गो तस्करी के शक में मारे गए रकबर के परिवार को ट्रक ने कुचला,दो लोगों की मौत,कई घायल

मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली: गत जुलाई में राजस्थान के अलवर में गोतस्करी के शक में मारे गए कोलगांव के रकबर का परिवार रविवार सुबह हादसे का शिकार हो गया। हादसे में एक युवती समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि रकबर की पत्नी व उसके दो बेटे और एक बेटी घायल हैं, जिन्हें नूंह के नलहड़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती है। पुलिस ने अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रथम दृष्टया हादसा घनी धुंध के कारण होना बताया जा रहा है। हालांकि रकबर के पिता सुलेमान ने आरोप लगाया कि यह हादसा नहीं बल्कि साजिश है। उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
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पुलिस के अनुसार रकबर के साले टपकन निवासी मोरमल ने रिपोर्ट में बताया कि उसकी बहन असमीना, भांजी साहिला (11) व भांजे रिहान (6) व मंसर (1) और उसकी दूसरी बहन की बेटी संजीदा (13) पुत्री कमाल अलीगढ़ में पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी द्वारा संचालित स्कूल में पढ़ने वाले अपने चार बच्चों से मिलने के लिए कोलगांव से किराए की स्कॉर्पियो में सुबह करीब 5.30 बजे रवाना हुए थे। गाड़ी साईमीरबास निवासी सलीम पुत्र अब्दुल्ला चला रहा था।

करीब सात बजे बड़कली चौक पहुंचने से पहले पिथोरपुरी मोड़ के पास सामने से आ रहे ट्रक ने गाड़ी को टक्कर मार दी। जबरदस्त टक्कर से गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इसमें सवार सभी छह लोग बुरी तरह घायल हो गए। हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया। घायलों को 500 मीटर की दूरी पर मौजूद जिला अस्पताल अल-आफिया पहुंचाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद सभी को मेडिकल कॉलेज नूंह के लिए रेफर कर दिया।

इस दौरान रास्ते में संजीदा की मौत हो गई। वहीं चालक सलीम को नूंह मेडिकल कॉलेज से फरीदाबाद के एस्कोर्ट अस्पताल रेफर कर दिया, जहां उसकी भी मौत हो गई। असमीना, साहिला, रिहान व मंसर का इलाज चल रहा है। डॉक्टर निहाल सिंह सोलंकी ने बताया कि घायलों को 7.45 बजे आपात वार्ड में लाया गया था। संजीदा की पसलियां टूटी हुई थी। वहीं चालक को भी गंभीर चोटें लगी थी। जांच अधिकारी सुंदर सिंह ने बताया चालक का शव फरीदाबाद व किशोरी का शव नूंह में पोस्टमार्डम के लिए रखा गया है। हादसे की पीछे साजिश होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी जांच चल रही है कुछ कह पाना ठीक नहीं होगा। फिलहाल धुंध के कारण हुआ हादसा लगता है।

रकबर की मौत के बाद से ही मेरा परिवार डरा हुआ है। असमीना रकबर की मौत के चार माह बाद पहली बार अपने बच्चों के साथ घर से बाहर निकली थी और हादसा हो गया। यह घटना साजिश का हिस्सा है। हाईवे की बर्म पर जाकर गाड़ी को कुचला गया, यह इत्तेफाक नहीं हो सकता। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। -सुलेमान, रकबर के पिता

अमर उजाला इनपुट के साथ

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity