसटी ले आई। राफेल पर मेरे तीन सवाल हैं- 126 विमान खरीदे जाने थे तो 26 क्यों खरीदे गए? 500 करोड़ की बजाय 1600 करोड़ रुपए विमान क्यों खरीदे जा रहे? एचएएल को छोड़कर उस कंपनी (अनिल अंबानी की रिलायंस) को ठेका क्यों दिया गया जिस कंपनी ने साइकिल का चक्का तक नहीं बनाया।
शत्रुघ्न सिन्हा ने नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर वह राफेल मुद्दे पर सफाई नहीं देंगे तो जनता कहेगी कि चौकीदार चोर है।
राहुल, सोनिया और मायावती नहीं पहुंचीं
रैली में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा (जेडीएस), राकांपा प्रमुख शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, जेएमएम प्रमुख हेमंत सोरेन, राजद नेता तेजस्वी यादव, राष्ट्रीय लोक दल के नेता अजीत सिंह, डीएमके नेता एमके स्टालिन और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला शामिल हुए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी रैली में शिरकत की। गुजरात के कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी, पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा भी रैली में शामिल हुए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी और बसपा प्रमुख मायावती रैली में शामिल नहीं हुईं। भाजपा के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, पूर्व नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और गेगांग अपांग भी मंच पर मौजूद थे।
14 दल एकजुट हुए
पार्टी लोकसभा सीटें
कांग्रेस 45
तेदेपा 15
तृणमूल कांग्रेस 34
राकांपा 7
सपा 7
आम आदमी पार्टी. 4
राजद 4
एआईयूडीएफ 3
जेडीएस 2
झारखंड मुक्ति मोर्चा 2
नेशनल कॉन्फ्रेंस 1
रालोद 1
द्रमुक 0
बसपा 0
लोकतांत्रिक जनता दल 0
कुल 121
ये दल नहीं पहुंचे, पर हो सकते हैं महागठबंधन का हिस्सा
दल लोकसभा में सीटें
बीजद 19
टीआरएस 10
रालोसपा* 03
पीडीपी 01
एआईएमआईएम 01
कुल 34
एनडीए का हिस्सा रही रालोसपा बिहार में महागठबंधन के साथ है।