कांवड़‍ियों पर फूल बरसाती है यूपी पुलिस,मुसलमानों को नमाज पढ़ने से रोकती है:ओवैसी

मिल्लत टाइम्स :हैदराबाद के सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन औवैसी ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर उठाए सवाल। उन्होंने यूपी पुलिस पर सांप्रदायिक सोच के साथ काम करने वाला बताया है
। ओवैसी नोएडा अथॉरिटी के पार्कों में नमाज पढ़ने पर रोक लगाने से नाराज हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पुलिस कावड़ियों पर फूल बरसाती है, लेकिन मुसलमानों के नमाज पढ़ने पर रोक लगाती है। वहीं, पुलिस का कहना है कि उसने यह कदम आगामी लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए शांति कायम करने के लिए उठाया है।
ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा, “यूपी पुलिस ने वाकई में कांवड़ियों के लिए पंखुड़ियों की बौछार की। लेकिन, हफ्ते में एक बार अदा की जाने वाली नमाज शांति और सौहार्द बिगाड़ सकती है। यह मुसलमानों को बताया जा रहा है कि आप कुछ भी कर लो, गलती तो आपकी ही होगी।”
उन्होंने आगे लिखा, “कानून के मुताबिक भी अगर कोई शख्स निजी तौर पर कुछ करता है तो इसके लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कैसे उत्तरदायी ठहराया जा सकता है?”

दरअसल यह पूरा मामला नोएडा के एक पार्क से जुड़ा है। पार्क मे मुस्लिमों को नमाज पढ़ने पर सेक्टर 58 थाना पुलिस ने रोक लगा रखी है। पुलिस ने इस संबंध में आस-पास स्थित कंपनियों को नोटिस भेजा है और कर्मचारियों को नोएडा अथॉरिटी के पार्क में नमाज नहीं पढ़ने की बात कही है। पुलिस ने कहा है कि अगर कोई भी कर्मचारी अथॉरिटी के पार्क में नमाज पढ़ते पाया गया तो इसकी जिम्मेदार कंपनी होगी और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, पुलिस की इस नोटिस से जिला प्रशासन ने पल्ला झाड़ लिया है। जिला प्रशासन का कहना कि पुलिस का नोटिस सिर्फ नोएडा अथॉरिटी के सेक्टर-58 के पार्कों के लिए है। यह पूरे शहर के लिए नहीं है।

पुलिस का कहना है कि अगर पार्कों में किसी को धार्मिक आयोजन करना है तो उसे अथॉरिटी से परमिशन लेनी होगी। पुलिस का कहना है कि अथॉरिटी के पार्क में कई लोगों ने नमाज की इजाजत मांगी थी लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई। बावजूद इसके लोग पार्क में पहुंचकर नमाज पढ़ते देखे गए। पुलिस ने साफ किया कि यह रोक किसी धर्म-विशेष के लिए नहीं है। बल्कि, सभी धार्मिक क्रियाकलापों के संदर्भ में है।

लेकिन वही उस नोटिस में दूसरे धर्मों का नाम नहीं लिखा गया है सिर्फ मुस्लिमों का नाम लिखा गया है उस नोटिस में कहा गया है कि मुस्लिम कर्मचारी पार्क में नमाज नहीं पढ़ सकते हैं अगर नमाज पढ़ते हैं तो कंपनी जिम्मेदार होगी
और आगे लिखा हुआ है कि 2019 के चुनाव के मद्देनजर संप्रदायिक सौहार्द से बिगड़ सकता है लेकिन वहां सभी धर्म के लोग कोई ना कोई कार्यक्रम करते रहते हैं और किसी ने भी कोई परमिशन नहीं लेती है तो क्या पुलिस ने नेता की राह पर चलते हुए एक खास धर्म को टारगेट किया है

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity