(फोटो प्रयोग संकेत के रूप में किया गया है)
सैफुर रहमान/मिल्लत टाइम्स: साल 2019 की शुरुआत हो चुकी है पूरी दुनिया इसका जश्न मना रही है लेकिन ऐसा लग रहा है कि हिंदुस्तानी मुसलमानों के लिए यह साल भी पिछले सालों की तरह ही होगा पिछले सालों की तरह ही इस साल भी इन्हें खौफ की जिंदगी गुजारनी पड़ेगी इस बात का सबूत है राजस्थान और बिहार में हुआ लिंचिंग ,
खबर है कि अररिया में सिसवा गांव के करीब आबिद खान नाम के एक नौजवान को पशु चोरी के शक में असामाजिक तत्वों ने नौजवानों की एक भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला बताया जाता है कि आबिद को जब गुंडे लाठी डंडों और बेल्ट से पीट रहा था तब आबिद ने इस भीड़ में मौजूद अपने बचपन के दोस्त विक्रम को पहचान लिया और उन लोगों से पूछा कि तुम लोग हमें क्यों मार रहे हो उन्होंने जवाब दिया कि पहले तो मार खा और आखिर उन्होंने इसे पीटते पीटते मौत के घाट उतार दिया वहीं दूसरा मामला राजस्थान से है जहां पिछले कुछ सालों में मुसलमानों और दलितों के लिंचिंग के दर्जनों मामला पर आए हैं
खबर है कि राजस्थान के अलवर में जहां पहलू और अकबर की लिंचिंग हुई थी वहां के एक सगीर नाम के नौजवान को गाय बेचने के इल्जाम में जिंदगी से महरूम कर दिया गया है इस मामला के बाद मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के कौमी कमेटी मेंबर और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के कौमी सेक्रेट्री यासमीन फारूकी साहबा की क्यादत में एसडीपीआई मुख्यमंत्री राजस्थान से मिलकर उन्हें लोगों की उम्मीद याद दिलाई और लिंचिंग के मामलात को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की मांग की है जिस पर मुख्यमंत्री ने कार्रवाई की यकीन देहानी कराई है