मोदी सरकार का छोटे कारोबारियों को राहत,अब 40 लाख से कम टर्नओवर GST फ्री

मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स (GST) काउंसिल की 32वीं बैठक समाप्‍त हो चुकी है. बैठक में छोटे कारोबारियों को राहत देने पर सहमति बनी है. व्‍यापारियों के लिए कंपोजिशन स्कीम की सीमा 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ कर दी गई है. आसान भाषा में समझें तो अब डेढ़ करोड़ रुपये के टर्नओवर वाले निर्माता को इस स्कीम का फायदा मिलेगा. जीएसटी कंपोजिशन स्‍कीम का लाभ लेने वाली कंपनियों को सिर्फ एक एनुअल रिटर्न दाखिल करना होगा, जबकि टैक्‍स भुगतान हर तिमाही में एक बार कर सकेंगे.यह नया नियम इस साल 1 अप्रैल से लागू होगा.

जीएसटी काउंसिल ने इसके अलावा जीएसटी के दायरे को बढ़ा दिया है. अभी 20 लाख रुपये तक टर्नओवर करने वाले कारोबारी जीएसटी के दायरे में आते थे लेकिन अब 40 लाख टर्नओवर वाले जीएसटी के दायरे में आएंगे. पूर्वोत्तर समेत छोटे राज्यों में जो लिमिट 10 लाख थी वो लिमिट 20 लाख रुपये कर दी गई है. इस तरह कई छोटे कारोबारी जीएसटी के दायरे से बाहर हो जाएंगे. अब इन छोटे कारोबारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन का झंझट नहीं रहेगा.

काउंसिल की बैठक के बाद वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि केरल को दो साल के लिए राज्य के भीतर बिक्री पर 1 फीसदी का उपकर लगाने की अनुमति दी गई है. इसके अलावा जीएसटी काउंसिल में रियल इस्टेट और लॉटरी पर जीएसटी को लेकर मतभेद सामने आने के बाद इसपर विचार करने के लिए मंत्रियों का समूह बनाया गया है.यानि अंडर कंस्‍ट्रक्‍शन मकानों को लेकर जिस छूट की उम्‍मीद की जा रही थी वो अभी नहीं मिलेगी. दरअसल, ऐसे संकेत मिल रहे थे कि जीएसटी काउंसिल बैठक में अंडर कंस्‍ट्रक्‍शन इमारतों को 12 फीसदी के स्‍लैब से हटाकर 5 फीसदी के दायरे में किया जा सकता है. लेकिन अभी इस मामले में कोई राहत नहीं मिली है.

पीएम मोदी ने भी दिए थे संकेत
इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि उन्होंने जीएसटी काउंसिल से 75 लाख रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाले उद्यमों को जीएसटी रजिस्‍ट्रेशन से छूट देने का आग्रह किया है. इसके अलावा मध्यम वर्ग के लिए बनने वाले घरों को जीएसटी के 5 प्रतिशत के दायरे में लाने का आग्रह किया गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बारे में फैसला करने का अधिकार उनके हाथ में नहीं है बल्कि जीएसटी काउंसिल के हाथ में है. सभी राज्य सरकारें इस परिषद की सदस्य है. उन सबको मिलकर इस बारे में निर्णय करना है. बता दें कि जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक 22 दिसंबर को हुई थी. इस बैठक में 26 वस्तुओं व सेवाओं पर टैक्‍स की दर कम कर दी गई थी. उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले दिनों में जीएसटी काउंसिल जनता के पक्ष में इस बात का ध्यान रखेगी.

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity