मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:मोदी सरकार के गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले को कांग्रेस ने चुनावी जुमलेबाजी करार दिया और सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र की मोदी सरकार से सवाल किया है कि सरकार युवाओं को नौकरियां कब देगी।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “सरकार ने संसद में स्वीकार किया कि 24 लाख पद खाली पड़े हैं, जिन्हें मोदी सरकार ने नहीं भरा है। हम नौकरियों में आरक्षण के पक्ष में हैं, लेकिन युवा पूछ रहे हैं कि उन्हें नौकरियां कब मिलेंगी।”
Randeep Surjewala, Congress: The government accepted in the Parliament that there are 24 lakh vacant posts, that have not been filled by the Modi government. We are in favour of #Reservation in jobs, but the youth is asking when will they get the jobs. pic.twitter.com/MzIGnyhZl0
— ANI (@ANI) January 7, 2019
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “चुनाव के 100 दिन बचे हैं और मोदी जी को समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की अब याद आई है।”
Randeep Surjewala, Congress on 10% reservation approved by Cabinet for economically weaker upper castes: 100 days are left for elections and Mr Modi now remembers the economically weaker sections of the society. pic.twitter.com/NelzKLWnFJ
— ANI (@ANI) January 7, 2019
बता दें कि मोदी कैबिनेट ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने की मंजूरी दे दी है। इसके तहत गरीब सवर्णों को भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। इसके लिए संविधान संशोधन के जरिए सरकार आरक्षण के कोटे को बढ़ाएगी। सूत्रों के अनुसार सरकार मंगलवार को संसद में संविधान संशोधन विधेयक पेश कर सकती है।
अगर विधेयक पास हो जाता है तो आरक्षण का कोटा अब 49.5 से बढ़कर 59.5 फीसदी हो जाएगा। इसके लिए संविधान संशोधन बिल लाया जाएगा। नए फैसले के बाद जाट, गुज्जरों, मराठों और अन्य सवर्ण जातियों को भी आरक्षण का रास्ता साफ हो जाएगा बशर्ते वो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में आते हों।
आर्थिक रूप से कमजोर, सामान्य वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने के सरकार के फैसले को कांग्रेस ने ‘चुनावी जुमलेबाजी’ करार देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि आम चुनाव से पहले सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है।
पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट कर कहा, “क्या आपने इस बारे में चार साल और आठ महीने तक सोचा? निश्चित तौर पर आचार संहिता लागू होने से तीन महीने पहले इस चुनावी जुमलेबाजी के बारे में सोचा गया।”
उन्होंने कहा, “आप जानते हैं कि आप कोटा की सीमा को 50 फीसदी से ज्यादा नहीं कर सकते। इसलिए आप यह दिखाना चाहते हैं कि आपने प्रयास किया, लेकिन नहीं हो पाया।”
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है।