तीन तलाक पर कानून बनाने से मुसलमानों को फर्क नही, कुरान के अलावा कोई और कानून हमे मंजूर नहीं:आज़म खान

मिल्लत टाइम्स: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने इस पर बड़ा बयान दिया है. आजम खान का कहना है कि मुसलमानों का इस बिल से कोई लेना-देना नहीं है और उन्हें कुरान के अलावा कोई और कानून मान्य नहीं है. न्यूज 18 हिंदी की खबर के मुताबिक, आजम खान ने कहा कि ‘तीन तलाक बिल से मुसलमानों का कोई लेना देना नहीं है, जो लोग मुसलमान हैं वे कुरान और हदीस को मानते हैं.

वह जानते हैं कि तलाक की पूरी प्रक्रिया कुरान में दी हुई है. ऐसे में हमारे लिए कुरान के उस प्रक्रिया के अलावा कोई भी कानून मान्य नहीं है.’ आजम खान ने कहा, ‘जो लोग इस्लामिक शरह के ऐतबार के तहत तलाक नहीं लेते वो तलाक नहीं माना जाता. तलाक पर कानून बने या न बने अल्लाह के कानून से बड़ा कोई कानून नहीं है. तलाक के मामले में हिंदुस्तान ही नहीं पूरी दुनिया के मुसलमान कुरान के कानून को मानते हैं.’ खान ने कहा कि पहले सरकार उन महिलाओं को न्याय दिलाए.

जिन्हें उनके शौहरों ने स्वीकार नहीं किया. उन्हें न्याय दिलाए जिन्हें गुजरात और अन्य जगह के दंगों में मार दिया था. बता दें कि ट्रिपल तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा पर रोक लगाने के मकसद से लाया गया विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया . मामले की गंभीरता को देखते हुए लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकार की सुरक्षा ) बिल, 2018 पर चर्चा के लिए 4 घंटे का समय दिया

तीन तलाक को अपराध घोषित करने वाला यह विधेयक बीते 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था. प्रस्तावित कानून के मसौदे के अनुसार किसी भी तरह से दिए गए तीन तलाक को गैरकानूनी और अमान्य माना जाएगा, चाहे वह मौखिक या लिखित तौर पर दिया गया हो या फिर ईमेल, एसएमएस और वॉट्सऐप जैसे इलेक्ट्रानिक माध्यमों से दिया गया हो.

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity