मिल्लत टाइम्स,सहारनपुर। जमीयत उलेमा ऐ हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा पारित तीन तलाक विधेयक बिल पर सरकार की तीखी आलोचना कीहै।
मौलाना मदनी ने कहा कि कि इस बिल की कोई अहमियत नहीं है। सरकार चाहे कितने भी बिल क्यों न बना ले, लेकिन जो लोग इस्लाम को मानते हैं वह शरीयत पर जरूर अमल करेंगे। मदनी ने कहा कि सरकार अब इस बिल को राज्यसभा में पेश करेगी इसकी जानकारी पहले से ही थी, लेकिन इसकी अहमियत नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसारमौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि मुसलमानों में दो तबके हैं एक वह जिसने अपनी जिंदगी को इस्लाम के मुताबिक बनाया है। वहीं दूसरा तबका वह है जो इससे अलग चल रहा है, शराब पीता है और वह काम करता है, जो इस्लाम में नाजायज है।
यह मसला भी ऐसा ही है।
मौलाना मदनी ने कहा आप एक नहीं, 50 कानून बना लें, लेकिन जो मुसलमान हैं वे समझते हैं कि तलाक हो गया और अब हमारी बच्ची के साथ तलाक देने वाले शौहर के साथ रहेगी तो उसका रहना नाजायज होगा और उसकी औलाद भी नाजायज होगी। वह इस मसले से पीछे नहीं हटेंगे। मौलाना मदनी ने कहा कि हम तीन तलाक का समर्थन नहीं करते हम इसको बुरा मानते हैं और गुनाह समझते हैं, लेकिन इतना बड़ा गुनाह नहीं समझते कि उसकी बुनियाद को 3 साल की जेल में डाल दिया जाए और उसके बच्चों और उसकी बीवी को बेसहारा छोड़ दें, यह बेवकूफी की बात है।
उन्होंने कहा कि एक कानून आया है, जिसमें लड़कियों को विरासत नहीं मिलेगी, जबकि ये इस्लामी कानून के खिलाफ है। लड़कियों को भी हक मिलना चाहिए, लेकिन हमारे मुल्क का कानून बना हुआ है। अब यह हमारा काम है कि अगर हमारे दिल में खुदा का खौफ है तो लड़कियों को विरासत में हिस्सा दें और मुसलमान इस पर अमल भी कर रहा है। ऐसा ही मामला तलाक का भी है, जो चाहता है कि उसकी जिंदगी शरीयत के मुताबिक चले वह अपनी जिंदगी को चलाएगा जो नहीं चाहता अदालत में चला जाए।