मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:मोदी सरकार ने पूरी ताकत झोंक कर लोकसभा में आखिरकार तीन तलाक बिल पास करा लिया है मोदी सरकार लगातार इस बिल को पास कराने में तत्पर थे सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक को अवैध करार दे दिए जाने के बाद भी मोदी सरकार इस पर कानून बनाने को तत्पर है और उन्होंने आज लोकसभा में इस बिल को पास करा दिया है
इससे पहले भी 2017 में मोदी सरकार ने इस बिल्कुल आया था जिसमें क्रिमिनल एक्ट में इस बिल को पास कराना चाह रहे थे जिस पर विपक्षी दल ने विरोध जताया था इस बिल का आपको बता दें कि इस बिल को क्रिमिनल बिल का रूप दिया गया था और साथ ही 3 साल की सजा का प्रावधान है और इस ए non-bailable बिल करार दिया गया था जो फिर इसे सुधार करते हुए हैं फिर से पास करा लिया गया है
परंतु अभी भी इस बिल में बहुत कुछ सुधार करने के लिए विपक्ष ने विरोध जताया था और इसे सिलेक्ट कमिटी में भेजने का आगरा किया था लेकिन सरकार किसी की नहीं सुनी और इस बिल को लोकसभा में पास करा ही दिया
इस बिल को विपक्ष मुस्लिम महिला के खिलाफ बता रहे हैं से मुस्लिम महिला का नुकसान होगा
तीन तलाक बिल (2018) को लोकसभा ने पारित कर दिया है। अब यदि कोई भी मुस्लिम व्यक्ति पत्नी को एक साथ तीन तलाक बोलता है तो उसे तीन साल तक की सजा हो सकती है। सदन में मौजूद 256 सांसदों में से 245 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया, जबकि 11 सदस्यों ने इसका खिलाफ अपना वोट दिया। इसके साथ ही सदन में असदुद्दीन ओवैसी के तीन संशोधन प्रस्ताव भी गिर गए। कई अन्य संशोधन प्रस्तावों को भी मंजूरी नहीं मिली।
कांग्रेस और एआईएडीएमके ने इस बिल के विरोध में वॉकआउट कर दिया और वोटिंग के दौरान मौजूद नहीं थे। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने भी वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। इस बिल के खिलाफ लाए गए सभी संशोधन प्रस्ताव भी सदन में गिर गए। इससे पहले दिसंबर 2017 में भी लोकसभा से तीन तलाक बिल को मंजूरी मिल गई थी, लेकिन राज्यसभा में गिर गया था। इसके बाद सरकार को तीन तलाक पर अध्यादेश लाना पड़ा था। अब सरकार ने एक बार फिर से निचले सदन में संशोधित बिल पेश किया था।
लोकसभा से तीन तलाक को अपराध ठहराने वाले बिल को मंजूरी दिलाने के बाद सरकार के लिए राज्यसभा से इसे पारित कराना चुनौती होगी। उच्च सदन में एनडीए का बहुमत नहीं है(इनपुट न्यूज २४)